Chahat Shayari in Hindi

तुम्हारी चाहत को में इनकार नही कर सकता हद !!
है, जो प्यार की उसे कभी पार नही कर सकता !!
कोई शर्त नहीं है कोई शिकायत नहीं है तुमसे !!
बस सीधी सी मुहब्बत है दीदार की चाहत है तुमसे !!
उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बंधे हैं !!
कि वो साथ भी नहीं और हम अकेले भी नहीं !!
तुझे पाने की उम्मीद नहीं फिर भी इंतज़ार है !!
चाहत अधूरी ही सही पर तेरे लिए बेशुमार है !!
जरूरी नही तुम मेरा हर कहना मानो !!
दहलीज पर रख दी चाहत अब आगे तुम जानो !!
तेरी चाहत मेरे संग अगर पूरी नही !!
तो मेरी चाहत भी तेरे बिना अधूरी नही !!
इतनी चाहत के बाद भी तुझे एहसास ना हुआ !!
जरा देख तो ले दिल की जगह पत्थर तो नहीं !!
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले !!
और परिंदे सोचते है उन्हें रहने के लिए घर मिले !!
मज़ा आ जाए गर हो जाए इतना अबकी !!
बारिश में हमारी चाहत के आँसू तुम्हारी छत पे जा बरसे !!
मेरी भी एक चाहत थी, मरते दम तक तेरे साथ चलने !!
की, वरना मोहब्बत तो किसी-से भी हो सकती है !!
इश्क़ का जहर भी पिया जाए और मौत भी !!
ना आए, ऐसी चाहत हो तो कोई इश्क़ कर लो हमसे !!
बदलना कौन चाहता है !!
मजबूर कर देते है लोग !!
ढूढने चला था एक शख्स की चाहत !!
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे !!
तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया होता !!
तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता !!
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए !!
तू आज भी बेखबर है कल की तरह !!
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Chahat Shayari in Hindi
मजा चख लेने दो उसे गैरों की मोहब्बत का भी !!
इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो औरों का क्या होगा !!
हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का ऐसा मज़ा !!
तुम लोगों से कहते फ़िरोगे मुझे चाहो उस की तरह !!
कैसी गहराई है तेरी चाहत में और मेरी मोहब्बत में !!
न डूबा हूँ अब तक, न सतह की कोई उम्मीद नज़र आती है !!
ढूढने चला था एक शख्स की चाहत !!
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे !!
उनका गुरूर देखकर हमने भी उनसे बात करने की तमन्ना !!
छोड़ दी अब हम भी देखे जरा कौन चाहता है उन्हें हमारी तरह !!
मेरी उम्र फक़त तेरी चाहत में गुजरे !!
दिल ए नादान की ये आखिरी ख्वाहिश है !!
हमारी खुशियों में वो शामिल होतें हैं जिसे हम चाहतें हैं !!
लेकिन हमारे दुःखों में वो शामिल होतें है जो हमे चाहते है !!
दिल में चाहत का होना जरूरी है जनाब !!
याद तो उधार लेने-देने वाले भी करते हैं !!
एक चाहत होती है जनाब अपनों के साथ जीने की !!
वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है !!
वो खुद पे इतना गुरूर करते हैं तो इसमें हैरत की बात नहीं !!
बाबू जिन्हें हम चाहते हैं वो आम कभी हो ही नहीं सकते !!
चाहता तो हूँ कि अब चूम लूँ तुम्हारे इन गालों को मैं !!
पर अपने ही लबों से ख़ुद जल भी तो मैं ही जाता हूँ !!
मैं कुछ लिखू और तेरा ज़िक्र न हो !!
वो तो मेरी चाहत की तौहीन होगी !!
ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी !!
तुझे ही देखने की चाहत रहती है !!
ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली !!
किसी की ज़िद नहीं बदली मेरी आदत नहीं बदली !!
वो छा गये है कोहरे की तरह मेरे चारो तरफ !!
न कोई दूसरा दिखता है ना देखने की चाहत है !!
Chahat Shayari
धीरे धीरे हम भी खो रहे है वजह किसी की चाहत है !!
चलो ये भी आजमा कर देख ले हैं कितनी राहत है !!
एक चाहत होती है, जनाब अपनों के साथ जीने की !!
वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है !!
कुछ तो है कहीं, ये जो थोड़ा प्यार-सा है !!
