297+ Best Mausam Shayari in Hindi | बारिश के मौसम पर शायरी

गर्मी के मौसम का भी एक पल आता है !!
जिसमे आधे कपड़े और ठंडे पानी का नल भाता है !!

हँसाना नहीं बस रुलाना जनता है !!
हाय ये गर्मी का मौसम बस जलाना जानता है !!

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लो बदल गया मौसम !!
हूबहू तुम्हारी तरह !!

हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे !!
हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ !!

बाहर के मौसम से यूँ भी बेखबर होया न कर !!
किसी की यादों में यूँ भी दिन-रात खोया न कर !!

कोई मौसम हो दिल-गुलिस्ताँ में !!
आरज़ू के गुलाब ताज़ा हैं !!

किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज !!
उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी !!

उदास ज़िन्दगी उदास वक्त उदास मौसम !!
कितनी चीज़ों पे इल्ज़ाम लग जाता है तेरे बात न करने से !!

सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता है !!
उस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है !!

बरसात के मौसम में खुद को भिगा दें !!
दिल बहुत रोया है आखों को भी रूला दें !!

ऊपर से तो सूरज की गर्मी ने सता रखा है !!
नीचे इस लड़की की अग्नि ने जला रखा है !!

मौसम बदलता है तुम भी बदल गये !!
ये नये जमाने का इश्क़ है हम भी बदल गये !!

कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की !!
गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम !!

एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरबाई भी !!
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी !!

अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना !!
अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी !!

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Mausam Shayari in Hindi

टपक पड़ते हैँ आँसू जब किसी की याद आती है !!
ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीँ होता !!

शहर में बिखरी हुई हैं !! ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ !!
ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया !!

जुदाई की रुतों में सूरतें धुंधलाने लगती हैं !!
सो ऐसे मौसमों में आइना देखा नहीं करते !!

वही पर्दा, वही खिड़की, वही मौसम ,वही आहट !!
शरारत है, शरारत है,शरारत है,शरारत है !!

सर्द मौसम में छनी हुयी धुप सी लगते हो !!
कोई बादल हरे मौसम का फ़िर ऐलान करता है !!

इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने !!
धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !!

मौसम इस कदर खुमारी मे है !!
मेरा शहर भी शिमला होने की तैयारी में है !!

बालकनी से बाहर आकर कर देखो ये जानेजाना !!
मौसम तुम से मेरे दिल की बात कहने आया है !!

रंग पैराहन का खुश्बू जुल्फ लहराने का नाम !!
मौसम-ए-गुल है तुम्हारे बाम पर आने का नाम !!

बदला जो रंग उसने हैरत हुयी मुझे !!
मौसम को भी मात दे गयी फ़ितरत जनाब की !!

क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी !!
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा !!

उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी !!
कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है !!

हमें क्या पता था ये मौसम यूँ रो पड़ेगा !!
हमने तो आसमां को बस अपनी दास्ताँ सुनाई है !!

जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो !!
तो संग मौसम बाहर का लाते हो !!

तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद !!
काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे !!

Mausam Shayari

विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है !!
मौसम तो इंसान के अंदर होता है !!

रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम !!
गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह !!

कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए !!
और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी !!

मौसम का मिजाज समझ में नही आता है !!
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है !!

अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू. !!

लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है !!
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है !!

आज मौसम ने मूड सुहावना बना रखा है !!
चलो अंदर चलते है बेफ़िजूली बातों में क्या रखा है !!

इश्क़ में सुहाना लगता है हर मौसम !!
हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ़ गम !!

बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है !!
के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है !!

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे !!
मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे !!

नीचे गिरे पत्ते भी सुख जाया करते है !!
सर्दी के मौसम में जोड़े भी रूठ जाया करते है !!

आ देख मेरी आँखों के !! ये भीगे हुए मौसम !!
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम !!

बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में !!
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर !!

मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा !!
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा !!

काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड !!
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह !!

बारिश के मौसम पर शायरी

सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ !!
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ !!

जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है !!
मौसम तो इंसान के अंदर होता है !!

आज है वो बहार का मौसम !!
फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए !!

टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है !!
जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है !!

सुहाने से मौसम में रूहानी सी बात कह गई !!
उससे प्यार नही करना था मगर प्यार हो गई !!

तुम मौसम की तरह बदल रही हो !!
मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ !!

Mausam Shayari in Hindi

मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गई !!
दीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ !!

कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है !!
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन है !!

जाता हुआ मौसम लौटकर आया है !!
काश वो भी कोशिश करके देखे !!

तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है !!
अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है !!

