एक हमसफ़र हो बिल्कुल आईने जैसा !!
जो हंसे भी साथ और रोए भी साथ !!
बेशक मुझमें कोई कमी नही है !!
पर शायद हम हमसफर ही नही है !!
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश है !!
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनो !!
आप जैसा हँसी हमसफ़र हो अगर !!
जा रहे हैं कहाँ, सोचता कौन है !!
एक ही मंजिल है उनकी एक ही है रास्ता !!
क्या सब फिर हमसफ़र से हमसफ़र लड़ने लगे !!
जो ब-जाहिर हमसे सदियों की मुसाफ़त-बर रहे !!
हम उन्हें हर शाम अपना हमसफ़र देखा किये !!
बिना हमसफर के कब तलक कोई मसाफ़तों में लगा रहे !!
जहाँ कोई किसी से जुदा न हो मुझे उस राह की तलाश है !!
अकेला छोड़ने वालों को ये बताए कोई !!
कि हम तो राह को भी हमसफ़र समझते हैं !!
हमसफ़र मेरे हमसफ़र पंख तुम परवाज़ हम !!
ज़िंदगी का साज़ हो तुम साज़ की आवाज़ हम !!
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे !!
मुझे रोक रोक पूछा तेरा हमसफर कहाँ है !!
पहले कुछ दूर तक साथ चलके परख !!
फिर मेरे हमसफ़र मुझे हमसफ़र बोलना !!
मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर तेरा क्या भरोसा ए हमसफ़र !!
तेरी यु प्यार करने की अदा कहीं मेरा दर्द और न बढ़ा दे !!
चलते चलते मुझसे पूछा मेरे पांव के छालों ने !!
बस्ती कितनी दूर बसा ली दिल मे बसने वालो ने !!
सच में प्यार में तभी दर्द होता है !!
जब साथी अच्छा ना मिले !!
एक ही मंजिल है उनकी एक ही है रास्ता !!
क्या सब फिर हमसफ़र से हमसफ़र लड़ने लगे !!
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Humsafar Shayari In Hindi
एक हमसफर को दूसरे की कद्र करनी चाहिए !!
क्योंकि यही PyaR का आधार है !!
जो उड़ाते थे मेरे सफर का मजाक !!
रफ्ता रफ्ता मेरे हमसफर हो गए !!
साथ रहना जरुरी नहीं !!
साथ निभाना जरुरी है !!
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा !!
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा !!
हमसफ़र मेरे हमसफ़र पंख तुम परवाज़ हम !!
ज़िंदगी का साज़ हो तुम साज़ की आवाज़ हम !!
बातें तो हर कोई समझ लेता है !!
Humsafar ऐसा हो जो खामोशी भी समझे !!
नया प्यार हर दिन होना चाहिए !!
लेकिन एक हीं शख्स के साथ !!
तुम कहो कि मैं तुमसे प्यार करता हूं !!
इस पल का मैं अब भी इंतजार करता हूँ !!
सच में प्यार में तभी दर्द होता है !!
जब साथी अच्छा ना मिले !!
मुझे तुम्हारी याद आ रही है !!
आज फिर ये मुझे सता रही है !!
उसके आने से घर में रौनक आ गई है !!
वो पगली अब सांसों में समा गई है !!
एक हमसफर को दूसरे की कद्र करनी चाहिए !!
क्योंकि यही प्यार का आधार होता है !!
मेरी हर उलझन का समाधान तुम हो !!
मेरा खूबसूरत अरमान तुम हो !!
सपनों से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत हो तुम !!
मेरी ख्वाहिश मेरी जरूरत हो तुम !!
अपने हमसफर का ध्यान रखना चाहिए !!
क्योंकि प्यार के बदले हीं प्यार मिलता है !!
Humsafar Shayari
अब तो मेरी सांसें मेरी धड़कन तुम हो !!
मैं रूह हूँ तुम्हारा मेरा बदन तुम हो !!
एक हमसफ़र हो बिल्कुल आईने जैसा !!
जो हंसे भी साथ और रोए भी साथ !!
मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं होगा !!
बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया !!
क़यामत है कि होवे मुद्दई का हम-सफ़र ग़ालिब !!
वो काफ़िर जो ख़ुदा को भी न सौंपा जाए है मुझ से !!