नशा है तेरा, चाहत या इक ख़ुमार-सा है !!
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए !!
तू आज भी बेखबर है कल की तरह !!
टूट सा गया है मेरी चाहतों का वजूद !!
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नहीं करते !!
कभी नफरत कभी चाहत से मुझे देखता है !!
देखने वाला ज़रूरत से मुझे देखता है !!
कई बार ये सोच के दिल मेरा रो देता है !!
कि तुझे पाने की चाहत में मैंने खुद को भी खो दिया !!
एक चाहत थी, तेरे साथ जीने की !!
वरना, मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी !!
चाहत की राहो में काँटा भी फुल है !!
चाहत को तौलना दुनिया की भूल है !!
अपनी चाहत का इजहार कब करोगी !!
उम्र बीत रहा है प्यार कब करोगी !!
मेरी चाहत का ये कैसा सिला दिया है !!
मेरी हर खुशी को मिट्टी में मिला दिया है !!
ऐ सुनो तुम इतने भी अच्छे नही हो !!
बस मेरे चाहत -ए-दिल ने सिर पर चढा रखा है !!
एक दिन जब मेरी सांस थम जायेगी !!
मत सोचना चाहत कम हो जायेगी !!
कद्र करोगी जब तुम्हें पता चलेगा !!
कि बिना मतलब की चाहत रखते है !!
दुनियावालों ने लगा रखा पहरा है !!
हम दोनों का चाहत कितना गहरा है !!
Chahat bhari shayari
चाहते तो हम बहुत ज्यादा है !!
पर पाते है जरूरत से आधा है !!
तुम बेवफा हो फिर भी ऐतबार करता हूँ !!
आज भी चाहता हूँ तुम्हे प्यार करता हूँ !!
अपनी चाहत को होठो पर सजाना चाहती हूँ !!
तू मिले या न मिले तुझे गुनगुनाना चाहती हूँ !!
जमाना बदल गया लोग बदल गये !!
आदत बदल गई बस चाहत वही है !!
जिसे चाहो, जब वो रूठ जाते है !!
दिल के सारे अरमान टूट जाते है !!
अपनी चाहत का इजहार कब करोगी !!
उम्र बीत रहा है प्यार कब करोगी !!
हम अपनी चाहत का यकीन दिलाते नही है !!
जिसमें सादगी नही, उससे दिल लगाते नही है !!
जब से बढ़ी मेरी तुझसे चाहत है !!
मेरी जिंदगी में सनम बड़ी राहत है !!
मेरे दिल में तेरी चाहत बस जाए बन के धड़कन !!
पल भर न भूल पाऊँ दिल में ऐसी तड़प जग दे !!
क़ुबूल हो गई दुआ तेरे सीने से लग कर !!
अब दम भी निकल जाए तो परवाह नहीं !!
हमने तो एक ही शख़्स पर चाहत ख़त्म कर दी !!
अब मोहब्बत किसको कहते हैं हमें मालूम नहीं !!
दूर भागो न कहीं हमसे गज़ालों की तरह !!
हमने चाहा है तुम्हें चाहने वालों की तरह !!
तेरी चाहतो पर मुझे ऐतबार है !!
इसलिए मुझे तुमसे खुद से ज्यादा प्यार है !!
चाहतों का सफर जब खत्म होता है !!
हकीकत में जिंदगी तभी शुरू होती है !!
दर्द की चाहत किसे होती है मेरे यारो !!
ये तो मोहब्बत के साथ मुफ़्त में मिलता है !!
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Bepanah chahat shayari
वो छा गये है कोहरे की तरह मेरे चारो तरफ !!
न कोई दूसरा दिखता है ना देखने की चाहत है !!
वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की !!
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है !!
इंसान की चाहत कि उङने को पर मिले !!
और परिंदे सोचते है कि रहने को घर मिले !!
किसी के पैगाम को ज़रा प्यार से पढ़ा कीजिये !!
किसी की चाहत का एहसास किया कीजिये !!
उम्र के साथ चाहत घट जाती है !!
जिम्मेदारियाँ बढ़ी तो चाहत बँट जाती है !!
ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी !!
तुझे ही देखने की चाहत रहती है !!
उम्र के साथ चाहत घट जाती है !!
जिम्मेदारियाँ बढ़ी तो चाहत बँट जाती है !!
