Dikhawa Shayari in Hindi
इस फरेबी दुनिया से हम दूर जा रहे है !!
जिंदगी की कठिन राहो पर हम चलते जा रहे है !!

दिखावे की दुनिया में दिखाते ही रह गये !!
जो सादगी में थे वो हमसे आगे निकल गये !!
दिखावे की ज़िन्दगी की इतनी कहानी हैं !!
हकीकत एक दिन सबके सामने आनी हैं !!
इस मतलबी दुनिया में इश्क सिर्फ दिखावा है !!
तुझे भी धोखा मिलेगा ये मेरा दावा है !!
क्या उम्मीद रखना उन दिखावटी हमदर्द से !!
जो दर्द में असली रंग दिखाया करते है !!
दिखावा मत करो खुद के होने का !!
मुझे पता है तुम जा चुकी हो मेरे टूटे दिल से !!
इस फरेबी दुनिया के फसाने बहुत है !!
और आजकल के लोगो के चेहरे पर मुखोटे बहुत है !!
और ये जो लोग दिखावा करते हैं !!
अपने दिखावे को ही सच होने का दावा करते है !!
इश्क़ को सरे-आम बदनाम कर !!
अब कपड़े उतारते हैं जनाब मोहोब्बत के नाम पर !!
लोगों को दिखावा पसंद ज्यादा है !!
अपनी असलियत के साथ खुद को लोग मानते आधा है !!
पैसों का दिखावा करना !!
आजकल आम बात हो गई है !!
दिखावा मंजूर है मगर हकीकत नहीं !!
लोगों को इसमें भी कोई दिक्कत नहीं !!
जो लोग दिखावे में विश्वास करते हैं !!
वे हमेशा बेचैन फिरते हैं !!
और दिखावे से ऊपर उठकर देखो !!
ए-दोस्त मेरे ये जिंदगी तुम्हारी अपनी है !!
इतनी तो औकात भी नहीं तुम में !!
जितना तुम Attitude ले कर चलते हो !!
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Dikhawa Shayari in Hindi
बनावटी दुनिया में इंसानियत का तमाशा !!
देखा !! आज हाथ उठे भी मदद को तो दिखावे के लिए !!
हर इंसान में इतना दिखावा है जनाब जो खुद को !!
एक दफा आईने में देख ले तो खुद को देख नहीं पाएगा !!
दिखावे की ज़िन्दगी की इतनी कहानी हैं !!
हकीकत एक दिन सबके सामने आनी हैं !!
दिखावे की जिन्दगी !! दिखावे की मुस्कान !!
खुद को आईने में तू देख कितना बदल गया इंसान !!
दिखावा मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का !!
हम खामोश तो है लेकिन ना-समझ नहीं !!
इतनी तो औकात भी नहीं तुम में !!
जितना तुम Attitude ले कर चलते हो !!
अपने रिश्ते को लेकर कभी भी दिखावा नहीं करना चाहिए !!
क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव रिश्ते पर जरुर पड़ता है !!
निभाते दुश्मनी है पर खुद को हमारा सनम बताते हैं !!
लगाते नमक है पर हमे कम्बख्त मरहम बताते हैं !!
तुझे तो मोहब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी !!
अब तो बात नफरत की है सोच तेरा क्या होगा !!
ये नकाब पहन कर मेरे दिल के दरवाज़े पर आया मत करो !!
दुश्मन हो तो खुल कर कहो मुझे अपना दोस्त बताया मत करो !!
दोस्त तुम अभिनेता क्यों नहीं बन जाते !!
वाकई नाटक बहुत अच्छा कर लेते हो !!
इस फरेबी दुनिया से हम दूर जा रहे है !!
जिंदगी की कठिन राहो पर हम चलते जा रहे है !!
इस मतलबी दुनिया में इश्क सिर्फ !!
दिखावा है तुझे भी धोखा मिलेगा ये मेरा दावा है !!
नकली नकली सा लगने लगा है ये जमाना !!
दिखावे का कितना बढ़ गया है फ़साना !!
वादा मत किया कर दावा मत किया कर !!
इश्क़ निभाया ना जाए तो दिखावा मत किया कर !!
Dikhawa Shayari
अपने होने का दावा करते हैं लोग !!