हमसफ़र बनकर तेरी फिक्र करता हूं !!
हर शायरी में तेरा ज़िक्र जो करता हूं !!
राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो !!
मेरे सुख और दुख को बांटने वाली हमसफर भी तुम ही हो !!
हमसफर अच्छा हो तो दिल हौसला नहीं हारता है !!
उसका साथ हमें हर मुश्किल से उबारता है !!
जो उम्र भर साथ निभाए वही हमसफर होता है !!
वरना लोग साथ जीने-मरने की कसमें बिना सोचे खा लेते हैं !!
क़यामत है कि होवे मुद्दई का हम-सफ़र ग़ालिब !!
वो काफ़िर जो ख़ुदा को भी न सौंपा जाए है मुझ से !!
बिन कहे ही तूने मुझे सब कुछ दे दिया है !!
आंखों से आंसू और दिल से सारा दर्द ले लिया है !!
अंधेरों को चिरागों तले पनाह दी है तुमने !!
इस वीरान पड़ी दिल की जमी पर बारिश की है तुमने !!
आप जैसा हँसी हमसफर हो !!
अगर जा रहे हैं कहाँ सोचता कौन हैं !!
जो उम्र भर साथ निभाए वही हमसफर होता है !!
वरना लोग साथ जीने-मरने की कसमें बिना सोचे खा लेते हैं !!
ना मेरा कभी रूठना !!
और ना कभी तेरा मनाना ही !!
हम दोनों को मोहब्बत को कम कर गया !!
सुन मेरे हमसफर मुझे !!
तुझसे ज्यादा कोई अजीज नहीं लोग हैं !!
कई लेकिन तुझसे ज्यादा कोई मेरे करीब नहीं !!
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हमसफर शायरी
आगे सफर था और पीछे हमसफर था !!
रुकते तो सफर छूट जाता और चलते तो !!
हमसफर छुट जाता !!
सुन मेरे हमसफर मुझे !!
तुझसे ज्यादा कोई अजीज नहीं लोग हैं !!
कई लेकिन तुझसे ज्यादा कोई मेरे करीब नहीं !!
सामने मंजिल थी और पीछे उसका वजूद !!
क्या करते हम भी यारों रुकते तो सफर रह !!
जाता चले तो हमसफर रह जाता !!
राह-ए-वफ़ा में कोई हमसफ़र ज़रूरी है !!
ये रास्ता कहीं तनहा कटे तो मुश्किल है !!
जहाँ भी जाऊँ ये लगता है तेरी महफ़िल है !!
ये सितम की रात हैं ढलने को है अन्धेरा !!
गम को पिघलने को है ज़रा देर इस में लगे !!
अगर ना उदास हो मेरे हमसफ़र !!
मेरी हर ख़ुशी हर बात तेरी हैं !!
सांसों में छुपी ये हयात तेरी हैं !!
धड़कनो की धड़कती हर आवाज़ तेरी हैं !!
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती !!
हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती !!
दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती !!
राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो !!
मेरे सुख और दुख को बांटने वाली !!
हमसफर भी तुम ही हो !!
फिरते हैं कब से दरबदर !!
अब इस नगर अब उस नगर !!
एक दूसरे के हमसफ़र !!
मैं और मेरी आवारगी !!
ना तो कारवाँ की तलाश है !!
ना तो हमसफ़र की तलाश है !!
मेरे शौक़-ए-खाना खराब को !!
तेरी रहगुज़र की तलाश है !!
चेहरे पर तेरे सिर्फ मेरा ही नूर होगा !!
उसके बाद फिर तू ना कभी मुझसे दूर होगा !!
जरा सोच के तो देख क्या ख़ुशी मिलेगी !!
जिस पल तेरी मांग में मेरे नाम का सिंदूर होगा !!
गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार है !!
तुझी पर मिटूंगा ये इकरार है !!
तू इतना समझ ले मेरे हमसफ़र !!
तेरे प्यार से मेरा संसार है !!
अब वक्त भी कह रहा है !!
मुझे अपनी हमसफर से मिलवाओ !!
तुम किसी का प्यार पाओ !!
और किसी पर प्यार लुटाओ !!
बिना हमसफर के कब तलक !!
कोई मसाफ़तों में लगा रहे !!
जहाँ कोई किसी से जुदा न हो !!