मौसम भी है सुहाना बारिश भी हो रही है !!
बस एक कमी है तेरा मुझसे गले लग जाना !!

मस्त मौसम दिल में बहार लता है !!
बिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है !!

मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी !!
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं !!

सर्दी में दिन सर्द मिला !!
हर मौसम बेदर्द मिला !!

जो उन मासूम आँखों ने दिए थे !!
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ !!

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तब्दीली जब आती है मौसम की अदाओं में !!
किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है !!

चांद का इशारा है चाँदनी मौसम आपका नहीं बस ये सिर्फ हमारा है !!

हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक़्त आता है !!
जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है !!

कुछ तो मौसम-ए-हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी !!
दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी !!

बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम !!
चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें !!

महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है !!
महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है !!

तेरे तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर !!
मिरे लिए सर्दियों का मौसम ज़रा अलग है !!

हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है !!
ये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है !!

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था !!
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !!

शहर देखकर ही अब हवा चला करती है !!
अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं !!

हिंदी
दूर जाकर भी मुझे तुम कितना सताते हो !!
इस सर्द मौसम में तुम बहुत याद आते हो !!

ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद !!
चलो फिर मिलते है एक कप चाय के साथ !!

जो मजा आपके इन्तजार में है !!
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है !!

मोहब्बत करने का कोई मौसम नही होता है !!
इस जमाने में कोई बेवफा हो जाएँ तो गम नही होता है !!

जब बेवफाई का मौसम आता है !!
बात करने का लहजा बदल जाता है !!

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Barsat ka mausam

सर्द मौसम में आग लगाया ना करों !!
बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों !!

हमें इस सर्द मौसम में तेरी यादें सताती हैं !!
तुम्हें एहसास होने तक दिसंबर बीत जायेगा !!

इसमें मौसम का क्या कसूर है !!
जब मेरी चाहत ही मुझसे दूर है !!

जब से तेरे ख़याल का मौसम हुआ है दोस्त !!
दुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये !!

कब तलक दिल में जगह दोगे हवा के ख़ौफ़ को !!
बादबाँ खोलो कि मौसम का इशारा हो चुका !!

उस को भला कोई कैसे गुलाब दे !!
जिसके आने से बारिश का मौसम और गुलाबी हो जाता है !!

मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी !!
जिस फूल को देखूं वोही पैमाना हुआ है !!

कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं !!
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ? “मौसम” की या “अपनों” की !!

दिल खुश हो जाता था जिसके मुस्कुराने से !!
ये मौसम बेरंग हो गया है उसके छोड़ जाने से !!

छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को !!
सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है !!

वाह मौसम तेरी वफा पे आज दिल खुश हो गया !! !!
याद-ए-यार मुझे आयी और बरस तू पड़ा !!

मेरे दिल को तोड़कर तू मिलने का बहाना न कर !!
दर्द हमने बहुत सहे है !!
इस मौसम को सुहाना न कर !!

रिमझिम बरस पड़े हो तुम तो फुहार बन के !!
आया है अब तो मौसम कैसा खुमार बन के !!
मेरे दिल में यूँहीं रहना तुम प्यार प्यार बन के !!

जब इंसान की फितरत बदल रही हो तो !!
ये जरुरी नहीं की इंसान बदल गया !!
हो सकता है बाहर का मौसम बदल रहा हो !!

मौसमी रंग भी कितना रंगीन होता है !!
ठहरता है बस कुछ वक्त के लिए !!
पर फिर भी ये मौसम हसीन होता है !!

Mausam in hindi

भूली यादों को याद कर के आज रोया हूँ !!
भूले जख्मो को आज फिर से म भिगोया हूँ !!
तभी ठंडी के मौसम में भी लंबी चदर को तान सोया हूँ !!

इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा है !!
वैसे पीता तो नहीं पर फिर भी !!
नशा पूरा चढ़ा रखा है !!

तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे है !!
हम तो मर ही गए थे !!
लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है !!

मौसम की तरह बदलना तुम्ही ने सिखाया है !!
तभी तो आज ये चाँद तेरे लिए नहीं !!
तेरी दोस्त के लिए आया है !!

अरे बारिश का मौसम भी कुछ बता रहा है !!
खुले बाल कर उनका यूँ मेरी तरफ चले आना !!
ओह अरे मुझे शता रहा है !!

इस मौसम से सब परेशान है !!
नाक में झरना और झरने पर रुमाल !!
ये सब इसी मौसम की तो पहचान है !!

प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं !!
पर जब तुम सामने आते हो !!
तो हर मौसम मजेदार बन जाता हैं !!

मौसम अच्छा हो गया है !!
लगता है मेरी जिंदगी में !!
तुम आने वाले हो !!