और कुछ नहीं बस दिखावा करते हैं लोग !!
और मोहब्बत में दिखावा आम बात हो गई है !!
सच्ची मोहब्बत लोगों के लिए हराम बात हो गई है !!
दिखावा करने वालो को कोई कुछ क्यों नही कहता हैं !!
अक्सर लड़कियों के सामने लड़का ज्यादा दिखावा करता हैं !!
इस दिखावे की दुनिया में मोहब्बत ना दिखा !!
तेरी फितरत में आज भी मतलब का खंजर होगा !!
ऐसा नहीं है की मैं तुझसे मोहोब्बत नहीं करता !!
फ़र्क़ बस इतना है की मैं दिखावा नहीं करता !!
इस दिखावे की दुनिया में लोग बहुत कुछ दिखा जाते हैं !!
जो ज्ञान लोगों के पास नहीं होता हमें वो भी सिखा जाते हैं !!
बाहरी दिखावे से पहले अपने घर में झाँक कर देखो !!
ये खोखली नुमाइशें घर में सुख नहीं लायेंगी !!
बस हमें अच्छा लगना है यही रीजन है !!
आप भी करिए भाई साहब दिखावे का सीजन है !!
चलो आज फिर से दिखावा करते हैं !!
तुम पुछो कैसे हो मै कहूँ बस ठीक !!
जमाना चाहे जैसा भी हो गया हो !!
लेकिन मुझे नहीं लगता कि मुझे दिखावे की जरूरत है !!
दिखावे की मोहब्बत का बाज़ार चलता है !!
यहाँ !! सच्चे एहसास रोज खुदखुशी करते है !!
दिखावा भर है वरना कहाँ अपना मानते हैं !!
लोग ज़रा सा सच कहो तो कितना बुरा मानते हैं लोग !!
दिखावा लोग करते हैं !!
और दिखावे पे ही ये लोग मरते हैं !!
जितनी लंबी चादर उतने ही पैर पसारो !!
जैसे हो वैसे रहो इस दिखावे को गोली मारो !!
अपनी असलियत भूल जाएंगे लोग इस दिखावे !!
के चक्कर में आएंगे नहीं फिर कभी खुद खुद की ही पकड़ में !!
दिखावे के रिश्ते शायरी
अब तो दोस्त भी रूठने लगे हैं !!
शायद मेरे दिखावे से ऊबने लगे हैं !!
शून्य’ को छोड़ संख्याओं से दोस्ती की !!
संख्याओं ने फिर से शून्य ही बना डाला !!
दिखावे की भी एक सीमा होती है उस सीमा को !!
पार करने का मतलब होता है मुसीबत को न्योता देना !!
हमे तो दोस्तों ने ज़िन्दगी में बस यही सबक सिखाया है !!
ये दोस्ती की बाते सब झूठी है सब दिखावा है !!
सच क्या है कुछ भी छुपा नहीं है उस राम से !!
तुम्हें पता है दिखावे की जिन्दगी कुछ वक़्त ही गुजरती है आराम से !!
नफरतों को जलाओ मोहब्बत की रौशनी होगी !!
वरना इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए ह !!
झूठी शान के परिन्दें ज्यादा ही फड़फड़ाते है !!
सादगी की उड़ान बाज की तरह ऊँचा उड़ कर दिखाते हैं !!
मदद वही होती है जो चुप-चाप की जाए !!
जो सभी को बताकर की जाए उसे दिखावा कहते हैं !!
झूठ को सच साबित करने के लिए दावा मत किया करो !!
चाहते नहीं हो अगर तो चाहने का दिखावा मत किया करो !!
दिखावा भर है वरना कहाँ अपना मानते हैं लोग !!
ज़रा सा सच कहो तो कितना बुरा मानते हैं लोग !!
निभाते दुश्मनी है पर खुद को हमारा सनम बताते हैं !!
लगाते नमक है पर हमे कम्बख्त मरहम बताते हैं !!
हमे तो दोस्तों ने ज़िन्दगी में बस यही सबक सिखाया है !!
ये दोस्ती की बाते सब झूठी है सब दिखावा है !!
वादा मत किया कर दावा मत किया कर !!
