Gulzar Shayari In Hindi गुलज़ार शायरी इन हिंदी

जाने कैसे बीतेंगी ये बरसातें !! माँगें हुए दिन हैं माँगी हुई रातें !!

प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है !! रोग भी वही है जो इलाज है !!

सब खफा हैं मेरे लहजे से !! पर मेरे हालात से वाकिफ कोई नहीं !!

वो बेपनाह प्यार करता था मुझे !! गया तो मेरी जान साथ ले गया !!

वक्त सालों की धुंध से निकल जायेगा!! तेरा चेहरा नज़र से पिघल जायेगा!!

शाम से आँख में नमी सी है!! आज फिर आपकी कमी सी है!!

कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते !! एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए !!

मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे उनके आंसू !! कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गई !!

मुस्कुराहटें झूठी भी हो सकती है !! इंसान को देखना नहीं समझना सीखो !!