तुम्हारे लिए मेरी चाहत कभी कम ना होती !!
अगर तू इतनी संग दिल और बेरहम ना होती !!
कुछ भी नही है पास मेरे, बस बदनामी साथ लाया हूँ !!
तेरी चाहत की तस्वीर थी, तेरी चाहत लौटाने आया हूँ !!
ये ज़रूरी नहीं है की हर बात पर तुम मेरा कहा मानो !!
दहलीज पर रख दी है चाहत और अब आगे तुम जानो !!
दौलत जो थी पास वफा की वो दौलत छोड़ दी हमने !!
देख के हाल चाहत का कि ये चाहत छोड़ दी हमने !!
सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था !!
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे !!
बिखरा पड़ा है बाजार मेरी चाहत का !!
मिला नहीं मुकाम दिल को राहत का !!
पता नहीं तुम्हें यकीन क्यों नहीं आता !!
मेरा दिल तुम्हारे सिवा किसी और को नहीं चाहता !!
हर किसी के नसीब में कहा लिखी होती हैं चाहते !!
कुछ लोग दुनिया में आते हैं सिर्फ तन्हाइयों के लिए !!
Chahat love shayari
तेरे गुरूर को देख के तेरी तमन्ना भी छोड़ दी हमने !!
ज़रा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुझे हमारी तरह !!
अच्छा लगता है उसका मेरे कांघो पे सर रखना !!
बस यही पल मैं जिंदगी में बार बार चाहता हूँ !!
कोई शर्त नहीं है कोई शिकायत नहीं है तुमसे !!
बस सीधी सी मुहब्बत है दीदार की चाहत है तुमसे !!
लिखना चाहता था इतिहास नया कोई मोहब्बत में !!
पर एक अधूरी कहानी बनकर रह गए !!
वो खुद पर गरूर करते है तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं !!
जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते !!
वो शमा की महफ़िल ही क्या जिसमे दिल खाक ना हो !!
मज़ा तो तब है चाहत का जब दिल तो जले !!पर राख ना हो !!
दिल चाहता है कि बहोत करीब से देखे तुम्हे !!
पर नादान आंखें तेरे करीब आते ही बंद हो जाती है !!
अन्दाजा नहीं था इतनी गहरी चाहत होगी तुम्हारी !!
ज़रा सा क्या उतरे तुम्हारे दिल में डूबते चले जा रहे है !!
मुहब्बत भरी है दिल में हम प्यार करें किसको !!
अबतक नहीं मिला वो हम चाहते थे जिसको !!
ये दिल की चाहतें भी अजीब हैं !!
जो दर्द दे रहे हैं वो ही अज़ीज़ हैं !!
जरुरी तो नहीं की हर चाहत का मतलब इश्क ही हो !!
कभी कभी किसी अंजान सूरत के लिए भी दिल बेचैन हो जाता है !!
चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये हो तुम !!
हर सांस में यू आते जाते हो जैसे मेरी इबादत बन गये हो तुम !!
हम कहाँ चाहते थे तुमको ख़ामख़ा बदनाम करना !!
वो तो लोग इश्क़ इश्क़ चिल्ला रहे थे और हम तुम्हारा नाम ले बैठे !!
मोहब्बत में हर चीज़ क़ुबूल है यारा !!
पर तेरी चाहतों का बंटवारा नहीं !!
एक चाहत थी तेरे संग जीने की वरना !!
मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी !!
Chahat shayari for girl
दिलों में कुछ ऐसे लगाव और चाहतें होती हैं की !!
हाथों में हाथ न हो मगर रूह से रुह बंधी होती है !!
मोहब्बत में हर चीज कूबूल है यारा !!
पर तेरी चाहतो का बँटवारा नही !!
कोई शर्त नहीं है कोई शिकायत नहीं है तुमसे !!
बस सीधी सी मुहब्बत है दीदार की चाहत है तुमसे !!
चाहता तो हूँ कि अब चूम लूँ तुम्हारे इन गालों को मैं !!
पर अपने ही लबों से ख़ुद जल भी तो मैं ही जाता हूँ !!
ज़रूरी नहीं कि हर बात पर तुम मेरा कहा मानो !!
दहलीज़ पर रख दी है चाहत आगे तुम जानो !!
एक चाहत होती है अपनों के साथ जीने की !!