इश्क़ निभाया ना जाए तो दिखावा मत किया कर !!
ऐसा नहीं है की मैं तुझसे मोहोब्बत नहीं करता !!
फ़र्क़ बस इतना है की मैं दिखावा नहीं करता !!
मोहोब्बत जो हकीकत में करते है दिखावा नहीं करते !!
जो चाहने का दिखावा करते हैं वो निभाया नहीं करते !!
Dikhawa karne wale log
ये इंसानी दुनिया से तो खुदा तेरी कुदरत ही अच्छी थी !!
ये दिखावे की मोहोब्बत से तो रूबरू नफरत की अच्छी थी !!
जहाँ सिर्फ तू पिसेगा ये दुनिया वो खाली ओखली है !!
बहार से दिखती होगी लोगों से भरी अंदर से ये दुनिया खोखली है !!
अब भूल से भी ना मुझे तंग कर दिखाना !!
छोड़ दिया है मैंने अच्छा बन कर दिखाना !!
ऐ खुदा क्यों तुम इन गंवारों को समझा क्यों नहीं देते !!
जो निजी मामलों में दखल देते है वो मदद नहीं देते !!
हम दर्द में होने का शोर ही नहीं करते !!
बस इसलिए हमारे दर्द पर कोई गौर ही नहीं करते !!
यूँ दिखावा ना कर मेरे सामने शराफत का !!
मैं बस खामोश हूँ नासमझ नहीं !!
वक़्त हम दोनों ने ही उस रिश्ते में बिताया था !!
फ़र्क़ बस इतना था हमारा प्यार सच्चा था उनका दिखावा था !!
जिस नज़ाकत से लहरे पैरों को छूती है !!
यकीन नहीं होता इन्होने कभी कश्तियाँ दुबई होंगी !!
रिश्ता अब दुनिया से दुनिया की ही तरह निभाना पड़ता है !!
अंदर से कुछ और बहार से कुछ और बन कर दिखाना पड़ता है !!
अगर हो कोई तो तेरी जैसी नसल हो !!
दिखावा भी इस क़दर करती हो जैसे असल हो !!
दिखावे की ज़िन्दगी की इतनी कहानी हैं !!
हकीकत एक दिन सबके सामने आनी हैं
दिखावे की दुनिया में दिखाते ही रह गये !!
जो सादगी में थे वो हमसे आगे निकल गये !!
दिखावे की जिन्दगी दिखावे की मुस्कान !!
खुद को आईने में तू देख कितना बदल गया इंसान !!
दिखावे से दूर हकीकत से वास्ता हो !!
ज़िन्दगी सरल हो भले ही कठिन रास्ता हो !!
नकली-नकली सा लगने लगा है ये जमाना !!
दिखावे का कितना बढ़ गया है फ़साना !!
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Dikhave ki duniya
अब तो दोस्त भी रूठने लगे हैं !!
शायद मेरे दिखावे से ऊबने लगे हैं !!
ये जो लोग दिखावा करते हैं !!
अपने दिखावे को ही सच होने का दावा करते है !!
दिखावा मंजूर है मगर हकीकत नहीं !!
लोगों को इसमें भी कोई दिक्कत नहीं !!
असलियत का सामना करने से डर लगता है !!
कुछ लोगों को दिखावा ही अपना घर लगता है !!
हकीकत में आने का इसलिए मन करता नहीं लोगों का !!
क्योंकि दिखावे से मन भरता नहीं लोगों का !!
अपने होने का दावा करते हैं लोग !!
और कुछ नहीं बस दिखावा करते हैं लोग !!
अपनी दिखावे की जिंदगी में कुछ लोग ऐसे खोते हैं !!
जब असलियत बाहर आती है खुद की फिर खूब रोते हैं !!
इस दिखावे की दुनिया में लोग बहुत कुछ दिखा जाते हैं !!
जो ज्ञान लोगों के पास नहीं होता हमें वो भी सिखा जाते हैं !!
दिखावे की जिन्दगी दिखावे की मुस्कान !!
खुद को आईने में तू देख कितना बदल गया इंसान !!
जितनी छोटी हस्ती हैं उतना ज्यादा किया बखान हैं !!
खाने को रोटी नहीं और संगमरमर से बना मकान हैं !!
