उम्मीद तो नही फिर भी उम्मीद हो !!
कोई तो इस तरह आशिक़ शहीद हो !!

जाने कैसे बीतेंगी ये बरसातें !!
माँगें हुए दिन हैं माँगी हुई रातें !!

प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है !!
रोग भी वही है जो इलाज है !!


सब खफा हैं मेरे लहजे से !!
पर मेरे हालात से वाकिफ कोई नहीं !!

वो बेपनाह प्यार करता था मुझे !!
गया तो मेरी जान साथ ले गया !!

वक्त सालों की धुंध से निकल जायेगा!!
तेरा चेहरा नज़र से पिघल जायेगा!!

थोड़ा सा रफू कर के देखिए ना !!
फिर से नई सी लगेगी जिंदगी ही तो है !!

शाम से आँख में नमी सी है!!
आज फिर आपकी कमी सी है!!

मुस्कुराना सहते जाना चाहने की रस्म है!!
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है!!

कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते !!
एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए !!

खून निकले तो ज़ख्म लगती है !!
वरना हर चोट नज़्म लगती है !!

मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे उनके आंसू !!
कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गई !!

मुस्कुराहटें झूठी भी हो सकती है !!
इंसान को देखना नहीं समझना सीखो !!

याद आएगी हर रोज़ मगर तुझे आवाज़ ना दूँगा !!
लिखूँगा तेरे ही लिए हर ग़ज़ल मगर तेरा नाम ना लूँगा !!

बेहिसाब हसरते ना पालिए !!
जो मिला हैं उसे सम्भालिए !!

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Gulzar Shayari In Hindi
एक पुराना ख़त खोला जब अनजाने में !!
खुशबू जैसे लोग मिले अफसाने में !!

बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो !!
मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो !!

एक बार तो यूँ होगा थोड़ा सा सुकून होगा !!
ना दिल में कसक होगी ना सर में जूनून होगा !!

इच्छाएं बड़ी बेवफा होती हैं!!
कमबख्त पूरी होते ही बदल जाती हैं!!

ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ !!
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं !!

तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने !!
सुख गया वो तेरा गुलाब मगर फेका नहीं मैंने !!

जिन लोगो की हंसी खूबसूरत होती है !!
याद रखना की उनके ज़ख्म बहुत गहरे होते हैं !!

मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था !!
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था !!

अपने दिल की हाल हर एक को मत बताया करो !!
यंहा तमाशा बनने में देर नहीं लगती !!

ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा !!
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है !!

मुझसे तुम बस मोहब्बत कर लिया करो !!
नखरे करने में वैसे भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं !!

काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी !!
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी !!

तजुर्बा कहता है रिश्तों में फैसला रखिए !!
ज्यादा नजदीकियां अक्सर दर्द दे जाती है !!

कोई समझे तो एक बात कहूँ साहब !!
तनहाई सौ गुना बेहतर है मतलबी लोगों से !!

शाम से आँख में नमी सी है !!
आज फिर आप की कमी सी है !!

Gulzar Shayari
हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह !!
हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह !!

वो उम्र कम कर रहा था मेरी !!
मैं साल अपने बढ़ा रहा था !!

तुम लौट कर आने की तकलीफ़ मत करना !!
हम एक ही मोहब्बत दो बार नहीं किया करते !!

जागना भी काबुल है तेरी यादों में रातभर !!
तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !!

तमाशा करती है मेरी जिंदगी !!
गजब ये है कि तालियां अपने बजाते हैं !!