मुझे उस राह की तलाश है !!
जहां सर झुक जाए वही खुदा का घर है !!
जहां हर नदी मिल जाए वही समुंदर है !!
इस जिंदगी में दर्द तो सब देते हैं !!
जो दर्द समझे वही अच्छा सच्चा हमसफ़र है !!
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती !!
हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती !!
दोस्त की कमी हर पल रहती है यार !!
दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती !!
हुमज़ुबां मेरे थे इनके दिल मगर अच्छे न थे !!
मंज़िलें अच्छी थीं मेरे हमसफ़र अच्छे न थे !!
वो आती है रोज मेरे कब्र पर अपने हमसफर के साथ !!
कौन कहता है की दफनाने के बाद जलाया नही जाता !!
शाम आई तो बिछुड़े हुए हमसफ़र !!
आंसुओं से इन आंखों में आने लगे !!
आंखें मंज़र हुई, काम नग़्मा हुए !!
घर के अन्दाज़ ही घर से जाते रहे !!
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है !!
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है !!
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी !!
हमसफर उनका कोई और होता है !!
मेरे हमसफर मेरे हमनवां !!
बस सिर्फ दो कदम मेरे साथ चल !!
ये इल्तिज़ा तो तू मेरी मान ही ले !!
ऐसा न हो मैं हो जाऊं कल !!
मेरे साथ जुगनू है हमसफ़र !!
मगर इस शरर की बिसात क्या !!
ये चराग़ कोई चराग़ है !!
न जला हुआ न बुझा हुआ !!
तलाश कर मेरी मोहब्बत को !!
अपने दिल में ए मेरे हमसफ़र !!
दर्द हो तो समझ लेना की !!
मोहब्बत अब भी बाकि है !!
रात तनहाईयों की दुश्मन है !!
हर सफ़र हमसफ़र से रोशन है !!
मौज के पास जो किनारा है !!
वो किनारा हसीन लगता है !!
यकीन नहीं आता कि !!
वो बेवफा कभी मेरा हमसफर था !!
और सब कुछ तो था हमारे बीच !!
बस ना जाने प्यार किधर था !!
गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार है !!
तुझ पर मिटूंगा ये इकरार है !!
तू इतना समझ ले मेरे हमसफ़र !!
तेरे प्यार से मेरा संसार है !!
ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हो !!
तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम करीब हों !!
कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम !!
कि तेरी हर दुआ, हर ख्वाहिश कबूल हो !!
रुसवाई ज़िंदगी का मुकद्दर हो गयी !!
मेरे दिल भी पत्थर हो गया !!
जिसे रात दिन पाने के ख्वाब देखे !!
वो बेवफा किसी और की हमसफर हो गई !!
जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गये !!
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये !!
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की !!
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये !!
क़यामत है कि होवे मुद्दई !!
का हम-सफ़र ग़ालिब !!
वो काफ़िर जो ख़ुदा को भी न !!
सौंपा जाए है मुझ से !!
रौनक आ गई है !!
मेरे जीवन में यहां वहां !!
तुम सा कोई हमसफ़र !!
नहीं होगा कहाँ !!
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तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र !!
मेरा मरहला कोई और है !!
मुझे मंज़िलों से गुरेज़ है !!
मेरा रास्ता कोई और है !!
हमसफ़र बनकर !!
तेरी फिक्र करता हूं !!
हर शायरी में तेरा !!
ज़िक्र जो करता हूं !!
मुझे मोहब्बत हैं तेरे नाम से !!
तू मेरा सदीयों का ख्वाब हैं !!
मैं अब अलफ़ाज़ कहाँ से लाऊँ !!
वल्लाह मेरा हमसफ़र लाजवाब हैं !!
जिंदगी की राहो में मिलेंगे !!
तुम्हें हजारों हमसफर !!
लेकिन उम्र भर भूल ना पाओगे !!
वह मुलाकात हु मैं !!
चाहूँगा तुझे साँस के थमने तक !!
अब यहीं अपना अज़म-ए-सफर हैं !!
मैं क्यों देखूँ कमर की तरफ !!
सब से हसीन मेरा हमसफ़र हैं !!
कुछ तो हवा भी सर्द थी !!
कुछ था तिरा ख़याल भी !!
दिल को ख़ुशी के साथ साथ !!
होता रहा मलाल भी !!