अब तो दोस्त भी रूठने लगे हैं !!
शायद मेरे दिखावे से ऊबने लगे हैं !!
दिखावा करने वालो को कोई कुछ क्यों नही कहता हैं !!
अक्सर लड़कियों के सामने लड़का ज्यादा दिखावा करता हैं !!
जिन्दगी में दिखावा इतना भी न करें !!
कि जिन्दगी के आख़िरी पल अफ़सोस में गुजारना पड़े !!
उनमें सादगी होता है जो रहते हैं गाँव में !!
दिखावा बढ़ जाता है जो रहते है पैसों की छाँव में !!
नकली-नकली सा लगने लगा है ये जमाना !!
दिखावे का कितना बढ़ गया है फ़साना
Dikhawa karna
दिखावे से दूर हकीकत से वास्ता हो !!
ज़िन्दगी सरल हो भले ही कठिन रास्ता हो !!
अक्सर लाखों उड़ा देते हैं लोग दिखावे में !!
पैसों की कमी हो जाती है गरीबों के इलाके में !!
न थी कोई ख्वाहिश न ही कोई फरमाइश !!
थी तो सिर्फ़ उस झूठे प्यार की नुमाइश !!
इतनी तो औकात भी नहीं तुम में !!
जितना तुम Attitude ले कर चलते हो !!
स्मार्टफोन सी आदतें इंसान की हो गयी !!
एक ऊँगली के कुरेद से कितनी परतें खुल गई !!
दिखावा किया जब था संभलना !!
अफ़सोस करने का अब फायदा क्या !!
दिखावे का प्यार करने !!
वाले से अच्छे तो वो लोग हैं !!
जो मुंह पर सच बोलते हैं !!
और नफरत दिखाते है !!
इस दिखावे की दुनिया !!
में मोहब्बत ना दिखा !!
तेरी फितरत में आज भी !!
मतलब का खंजर होगा !!
हर कलम की नोक पर !!
किसी का नाम होता है !!
मोहब्बत में दिखावटी !!
चीजो का जाम होता है !!
बिठाकर मतलब की कश्ती !!
पर मुझे डुबाना चाहते है !!
मेरे कुछ अपने जो मुझे झूठा !!
दिलासा देकर गिराना चाहते है !!
अपना वही है जो !!
अपनो को पास लाए !!
बाकी सब तो जिंदगी में !!
फरेब के रिश्ते कहलाए !!
मुझे जरूरत नही है !!
अब तुम्हारे दिखावे की !!
मैने तो सच का आइना !!
कब का देख लिया है !!
दुखो का बाजार !!
खोल रखा है मैने !!
कोई मुस्कुराहट दे !!
दो दिखावे के लिए !!
दिखावा मत करो !!
खुद के होने का !!
मुझे पता है तुम जा !!
चुकी हो मेरे टूटे दिल से !!
इंसान की क्या बात करे !!
मन मैला और वाणी साफ रखे !!
इसे क्या ही दौर कहे !!
जो तानो से अपनी बात कहे !!
Jhoota dikhawa in english
इस फरेबी दुनिया के फसाने बहुत है !!
और आजकल के लोगो के !!
चेहरे पर मुखोटे बहुत है !!
दूसरो पर छीटाकशी !!
और अपना दामन साफ है !!
दूसरो की गलती महापाप !!
और अपना अपराध साफ है !!
दिखावटी यह जमाना है !!
दिखावटी सपने बुनता है !!
दिखावटी चेहरो पर !!
दिखावटी मुखड़ा ही खिलता है !!
तुम झूठ कहना हम सच मान लेगे !!
तुम हमदर्दी का दिखावा करना !!
हम उसे मोहब्बत समझ लेगे !!
तब लफ्जो के मायने बदल जाते है !!
जब सच आता है सामने !!
तो झूठ के मायने बदल जाते है !!
ताक पर रखकर अरमानो !!
को खेल रहे है जज्बातो पर !!
यह जमाना तंग कस्ता है !!
एक दूसरे के विचारो पर !!
व्यवहार तब तक है जब तक सम्मान है !!
आप सम्मान करना भूल जाओ हम !!
आपके व्यवहार को भूल जाएंगे !!
लोग कुछ इस कदर दिखावटी बन जाते हैं !!