साहिल. रेत. समंदर लहरें बस्ती .जंगल सहरा दरिया !!
खुशबू मौसम फूल दरीचे बादल सूरज चाँद सितारे !!
आज ये सब कुछ नाम तुम्हारे !!

वाह मौसम आज तेरी अदा पर !!
दिल को प्यार आ गया वो पास आई !!
और तू बारिश बनकर बरस गया !!

कहानी बस इतनी सी थी तेरी मेरी मोहब्बत की !!
मौसम की तरह तुम बदल गए !!
और फसल की तरह हम बरबाद हो गए !!

दिसंबर में मौसम भी कति प्यारा होता है !!
होता ठंडा है मगर !!
फिर भी सबका दुलारा होता है !!

बेईमान मौसम से पूछो कुछ हरकत कर रहा है !!
बताता नहीं क्या !!
ये मेरे हमसफर से डर रहा है !!

अरे इतना भी मत सताओ
मौसम सुहाना है !!
थोड़े नखरे कम करो !!
दूर क्यूँ हो !!थोड़ा पास आजाओ !!

जो आना चाहो हज़ारों रास्ते !!
न आना चाहो तो हज़ारों बहाने !!
मिज़ाज-ऐ-बरहम मुश्किल रास्ता !!
बरसती बारिश और ख़राब मौसम !!

Mausam Shayari in Hindi

Ye mausam ki barish

कुछ तो हवा भी सर्द थी !!
कुछ था तेरा ख़याल भी !!
दिल को ख़ुशी के साथ साथ !!
होता रहा मलाल भी !!

जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा है !!
नज़रों का कहर दिल में दबा रखा है !!
अपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा है !!
हमारे मौसम को धुंए में जला रखा है !!

ये मौसम कितना प्यार है !!
खूबसूरत कितना यह नजारा है !!
इश्क़ करने का गुनाह हमारा है !!
मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है !!

यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते !!
बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते !!
जो आने वाले हैं मौसम उनका एहतराम करो !!
जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते !!

इस सर्दी के मौसम ने भी बोहोत सताया है !!
फिर तेरी यादों ने भी नींदो से हमें जगाया है !!
ठन्डे मौसम में भी हमे जोरों से रुलाया है !!
अकेलेपन से मुझे मेरे मित्रों ने ही तो बचाया है !!

इस ठंडे मौसम की बाहर बन कर !!
ठंडी में भी गर्मी की फुहार बनकर !!
शुर मय जीवन में छनकार बनकर !!
तेरी मोहोब्बत में फसा हूँ !!
एक लाचार बनकर !!

मौसम की तरह इंसान नही बदलते है !!
मौसम बदलने का पता चल जाता है !!
मगर इंसान के बदलने का पता !!
बड़ी देर में चलता है !!

कोई दिल में इस कदर उतर जाता है !!
जिसके बाद हर मौसम रंगीन नजर आता है !!
उसे ना देखों तो दिल बेचैन हो जाता है !!
उसे देख लो तो उस पर प्यार आता है !!

किसने कहा इश्क़ बेवफा होता है !!
किसने कहा इश्क़ सजा देता है !!
किसी के इश्क़ में पूरी तरह डूब कर देखो !!
उसकी यादों का मौसम भी मजा देता है !!

आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया !!
ख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया !!
बारिश की बूंदे गिरी इस तरह से !!
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया !!

मौसम की पहली बारिश में तुम मिले इस तरह !!
जैसे धरती मिल गई हो आसमान से !!
जैसे बूँदों ने पहली बार किया हो !!
आलिंगन माटी के सीने से और उसी माटी की सौंधी !!
खुशबू की तरह फैल रहा है हर तरफ प्यार तेरा !!

दिल की बाते कौन जाने !!
मेरे हालात को कौन जाने !!
बस बारिश का मौसम है !!
पर दिल की ख्वाहिश कौन जाने !!
मेरी प्यास का एहसास कौन जाने !!

अपना अंदाज है !!
कुछ मौसम रंगीन है !!
तारीफ करूँ या चुप रहूँ !!
जुर्म दोनो ही संगीन है !!

इस सुहाने मौसम का थोड़ा एहतराम तो कर ले !!
घर तेरे आयें है थोड़ा इंतजाम तो कर ले !!
इन झूठी बातों पर थोड़ा लगाम तू कर ले !!
सोचेगा क्या इतना अरे !!
इंतजाम तो कर ले !!

इन्सान हमेशा शिकायत करता है !!
कि ये मौसम अच्छा नही होता है !!
वो मौसम अच्छा होता है !!
लेकिन जब इंसान मेहनत करता है !!
और सफलता मिलती है तब हर मौसम !!
अच्छा और रंगीन लगता है !!