अब वक्त भी कह रहा है मुझे !!
अपनी हमसफर से मिलवाओ !!
तुम किसी का प्यार पाओ !!
और किसी पर प्यार लुटाओ !!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती !!
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती !!
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता !!
मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती !!
हमसफ़र साथ-साथ चलते हैं !!
रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं !!
आपका चेहरा है जब से मेरे दिल में !!
जाने क्यों लोग मेरे दिल से जलते हैं !!
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र !!
मेरा मरहबा कोई और है !!
मुझे मंज़िलों से गुरेज़ है !!
मेरा रास्ता कोई और है !!
शाम आई तो बिछड़े हुए हमसफ़र !!
आंसुओं से इन आंखों में आने लगे !!
आंखें मंज़र हुई, काम नग़्मा हुए !!
घर के अंदाज ही घर से जाते रहे !!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती !!
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती !!
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता !!
मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती !!
मेरे हमसफ़र मेरे पास आ !!
मुझे शोहरतें का कोई काम नहीं !!
जो तू मुझे मिल जाये तो !!
मुझे किसी बात की हया न हो !!
दर्द की दास्ताँ अभी बाकी है !!
महोबत का इम्तेहान अभी बाकी है !!
दिल करे तो फिर से वफ़ा करने आ जाना !!
दिल ही तो टुटा है, जान अभी बाकी है !!
ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हो !!
तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम करीब हों !!
कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम !!
कि तेरी हर दुआ, हर ख्वाहिश कबूल हो !!
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती !!
हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती !!
दोस्त की कमी हर पल रहती है यार !!
दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती !!
रास्ते अनजाने में ही सही पर !!
हम दोनों को करीब ले आए !!
अब मिट गए हैं फासले हमसफर !!
तेरे अंदाज ही कुछ ऐसे रंग लाए !!
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है !!
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है !!
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी !!
हमसफर उनका कोई और होता है !!
मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर !!
तेरा क्या भरोसा ए हमसफ़र !!
तेरी यु प्यार करने की अदा !!
कहीं मेरा दर्द और न बढ़ा दे !!
गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार है !!
तुझी पर मिटूंगा ये इकरार है !!
तू इतना समझ ले मेरे हमसफ़र !!
तेरे प्यार से मेरा संसार है !!
जो उम्र भर साथ निभाए !!
वही हमसफर होता है !!
वरना लोग साथ जीने-मरने की !!
कसमें बिना सोचे खा लेते हैं !!
ना मेरा कभी रूठना !!
और ना कभी तेरा मनाना !!
ही हम दोनों को मोहब्बत !!
को कम कर गया !!
दो पल ना मेरा कभी रूठना !!
और ना कभी तेरा मनाना !!
ही हम दोनों को मोहब्बत !!
को कम कर गया जिन्दगी है !!
जीने के लिए जान जरुरी हैं !!
हमारे लिए तो आप जरुरी हैं !!
मेरे चेहरे पे चाहे गम हो !!
आपके चेहरे पे मुस्कान जरुरी हैं !!
रूठना मत कभी हमें मनाना नहीं आता !!
दूर नहीं जाना हमें बुलाना नहीं आता तुम !!
भूल जाओ हमें यह तुम्हारी मर्ज़ी है हम !!
क्या करें हमें भुलाना नहीं आता !!
रूठना अगर तुम्हारी आदत है !!
तो तुम्हें मनाना मेरा कर्तव्य है !!
तुम हजा़र बार रूठोगी !!
तो मैं लाखों बार मनाऊंगा !!
यकीन नहीं आता कि वो बेवफा !!
कभी मेरा हमसफर था !!
और सब कुछ तो था हमारे बीच !!
बस ना जाने प्यार किधर था!!
ये सितम की रात हैं ढलने को है !!
अन्धेरा गम को पिघलने को है !!
ज़रा देर इस में लगे !!
अगर ना उदास हो मेरे हमसफ़र!!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती !!
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती !!
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता !!
मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती !!
जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गये !!
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये !!
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की !!
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये !!
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तू हमसफ़र तू हमडगर तू हमराज नज़र आता है !!
मेरी अधूरी सी जिंदगी का ख्वाब नज़र आता है !!
कैसी उदास है जिंदगी बिन तेरे हर लम्हा !!