वरना पता तो हमें भी है की मरना अकेले ही है !!
चाहत तो हम भी रखते हैं, किसी के दिल में हम भी धड़कते हैं !!
न जाने वो कब मिलेंगी जिन के लिए हम रोज़ तड़पते हैं !!
एक झलक देखकर जिस शक्श की चाहत हो जाए !!
उसको पर्दे में भी पहचान लिया जाता है !!
रहना तो चाहते थे साथ उनके पर इस ज़माने ने रहने ना दिया !!
कभी वक़्त की खामोशी मे खामोश रहे तो कभी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया !!
मिल जाए हर कोई यू ही राहो मे तो पता कैसे चले की इंतज़ार क्या है !!
तड़प के देखो किसी की चाहत मे तो पता चले की प्यार क्या होता है !!
ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी !!
तुझे देखने की चाहत है !!
दिल में चाहत का होना जरूरी है जनाब !!
याद तो उधार लेने-देने वाले भी करते हैं !!
सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना !!
कहीं कोई थक ना जाये, तुम्हें एहसास दिलातें दिलाते !!
तेरे इश्क में हम बीमार है !!
मरना चाहते है पर कातिल नहीं मिलता !!
लाख चाहता हूँ कि तुझे याद ना करू !!
मगर इरादा अपनी जगह बेबसी अपनी जगह !!
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Teri chahat mein shayari
हमारी खुशियों में वो शामिल होतें हैं जिसे हम चाहतें हैं !!
लेकिन हमारे दुःखों में वो शामिल होतें है जो हमे चाहते है !!
वो खुद पे इतना गुरूर करते हैं तो इसमें हैरत की बात नहीं !!
बाबू जिन्हें हम चाहते हैं वो आम कभी हो ही नहीं सकते !!
मेरी मौत पर तुम भी आना !!
में अपने जनाज़े पर रौनक चाहता हूँ !!
प्यार है मुझसे तो सारी खुशियाँ समेट लो मेरी !!
गमों का क्या है, ये चाहत से खुशियों में बदल जायेंगे !!
रिहा कर ख़ूबसूरत दिखने की चाहत से मुझे !!
ऐ आईने तू मेरी सादगी को ज़मानत दे दे !!
मेरी चाहत का एहसास भी ना होगा उसे !!
उसकी हर अदा पसन्द आई, बेवफाई के सिवा !!
मेरी मौत पर तुम भी आना !!
में अपने जनाज़े पर रौनक चाहता हूँ !!
इस महफिल में किसी को महसूस मत होने देना !!
कि तुम्हारी चाहत से मेरी साँसे चलती है !!
तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया !!
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता !!
तेरी चाहत के सिवा अब ना कोई आरज़ू रही तू रहा !!
तेरी ख़्वाहिश रही और बस तेरी आशिकी रही !!
एक चाहत थी तेरे साथ जीने की !!
वरना, मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी !!
चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये !!
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे !!
मेरी इबादत बन गये हो तुम !!
एक ख्वाब एक ख़याल एक हकीक़त है तू !!
जिंदगी में पाने वाली हर ज़रूरत है तू !!
जिसको रोज़ प्यार करने का दिल करे !!
अरे यार वही प्यारी सी चाहत है तू !!
कैसी गहराई है तेरी चाहत में और मेरी !!
मोहब्बत में न डूबा हूँ अब तक न सतह !!
की कोई उम्मीद नज़र आती है !!
बिन बात के ही रूठने की आदत है !!
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है !!
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ !!
मुझे तो टूटने की आदत है !!
Chahat shayari for girlfriend
हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का !!
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे !!
मुझे चाहो उस की तरह !!
चाहते होती है जहां !!
दिल मिल ही जाते है वहां !!
ये तो प्यार के फूल है जो !!
पत्थर पर भी खिल जाते है !!
जनाब ये इश्क मेरा उसे रास ना हुआ !!
उड़ाया था मजाक जिसने मेरा !!
उसे ही मेरी चाहत का एहसास ना हुआ !!
गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है !!
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है !!
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख !!
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है !!
कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल जाने !!
क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल !!
किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही !!
बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल !!
कौन लिखता है वाह-वाह पाने की चाहत में !!
यहाँ तो सुकून तब बरसता है !!
जब कोई अहसासों को पढ़ता है !!
कभी कभी दिल चाहता है !!