काई सी जम गई है आँखों पर !!
सारा मंज़र हरा सा रहता है !!
वो चीज जिसे दिल कहते हैं !!
हम भूल गए हैं रख कर कहीं !!
हाथ छुटे तो भी रिश्ते नहीं छोड़ा करते !!
वक़्त की शाख से रिश्ते नहीं तोड़ा करते !!
वफा की उम्मीद ना करो उन लोगों से !!
जो मिलते हैं किसी और से होते है किसी और के !!
उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर !!
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले !!
वो जो उठातें हैं क़िरदार पर उंगलियां !!
तोहफे में उनको आप आईने दीजिए !!
शहर न आई कई बार नींद से जागे !!
थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले !!
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं !!
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ !!
यूँ भी एक बार तो होता कि समुंदर बहता !!
कोई एहसास तो दरिया की आने का होता !!
आप के बाद हर घड़ी हम ने !!
आप के साथ ही गुज़ारी है !!
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Gulzar shayari in hindi 2 lines
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई !!
जैसे एहसान उतारता है कोई !!
कोई न कोई रहबर रस्ता काट गया !!
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की !!
इतने लोगों में कह दो अपनी आँखों से !!
इतना ऊँचा न ऐसे बोला करे लोग मेरा नाम जान जाते हैं !!
मंजर भी बेनूर था और फिजायें भी बेरंग थीं !!
बस फिर तुम याद आये और मौसम सुहाना हो गया !!
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ !!
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की !!
सब तरह की दीवानगी से वाकिफ हुए हम !!
पर मा जैसा चाहने वाला जमाने भर में ना था !!
जब भी ये दिल उदास होता है !!
जाने कौन दिल के पास होता है !!
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़ !!
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे !!
कर जा कुछ ऐसा के जीने का अफसोस बाक़ी ना रह जाए !!
कर दिल की हर हसरत पूरी कोई अरमान बाक़ी ना रह जाए !!
जिंदगी मे सबको सब कुछ मिले बेशक़ ये ज़रूरी नहीं हैं लेकिन !!
जो मिला है उसकी भी कहीं कोई चाहत बाक़ी ना रह जाए !!
मुसलसल बदलते दौरा से भी मै बख़ूबी वाकिफ़ हूँ निश़ात !!
सँभलना कहीं कोई फिर भी नया तजुर्बा बाक़ी ना रह जाए !!
हसरत थी दिल में की एक खूबसूरत महबूब मिले !!
मिले तो महबूब मगर क्या खूब मिले !!
आ रही है जो चाप क़दमों की !!
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद !!
बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो !!
मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो !!
मुद्दतें लगी बुनने में ख्वाब का स्वेटर !!
तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था !!
Gulzar shayari on life in hindi
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा !!
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा। !!
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में !!
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया !!
आप के बाद हर घड़ी हम ने !!
आप के साथ ही गुज़ारी है !!
बहुत अंदर तक जला देती हैं !!
वो शिकायते जो बया नहीं होती !!
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम !!
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं !!
बहुत अंदर तक जला देती हैं !!
वो शिकायते जो बया नहीं होती !!
मैंने दबी आवाज़ में पूछा मुहब्बत करने लगी हो !!
नज़रें झुका कर वो बोली बहुत !!
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत !!
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना !!
हम तो अब याद भी नहीं करते !!
आप को हिचकी लग गई कैसे !!
उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और !!
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे !!
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं !!
रात भी आयी और चाँद भी था मगर नींद नहीं !!
दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए !!
फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए !!
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का !!
अधूरी हो सकती है मगर ख़त्म नहीं !!
जर्रा जर्रा समेट कर खुद को बनाया है मैंने !!
मुझसे ये ना कहना बहुत मिलेंगे तुम जैसे !!
वो हमे भूल ही गए होंगे !!
भला इतने दिनों तक कौन खफा रहता है !!
लगता है जिंदगी आज खफा है !!
चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है !!
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Gulzar ki shayari in hindi
बहुत करीब से अनजान बनके गुजरा है वो शख्स !!