मेरे हर लम्हे में तेरी मौजूदगी का अहसास नज़र आता है !!
शाम आई तो बिछुड़े हुए हमसफ़र !!
आंसुओं से इन आंखों में आने लगे !!
आंखें मंज़र हुई, काम नग़्मा हुए !!
घर के अन्दाज़ ही घर से जाते रहे !!
शाम आयी तो बिछड़े हुए हमसफ़र !!
आंसुओं से इन आंखों में आके रहे !!
हर मुसाफिर है तन्हा-तन्हा क्यों !!
एक-एक हमसफ़र से पूछते हैं !!
सुन मेरे हमसफ़र !!
क्या तुझे इतनी सी भी खबर !!
की तेरी साँसे चलती जिधर !!
रहूँगा बस वही उम्र भर !!
रुस्वाई ज़िंदगी का मुकद्दर हो गयी !!
मेरे दिल भी पत्थर हो गया !!
जिसे रात दिन पाने के ख्वाब देखे !!
वो बेवफा किसी और की हमसफर हो गई !!
अब वक्त भी कह रहा है !!
मुझे अपनी हमसफर से मिलवाओ !!
तुम किसी का प्यार पाओ !!
और किसी पर प्यार लुटाओ !!
यकीन नहीं आता कि वो बेवफा !!
कभी मेरा हमसफर था !!
और सब कुछ तो था हमारे बीच !!
बस ना जाने प्यार किधर था !!
सुन मेरे हमसफर मुझे तुझसे !!
ज्यादा कोई अजीज नहीं !!
लोग हैं कई लेकिन तुझसे !!
ज्यादा कोई मेरे करीब नहीं !!
गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार है !!
तुझी पर मिटूंगा ये इकरार है !!
तू इतना समझ ले मेरे हमसफ़र !!
तेरे प्यार से मेरा संसार है !!
रौनक आ गई है !!
मेरे जीवन में यहां वहां !!
तुम सा कोई हमसफ़र !!
नहीं होगा कहाँ !!
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र !!
मेरा मरहला कोई और है !!
मुझे मंज़िलों से गुरेज़ है !!
मेरा रास्ता कोई और है !!
मेरे बाद किसी और को !!
हमसफ़र बनाकर देख लेना !!
तेरी ही धड़कन कहेगी कि !!
उसकी वफ़ा में कुछ और ही बात थी !!
मुझे मोहब्बत हैं तेरे नाम से !!
तू मेरा सदीयों का ख्वाब हैं !!
मैं अब अलफ़ाज़ कहाँ से लाऊँ !!
वल्लाह मेरा हमसफ़र लाजवाब हैं !!
जिंदगी की राहो में मिलेंगे !!
तुम्हें हजारों हमसफर !!
लेकिन उम्र भर भूल ना पाओगे !!
वह मुलाकात हु मैं !!
चाहूँगा तुझे साँस के थमने तक !!
अब यहीं अपना अज़म-ए-सफर हैं !!
मैं क्यों देखूँ कमर की तरफ !!
सब से हसीन मेरा हमसफ़र हैं !!
कुछ तो हवा भी सर्द थी !!
कुछ था तिरा ख़याल भी !!
दिल को ख़ुशी के साथ साथ !!
होता रहा मलाल भी !!
अब वक्त भी कह रहा है मुझे !!
अपनी हमसफर से मिलवाओ !!
तुम किसी का प्यार पाओ !!
और किसी पर प्यार लुटाओ !!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती !!
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती !!
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता !!
मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती !!
जीने के लिए जान जरुरी हैं !!
हमारे लिए तो आप जरुरी हैं !!
मेरे चेहरे पे चाहे गम हो !!
आपके चेहरे पे मुस्कान जरुरी हैं !!
रूठना मत कभी हमें मनाना नहीं आता !!
दूर नहीं जाना हमें बुलाना नहीं आता तुम !!
भूल जाओ हमें यह तुम्हारी मर्ज़ी है हम !!
क्या करें हमें भुलाना नहीं आता !!
रूठना अगर तुम्हारी आदत है !!
तो तुम्हें मनाना मेरा कर्तव्य है !!
तुम हजा़र बार रूठोगी !!
तो मैं लाखों बार मनाऊंगा !!
यकीन नहीं आता कि वो बेवफा !!