एक कदम मयखाने में रखते है !!
और दूसरा मंदिर में दिखाते है !!
किरदार सबका दिखावटी !!
चेहरा हर एक बनावटी !!
मिजाज धीरे-धीरे सख्त !!
होने लगा है आओ चले दोस्तो !!
जाम का वक्त होने लगा है !!
हंसते तो बचपन में मां के साथ थे !!
जनाब अब तो बंद पिंजरे के पंछी है !!
सिर्फ दिखावे के लिए हंसते है !!
जब मुसीबतें आती है तो वो !!
एक कड़वा सच लेकर आती है !!
सिर्फ अपने साथ में और दिखावे के !!
रिश्ते भागते नजर आते हैं !!
तनहाई ही बेहतर है !!
दुनिया के झूठे वादो !!
और गलत इरादो से !!
दिल ऊंब सा गया है !!
अब दिखावटी जज्बातो !!
और एहसासो से !!
मेरे दिखावटी हुनर देख !!
कहती वो मुझसे इश्क है !!
अगर मेरी कमजोरी को !!
अपना सको तो कहना !!
मुझे आपकी जरूरत है !!
तलाश जारी है उस इंसान !!
की जिसने सब कुछ !!
खोकर खुद को बनाया है !!
इस दिखावटी दुनिया से !!
खुद को अब तक बचाया है !!
दिखावटी चेहरे से भी !!
कभी जिंदगी जीनी पड़ती है !!
दिल में हो हजारो गम !!
फिर भी खुशियां दिखानी पड़ती है !!
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रखकर होठों पर झूठी हंसी !!
हमने एक दिखावा किया है !!
एक ही पल में हमने जनाब !!
दो किरदारो को जिया है !!
जिन्हें अपने बारे में पता नहीं !!
वो औरों को जानने का दावा करते है !!
लोग उतने अच्छे है नहीं !!
जितना होने का दिखावा करते हैं !!
प्यार करके दिखावो !!
पर दिखावे का प्यार कभी मत करना !!
दिल जितना दर्द सह ले !!
किसी से उतना ही प्यार करना !!
मतलब वाली दूकान में !!
अब इश्क़ बिकती हुई एक “सामान” है !!
सिक्को की गूँज बहरी कर रही !!
एहसास अनसुनी से परेशान है !!
बेमतलब जोड़ गुना भाग लगाते है !!
लोग बातों बातों में आग लगाते है !!
और जिन्हें पसंद होते है पंछी बहुत !!
जनाब वो पिंजरे नहीं बाग़ लगाते है !!
बाहरी दिखावे से पहले !!
अपने घर में झाँक कर देखो !!
ये खोखली नुमाइशें !!
घर में सुख नहीं लायेंगी !!
बड़ा नकली सा हो गया है जमाना !!
सबको है यहाँ दिखाना !!
दिखावट के चक्कर में मंजूर है !!
अपनों को गवाना !!
पूरी छुरी नहीं चाहिए नौक ही काफी है चुभाने को !!
जब गिरे हम कामियाबी के गद्दी से नीचे तो लंगड़े दौड़े !!
हमारा फायदा उठाने को !!
इश्क़ को सरे-आम बदनाम कर !!
अब कपड़े उतारते हैं !!
जनाब मोहोब्बत के नाम पर !!
ये बोझ धोकेबाज़ी का उठाया नहीं जाता !!
पहला धोका तो पहले धोका होता है !!
भूले से भी भुलाया नहीं जाता !!
हर इंसान में इतना दिखावा है जनाब !!
जो खुद को एक दफा आईने में देख ले !!
तो खुद को देख नहीं पाएगा !!
ये जो साथ निभाने का वादा करते हैं !!
इनकी बातों में अपनापन कम होता है !!
ये दिखावा ज्यादा करते हैं !!
दिखावटी यह जमाना है !!
दिखावटी सपने बुनता है !!
दिखावटी चेहरो पर !!
दिखावटी मुखड़ा ही खिलता है !!
कुछ लोग दिखावे से बाज नहीं आते !!
और तब तक करते हैं दिखावा !!
जब तक बाहर निकल कर !!
खुद उनके राज नहीं आते !!