उसे अपने दिल का हाल बता दूं !!
फिर याद आता है अगर उसने Screenshot ले लिए तो !!
वो शमा की महफिल ही क्या !!
जिसमें दिल खाक न हो !!
मज़ा तो तब है चाहत का !!
जब दिल तो जले पर राख न हो !!
अभी नादाँ हु इश्क में जताऊ कैसे !!
प्यार कितना है तुमसे बताऊ कैसे !!
बहुत चाहत है दिल में तुम्हारे लिये !!
तुम ही कहो तुम्हें अपना बनाऊ कैसे !!
तुम्हारी पसंद हमारी चाहत बन जाये !!
तुम्हारी मुस्कुराहट दिल कि राहत बन ज़ाये !!
खुदा खुशियो से इतना खुश कर दे आपको !!
कि आपको खुश देख़ना हमारी आदत बन जाये !!
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है !!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है !!
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद !!
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है !!
कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल !!
जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल !!
किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही !!
बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल !!
इश्क़ का खेल बहुत ही अजीब हो गया है !!
इंसा दिल के बहुत करीब हो गया है !!
भर तो ली है झोली उन सब ने सिक्कों से !!
मगर, चाहत के मुकाबले बहुत गरीब हो गया है !!
बिन बात के ही रूठने की आदत है !!
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है !!
आप खुश रहें, मेरा क्या है !!
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है !!
तेरी चाहत मे हम जमाना भूल गये !!
किसी और को हम अपनाना भूल गये !!
तूम से मोहब्बत हे साारे जहान को बताया !!
बस एक तूझे ही बताना भूल गये !!
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Romantic chahat shayari
चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता !!
तो चांदनी की चाहत क्यूँ होती !!
कट सकती अगर ये ज़िन्दगी अकेले !!
तो साथी की जरूरत ही क्यूँ होती !!
हर कोई पाने की ज़िद में हैं !!
शायद मुझे कोई आज़माने की ज़िद में है !!
जिसकी चाहत है मुझे बेइंतेहा !!
वो मुझे भूल जाने की ज़िद में है !!
अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती !!
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती !!
लोग मरने की आरज़ू ना करते !!
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती !!
चाहत के ये कैसे अफ़साने हुए !!
खुद नज़रों में अपनी बेगाने हुए !!
अब दुनिया की नहीं कोई परवाह हमें !!
इश्क़ में तेरे इस कदर दीवाने हुए !!
अनजाने में तुझसे मुलाकात सी हो गयी !!
दोस्ती करने चले थे और तुझसे चाहत सी हो गयी !!
अपने वजूद में तुझे तलाश करते है !!
हमे तुमसे मोहब्बत सी हो गयी !!
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ !!
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ !!
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह !!
तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ !!
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना !!
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना !!
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं !!
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना !!
कोई चाहत की बात करता है !!
तो कोई चाहने की !!
हम दोनोँ आज़मा के बैठे हैँ !!
ना चाहत मिली ना तो चाहने वाले !!
आज हम हैं, कल हमारी यादें होंगी !!
जब हम ना होंगे, तब हमारी बातें होंगी !!
कभी पलटो गे जिंदगी के ये पन्ने !!
तो शायद आप की आँखों से भी बरसातें होंगी !!
तुम्हारी पसन्द हमारी चाहत बन जाये !!
तुम्हारी मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाये !!
खुदा खुशियो से इतना खुश कर दे आपको !!
की आपकी ख़ुशी देखना हमारी आदत बन जाये !!
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ !!
ज़िंदगी अपनी तेरी चाहत में सवार लूँ !!
मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी !!
सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ !!
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी !!
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी !!
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा !!
उसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी !!
सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो !!
नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो !!
हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर !!
खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो !!
कोई अपनी चाहत का इजहार करें !!
तो उसके जज्बात की कद्र करना !!
क्योंकि जब दिल टूटता है !!
तो दर्द इक जमाने तक होता है !!
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ !!
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ !!
मुलाक़ात हो तुझ से कुछ इस तरह !!
तमाम उम्र बस इक मुलाक़ात में गुजार लूँ !!
चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता !!
तो चांदनी की चाहत क्यों होती !!
कट सकती अगर ये जिंदगी अकेले !!
तो साथी की जरूरत ही क्यों होती !!