कभी मेरा हमसफर था !!
और सब कुछ तो था हमारे बीच !!
बस ना जाने प्यार किधर था !!
उन्हीं रास्तों ने जिन पर !!
कभी तुम थे साथ मेरे !!
मुझे रोक रोक पूछा !!
तेरा हमसफर कहाँ है !!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती !!
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती !!
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता !!
मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती !!
तुम्हारा मेरी जिंदगी में आना !!
मुझे खुशनसीब कर गया !!
कमी थी जिस रंग की मेरी !!
जिंदगी में वो रंग भर गया !!
अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल !!
अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल !!
अब किसी दिलासे की जरूरत नही है !!
क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया दिल !!
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है !!
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है !!
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी !!
हमसफर उनका कोई और होता है !!
कौन है जिसके दिल में !!
खूबसूरत से हमसफर की चाहत नहीं है !!
कौन है जिसके हाथ में हमसफर का हाथ !!
होकर भी राहत नहीं है !!
जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गये !!
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये !!
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की !!
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये !!
आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है !!
दिल में बसी है जो वो आपकी ही सूरत है !!
दूर जाना नही हम से कभी भूलकर भी !!
हमे हर कदम पर सिर्फ आपकी ज़रूरत !!
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कुछ सोचु तो तेरा ही ख्याल आता हैं !!
कुछ बोलू तो तेरा नाम आता हैं !!
कब तक मैं छुपाऊँ अपने दिल की बात !!
तेरी हर एक अदा पे हमे प्यार आता हैं !!
चेहरे पर तेरे सिर्फ मेरा ही नूर होगा !!
उसके बाद फिर तू न कभी मुझसे दूर होगा !!
जरा सोच के तो देख क्या ख़ुशी मिलेगी !!
जिस पल तेरी मांग में मेरे नाम का सिंदूर होगा !!
आज तुझसे नही शायद खुद से ही मेरी रुसवाई है !!
तुझसे करके प्यार मैने जिंदगी में पाई सिर्फ तन्हाई है !!
दामन छुड़ा के प्यार का मेरे तूने अपनी दुनियां बसाई है !!
मैने समझा तुझे हमसफर अपना तू निकला हरजाई है !!
तू हमसफ़र तू हम डगर तू हमराज नजर आता है !!
मेरी अधूरी सी जिंदगी का ख्वाब नजर आता है !!
कैसी उदास है जिंदगी तेरे बिन हर लम्हा !!
मेरे हर लम्हे में तेरा अहसास नजर आता है !!
किसी राह में किसी मोड़ पर !!
चल न देना मुझको तू छोड़कर !!
मेरे हमसफर मेरे हमसफर !!
मेरे हमसफर मेरे हमसफर !!
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है !!
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है !!
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी !!
हमसफर उनका कोई और होता है !!
शाम आई तो बिछुड़े हुए हमसफ़र !!
आंसुओं से इन आंखों में आने लगे !!
आंखें मंज़र हुई काम नग़्मा हुए !!
घर के अन्दाज़ ही घर से जाते रहे !!
रुस्वाई ज़िंदगी का मुकद्दर हो गयी !!
मेरे दिल भी पत्थर हो गया !!
जिसे रात दिन पाने के ख्वाब देखे !!
वो बेवफा किसी और की हमसफर हो गई !!
गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार है !!
तुझी पर मिटूंगा ये इकरार है !!
तू इतना समझ ले मेरे हमसफ़र !!
तेरे प्यार से मेरा संसार है !!
शाम आयी तो बिछड़े हुए हमसफ़र !!
आंसुओं से इन आंखों में आके रहे !!
हर मुसाफिर है तन्हा-तन्हा क्यों !!
एक-एक हमसफ़र से पूछते हैं !!
जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गये !!
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये !!
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की !!
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये !!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती !!
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती !!
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता !!
मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती !!
दर्द की दास्ताँ अभी बाकी है !!
महोबत का इम्तेहान अभी बाकी है !!
दिल करे तो फिर से वफ़ा करने आ जाना !!
दिल ही तो टुटा है जान अभी बाकी है !!
ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हो !!
तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम करीब हों !!
कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम !!
कि तेरी हर दुआ हर ख्वाहिश कबूल हो !!
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती !!
हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती !!
दोस्त की कमी हर पल रहती है यार !!
दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती !!
रास्ते अनजाने में ही सही पर !!
हम दोनों को करीब ले आए !!
अब मिट गए हैं फासले हमसफर !!
तेरे अंदाज ही कुछ ऐसे रंग लाए !!
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है !!
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है !!
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी !!
हमसफर उनका कोई और होता है !!
मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर !!
तेरा क्या भरोसा ए हमसफ़र !!
तेरी यु प्यार करने की अदा !!
कहीं मेरा दर्द और न बढ़ा दे !!
गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार है !!
तुझी पर मिटूंगा ये इकरार है !!
तू इतना समझ ले मेरे हमसफ़र !!
तेरे प्यार से मेरा संसार है !!
मेरे हर दर्द का मरहम का सुकून भी तुम ही हो !!
इस क़दर मसरूफ़ रहता हूँ तुम्हारी यादो में !!
फुरसतों को भी फुर्सत नही मिलती अब तो !!
क्योंकि हमसफर अब भी तुम ही हो !!
हमसफ़र साथ-साथ चलते हैं !!
रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं !!
आपका चेहरा है जब से मेरे दिल में !!
जाने क्यों लोग मेरे दिल से जलते हैं !!
तुझे क्या ख़बर मेरे हमसफ़र !!
मेरा मरहबा कोई और है !!
मुझे मंज़िलों से गुरेज़ है !!
मेरा रास्ता कोई और है !!
शाम आई तो बिछड़े हुए हमसफ़र!!
आंसुओं से इन आंखों में आने लगे!!
आंखें मंज़र हुई, काम नग़्मा हुए!!
घर के अंदाज ही घर से जाते रहे!!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती !!
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती !!
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता !!
मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती !!
मेरे हमसफ़र मेरे पास आ !!
मुझे शोहरतें का कोई काम नहीं !!
जो तू मुझे मिल जाये तो !!
मुझे किसी बात की हया न हो !!
मेरे बाद किसी और को !!
हमसफ़र बनाकर देख लेना !!
तेरी ही धड़कन कहेगी !!
कि उसकी वफ़ा में !!
कुछ और ही बात थी !!
कितनी खूबसूरत सी !!
लगने लगती है जिंदगी !!
जब कोई तुम्हारे पास आके !!
घुटनों के बल तुमसे पूछे !!
क्या तुम मुझसे शादी करोगी !!
मेरे हर दर्द का मरहम !!
बाहो का सुकून भी तुम ही हो !!
इस क़दर मसरूफ़ रहता हूँ तुम्हारी यादो में !!
फुरसतों को भी फुर्सत नही मिलती अब तो !!
क्योंकि अब वहा भी तुम ही हो !!
सुन मेरे हमसफ़र !!
क्या तुझे इतनी सी भी खबर !!
की तेरी साँसे चलती जिधर !!
रहूँगा बस वही उम्र भर !!
रहूँगा बस वही उम्र भर हाय !!
सामने मंजिल थी !!
और पीछे उसका वजूद !!
क्या करते हम भी यारों !!
रुकते तो सफर रह जाता !!
चले तो हमसफर रह जाता !!
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कितनी खूबसूरत सी !!
लगने लगती है जिंदगी !!
जब कोई तुम्हारे पास आके !!
घुटनों के बल तुमसे पूछे !!
क्या तुम मुझसे शादी करोगी !!
दो पलना मेरा कभी रूठना !!
और ना कभी तेरा मनाना !!
ही हम दोनों को मोहब्बत !!
को कम कर गया जिन्दगी है !!
आ हँस बोल के काट लें !!
हमसफ़र साथ-साथ चलते हैं!!
रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं!!
आपका चेहरा है जब से मेरे दिल में!!
जाने क्यों लोग मेरे दिल से जलते हैं!!
जो अपने हमसफ़र थे दुबारा नहीं मिले!!
तलाश कर मेरी मोहब्बत को अपने दिल में !!
ए मेरे हमसफ़र दर्द हो तो समझ लेना !!
की मोहब्बत अब भी बाकि है !!
तुम बन के उजाला यकीन का !!
साथ साथ चलना मेरे सतगुरु हमसफ़र !!
अँधेरा है यूँ ही सिमट जायेगा !!