बड़ा नकली सा हो गया है जमाना !!
सबको है यहाँ दिखाना !!
दिखावट के चक्कर में मंजूर है !!
अपनों को गवाना !!
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Dikhawati in english
जब प्यार है ही नहीं तो !!
दिखावा क्यों करते हो !!
जब निभा ही नहीं सकते !!
तो वादा क्यों करते हो !!
अब पानी सर से !!
ऊपर चढ़ने लगा है !!
उनकी मोहब्बत में दिखावा !!
कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा है !!
हर कलम की नोक पर !!
किसी का नाम होता है !!
मोहब्बत में दिखावटी !!
चीजो का जाम होता है !!
मेरा दिल रखने के लिए !!
तुम छलावा ही कर लेते !!
प्यार तो तुम करते नही !!
पर दिखावा ही कर लेते !!
मोहब्बत से सब कुछ मिल जाता है !!
लेकिन अगर मोहब्बत में दिखावा मिल जाए !!
सब कुछ छिन जाता है !!
तुम झूठ कहना हम सच मान लेगे !!
तुम हमदर्दी का दिखावा करना !!
हम उसे मोहब्बत समझ लेगे !!
मोहब्बत जो हकीकत में करते है !!
दिखावा नहीं करते है !!
जो चाहने का दिखावा करते हैं !!
वो निभाया नहीं करते !!
वादा मत किया कर !!
दावा मत किया कर !!
इश्क़ निभाया ना जाए तो !!
दिखावा मत किया कर !!
रखकर होठों पर झूठी हंसी !!
हमने एक दिखावा किया है !!
एक ही पल में हमने जनाब !!
दो किरदारो को जिया है !!
मुझे जरूरत नही है !!
अब तुम्हारे दिखावे की !!
मैने तो सच का आइना !!
कब का देख लिया है !!
आओ लौट चले फिर से !!
अपनी ख्वाबो की दुनिया !!
में हमे नही रहना इस !!
दिखावे भरी दुनिया में !!
इतना भी दिखावटी !!
मत बन इंसान की !!
हकीकत से तू कभी !!
मिल ही ना सके !!
तुम्हे क्या बताएं अपने !!
राज-ऐ-गम जनाब !!
फितरत तो तुम्हारी !!
भी दिखावे की तरह है !!
क्या उम्मीद रखना उन !!
दिखावटी हमदर्द से !!
जो दर्द में असली !!
रंग दिखाया करते है !!
इस दिखावे की दुनिया !!
में मोहब्बत ना दिखा !!
तेरी फितरत में आज भी !!
मतलब का खंजर होगा !!
Dikhawa karne wale log in english
इस फरेबी दुनिया !!
से हम दूर जा रहे है !!
जिंदगी की कठिन राहो !!
पर हम चलते जा रहे है !!
तब लफ्जो के मायने बदल जाते है !!
जब सच आता है सामने !!
तो झूठ के मायने बदल जाते है !!
ताक पर रखकर अरमानो !!
को खेल रहे है जज्बातो पर !!
यह जमाना तंग कस्ता है !!
एक दूसरे के विचारो पर !!
हर कलम की नोक पर !!
किसी का नाम होता है !!
मोहब्बत में दिखावटी !!
चीजो का जाम होता है !!
मेरा दिल रखने के लिए !!
तुम छलावा ही कर लेते !!
प्यार तो तुम करते नही !!
पर दिखावा ही कर लेते !!
अपना वही है जो !!
अपनो को पास लाए !!
बाकी सब तो जिंदगी में !!
फरेब के रिश्ते कहलाए !!
दूसरो पर छीटाकशी !!
और अपना दामन साफ है !!
दूसरो की गलती महापाप !!
और अपना अपराध साफ है !!
दिखावटी यह जमाना है !!
दिखावटी सपने बुनता है !!
दिखावटी चेहरो पर !!
दिखावटी मुखड़ा ही खिलता है !!
दुखो का बाजार !!
खोल रखा है मैने !!
कोई मुस्कुराहट दे !!
दो दिखावे के लिए !!
मुझे जरूरत नही है !!
अब तुम्हारे दिखावे की !!
मैने तो सच का आइना !!
कब का देख लिया है !!
दिखावा तो यहां आजकल !!