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रंगरलियां करते हुए इस मौसम से पूछो जरा !!
मेरा महबूब के घर और गलियों का पता !!
उनके अंदर के नेचर और फिलिंग का पता !!
अरे मौसम रुक मत तू जल्दी बता !!
मुझे लव है उन्हें क्या ये भी है पता !!
प्यारे मौसम तू रुक मत चल जल्दी बता !!

जिसे भीगने का डर होता है !!
वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है !!
जिसे बिछड़ने का डर होता है !!
वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है !!

जाते मौसम से ज़बान पूछती !!
कल फिर इसी अंदाज में लोट आओगे ना !!
थोड़ा जल्दी नहीं पर देर से भी आ जाओगे ना !!
थोड़ी मुश्किल होगी पर फिर चले आओगे ना !!
अब कुछ बोल दो कल फिर से लोट आओगे ना !!

तेरे चेहरे को देख दिल में सवाल होता है !!
तेरी जुल्फों से भी हाय क्या कमाल होता है !!
गलों से भी दिल में बवाल होता है !!
पर तोड़ दिल को देख मुझको मलाल होता है !!

आज मौसम भी बड़ी बेईमानी कर रहा है !!
खुद तो अच्छे से देख रहा है उन्हें !!
पर म देखूं !!
तो परेशानी कर रहा है !!

उदास जिन्दगी लगती है !!
उदास वक़्त लगता है !!
उदास ये मौसम लगता है !!
जब उदास तू लगता है !!

इस मौसम ने सबको सताया है !!
जो भीगा नहीं था !!
आज उसको भी भिगाया है !!
कीचड़ में भिगाया है !!
नाले में बहाया है !!
इस मौसम ने सबको नचाया है !!

मंजर भी बेनूर थे !!
और फिजायें भी बेरंग थी !!
तुम्हारी याद आयी और !!
मौसम सुहाना हो गया !!

लोग कहते है कि !!
दिन छोटा होता है तब रातें लम्बी हो जाती है !!
मैं कहता हूँ कि !!
जब दिल टूटता है तब रातें लम्बी हो जाती है !!

बगल वाली भाभी को देख कर कहता है !!
मौसम को रंगीन बना रखा है !!
फिगर को हसीन बना रखा है !!
जी चाहता है पा लूँ तुझे म आज !!
पर क्या करूं बीवी ने पति से ज्यादा !!
मशीन बना रखा है !!

दर्द दर्द में कोई मौसम प्यारा नही होता !!
दिल हो प्यासा तो पानी से गुजारा नही होता !!
कोई देखे तो हमारी बेबसी !!
हम सभी के हो जाते हैं !!
पर कोई हमारा नही होता !!

मौसम शायराना अंदाज में कहता है !!
तेरी जुल्फों की लहरहाट देख !!
दिल मेरा यूँ डग मगा सा गया है !!
तेरी नशीली आँखों का जहर !!
इस दिल में समा सा गया है !!
तेरी करीबियों का ये आलम !!
दिल घबरा सा गया है !!
कहना चाहते थे कुछ बाते !!
हाय मन शर्मा सा गया है !!

गर्मी वाले मौसमी मज़े !!
ठंडे पानी से नहाने का मजा !!
ठंडी कुल्फी को खाने का मज़ा !!
निम्बू पानी को बनाने का मज़ा !!
भरी गर्मी में बत्ती जाने का मज़ा !!

प्यार के मौसम में जीवन बीत जाएँ !!
तो वो जिंदगी सबसे खूबसूरत है !!
एक तरफ़ा प्यार में जीवन बीत जाएँ !!
वो भी जिन्दगी हसीन है !!
मगर जिसको किसी से प्यार नही है !!
उसके जीना ही बेकार है !!

मौसम का मजा तो गरीब लेते है !!
अमीरों को गर्मी सर्दी और !!
बरसात के मौसम का पता ही !!
कहाँ चलता है !!

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धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती !!
रात ढलती नहीं थम जाती है !!
सर्द मौसम की एक दिक्कत है !!
याद तक जम के बैठ जाती है !!

क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए !!
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए !!
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं !!
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए !!

सतरंगी अरमानों वाले !!
सपने दिल में पलते हैं !!
आशा और निराशा की !!
धुन में रोज मचलते हैं !!
बरस-बरस के सावन सोंचे !!
प्यास मिटाई दुनिया की !!
वो क्या जाने दीवाने तो !!
सावन में ही जलते है !!

सुहाना मौसम भी बिगड़ जाता है !!
आँधियों के चलने से !!
धोखेबाज भी बदल जाते है !!
धोखेबाजियों के चलने से !!

Mausam Shayari in Hindi

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