हर शख्स करता है !!
मुझे तो वो चाहिए जो !!
मेरी सादगी पर मरता है !!
दिखावा मत करो !!
खुद के होने का !!
मुझे पता है तुम जा !!
दिखावे का प्यार करने !!
वाले से अच्छे तो वो लोग हैं !!
जो मुंह पर सच बोलते हैं !!
और नफरत दिखाते है !!
तुम झूठ कहना हम सच मान लेगे !!
तुम हमदर्दी का दिखावा करना !!
हम उसे मोहब्बत समझ लेगे !!
व्यवहार तब तक है जब तक सम्मान है !!
आप सम्मान करना भूल जाओ हम !!
आपके व्यवहार को भूल जाएंगे !!
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Ishq mein to har cheez mit jati hai
लोग कुछ इस कदर दिखावटी बन जाते हैं !!
एक कदम मयखाने में रखते है !!
और दूसरा मंदिर में दिखाते है !!
किरदार सबका दिखावटी !!
चेहरा हर एक बनावटी !!
मिजाज धीरे-धीरे सख्त !!
होने लगा है आओ चले दोस्तो !!
इंसान की क्या बात करे !!
मन मैला और वाणी साफ रखे !!
इसे क्या ही दौर कहे !!
जो तानो से अपनी बात कहे !!
ये सोचकर दिल मेरा !!
जोर से धड़कता है !!
जान से प्यारा चांद !!
किसी और के छत !!
पर चमकता है !!
बिठाकर मतलब की कश्ती !!
पर मुझे डुबाना चाहते है !!
मेरे कुछ अपने जो मुझे झूठा !!
दिलासा देकर गिराना चाहते है !!
पवित्र रिश्ते पर उसने !!
खुद कलंक लगाया है !!
छीन के मेरा सब कुछ !!
मुझे रंक बनाया है !!
दिखावे का प्यार करने !!
वाले से अच्छे तो वो लोग हैं !!
जो मुंह पर सच बोलते हैं !!
और नफरत दिखाते है !!
बिठाकर मतलब की कश्ती !!
पर मुझे डुबाना चाहते है !!
मेरे कुछ अपने जो मुझे झूठा !!
दिलासा देकर गिराना चाहते है !!
कभी किसी के साथ प्यार का दिखावा मत करना
क्योंकि यह दिलों को हीं नहीं बल्कि !!
लोगों को भी पूरी तरह से तोड़ देता है !!
ये बोझ धोकेबाज़ी का उठाया नहीं जाता !!
पहला धोका तो पहले धोका होता है !!
भूले से भी भुलाया नहीं जाता !!
जिन्हें अपने बारे में पता नहीं !!
वो औरों को जानने का दावा करते है !!
लोग उतने अच्छे है नहीं !!
जितना होने का दिखावा करते हैं !!
मोहोब्बत जो हकीकत में करते है !!
दिखावा नहीं करते !!
जो चाहने का दिखावा करते हैं !!
वो निभाया नहीं करते !!
मेरा दिल रखने के लिए !!
तुम छलावा ही कर लेते !!
प्यार तो तुम करते नही !!
पर दिखावा ही कर लेते !!
पूरी छुरी नहीं चाहिए नौक ही काफी है चुभाने को !!
जब गिरे हम कामियाबी के गद्दी से नीचे !!
तो लंगड़े दौड़े हमारा फायदा उठाने को !!
ये जो तुमने अपना मोहब्बत भरा दिल !!
और मासूम चेहरा दिखाया था !!
वो सब झूठ था वो सब दिखावा था !!
अपना वही है जो !!
अपनो को पास लाए !!
बाकी सब तो जिंदगी में !!
फरेब के रिश्ते कहलाए !!
हर कलम की नोक पर !!
किसी का नाम होता है !!
मोहब्बत में दिखावटी !!
चीजो का जाम होता है !!
मतलब वाली दूकान में !!
अब इश्क़ बिकती हुई एक सामान है !!
सिक्को की गूँज बहरी कर रही !!
एहसास अनसुनी से परेशान है !!
ये जो साथ निभाने का वादा करते हैं !!
इनकी बातों में अपनापन कम होता है !!
ये दिखावा ज्यादा करते हैं !!