जो कभी बहुत दूर से पहचान लिया करता था !!
बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे !!
जब हमने भी कर ली तो उनका शौक बदल गया !!
सफर छोटा ही सही पर यादगार होना चाहिए !!
रंग सांवला ही सही पर वफादार होना चाहिए !!
बस इतना सा असर होगा हमारी यादों का !!
की कभी कभी तुम बिना बात के मुस्कुराओग !!
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता !!
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता !!
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं !!
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ भेजी हैं !!
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते !!
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते !!
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं !!
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है !!
शाम से आँख में नमी सी है !!
आज फिर आप की कमी सी है !!
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था !!
आज की दास्ताँ हमारी है !!
उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जहाँ पर !!
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले !!
सहर न आई कई बार नींद से जागे !!
थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले !!
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ !!
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की !!
कोई अटका हुआ है पल शायद !! !!
वक़्त में पड़ गया है बल शायद
बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो !!
मजबूरियों को मतं कोसो !! हर हाल में चलना सीखो !!
Gulzar love shayari in hindi
इतने लोगों में कह दो अपनी आँखों से !!
इतना ऊँचा न ऐसे बोला करे !! लोग मेरा नाम जान जाते हैं !!
हाथ छुटे तो भी रिश्ते नहीं छोड़ा करते !!
वक़्त की शाख से रिश्ते नहीं तोड़ा करते !!
अगर कसमें सब होती !!
तो सबसे पहले खुदा मरता !!
मुझे मालूम था कि वो मेरा हो नही सकता !!
मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गई उससे !!
आँशु का बूंद है ये ज़िंदगी का सफर !!
कभी फूल में तो कभी धूल में !!
फुर्सत मिले तो कभी बैठकर सोचना !!
तुम ही मेरे अपने हो या हम भी सिर्फ तुम्हारे हैं !!
उन्हें कल हैरानी हुयी हमे इस हाल में देखकर !!
की भला टूटकर भी कोई मुस्कुराता है !!
साथ साथ चलने की कस्मे भी उसी की थी !!
और रास्ता बदलने का फैसला भी उसका था !!
बिना आवाज़ का रोना !!
रोने से भी ज्यादा दर्द देता है !!
किसी से प्यार करो बस उम्मीद मत रखो !!
तकलीफ प्यार करने से नहीं करने से होती है !!
सजा देने हमे भी आती है !!
पर तू तकलीफ से गुजरे यह हमे गवारा नहीं !!
जो लोग तुमसे तंग आ जाये उसे छोड़ !!
दो क्योकि बोझ बन जाने से याद बन जाना बेहतर है !!
जो तुमने किया सायद वो इसक नहीं था !!
क्यों की वो इसक नहीं जो साथ छोड़ दे !!
आँशु छुपा रहा हु तुमसे की दर्द बताना नहीं आता !!
बैठे बैठे भींग जाती है पलके दर्द छुपाना नहीं आता !!
हमेशा से तो नही रहा होगा तू भी सख्त दिल !!
तेरी भी मासूमियत से भी किसी ने खेला होगा !!
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Gulzar sad shayari in hindi
मेरी आंखों ने पकड़ा है उन्हें कई बार रंगे हाथ !!
वो इश्क करना तो चाहते हैं मगर घबराते बहुत हैं !!
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से !!
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है !!
आप के बाद हर घड़ी हम ने !!
आप के साथ ही गुज़ारी है !!
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन !!
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन !!
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई !!
जैसे एहसान उतारता है कोई !!
आइना देख कर तसल्ली हुई !!
हम को इस घर में जानता है कोई !!
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा !!
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा !!
एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल ली !!
और लोग कहते हैं की हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली !!
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं !!
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं !!
पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है !!
भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है !!
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है !!
तूने देखा ही नहीं !! आँखों में कुछ और भी है !!
दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा !!
पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा !!
मैं चुप कराता हूँ हर शब उमडती बारिश को !!
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है !!
इश्क़ की तलाश में क्यों निकलते हो तुम !!
इश्क़ खुद तलाश लेता है जिसे बर्बाद करना होता है !!
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़ !!
किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे !!
Shayari gulzar in hindi
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी !!
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं !!
दर्द की भी अपनी एक अदा है !!
वो भी सहने वालों पर फ़िदा है !!
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं !!
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ भेजी हैं !!
खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते !!
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !!
जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं !!
अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं !!
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते !!
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते !!
यूँ भी एक बार तो होता कि समुंदर बहता !!
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता !!
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते !!
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते !!
थोडा है थोड़े की ज़रूरत है !!
ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है !!
आखिरी नुकसान था तू जिंदगी में!!
तेरे बाद मैंने कुछ खोया ही नहीं!!
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था !!
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था !!
वो हमे भूल ही गए होंगे !!
भला इतने दिनों तक !!
कौन खफा रहता है !!
धीरे-धीरे ज़रा दम लेना !!
प्यार से जो मिले गम लेना !!
दिल पे ज़रा वो कम लेना !!
एक बीते हुए रिश्ते की !!
एक बीती घड़ी से लगते हो !!
तुम भी अब अजनबी से लगते हो !!
जो हैरान हैं मेरे सब्र पर !!
उनसे कह दो जो आंसू जमीन पर !!
नहीं गिरते वो दिल चीर देते हैं !!
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Shayari in hindi gulzar
आज थोड़ी बिगड़ी है !!
कल फिर सवांर लेंगे !!
जिंदगी है जो भी होगा संभाल लेंगे !!
तन्हाई अच्छी लगती है !!
सवाल तो बहुत करती पर !!
जवाब के लिए ज़िद नहीं करती !!
मोहब्बत अपनी जगह !!
नफरत अपनी जगह !!
मुझे दोनो है तुमसे !!
तुझे पाने की जिद थी !!
अब भुलाने का ख्वाब है !!
ना जिद पूरी हुई और ना ही ख्वाब !!
दिल बड़ा गहरा कुआँ है !!
आग जलती है हमेशा !!
हर तरफ धुआँ धुआँ है !!
लगे न नज़र इस रिश्ते को जमाने की !!
हमारी भी तमन्ना है !!
मरते दम तक आपसे दोस्ती निभाने की !!
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी !!
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते !!
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी !!
जीना भूले थे कहां याद नहीं!!
तुमको पाया है जहाँ!!
सांस फिर आई वहीं!!
ना राज़ है ज़िन्दगी !!
ना नाराज़ है ज़िन्दगी !!
बस जो है वो आज है ज़िन्दगी !!
ख़ामोश रहने में दम घुटता है !!
और बोलने से ज़बान छिलती है !!
डर लगता है नंगे पांव मुझे !!
हम समझदार भी इतने हैं की !!
उनका झूठ पकड़ लेते हैं !!
और उनके दीवाने भी इतने !!
की फिर भी यकीन कर लेते है !!
जबसे तुम्हारे नाम की !!
मिसरी होंठ लगाई है !!
मीठा सा गम है !!
और मीठी सी तन्हाई है !!
वक्त कटता भी नही !!
वक्त रुकता भी नही !!
दिल है सजदे में मगर !!
इश्क झुकता भी नही !!
होती नही ये मगर !!
हो जाये ऐसा अगर !!
तू ही नज़र आए तू !!
जब भी उठे ये नज़र !!
उतर रही हो
या चढ़ रही हो !!
क्या मेरी मुश्किलों को !!
पढ़ रही हो !!
Gulzar shayari on love in hindi
सुरमे से लिखे तेरे वादे !!
आँखों की जबानी आते हैं !!
मेरे रुमालों पे लब तेरे !!
बाँध के निशानी जाते हैं !!
तेरे इश्क़ में तू क्या जाने !!
कितने ख्वाब पिरोता हूं !!
एक सदी तक जागता हूं मैं !!
एक सदी तक सोता हूं !!
जब भी ये दिल उदास होता है !!
जाने कौन आस पास होता है !!
कोई वादा नहीं किया लेकिन !!
क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है !!
गुल पोश कभी इतराये कहीं !!
महके तो नज़र आ जाये कहीं !!
तावीज़ बनाके पहनूं उसे !!
आयत की तरह मिल जाये कहीं !!
पता चल गया है के मंज़िल कहां है !!
चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे !!
सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर !!
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे !!
कोई आहट नही बदन की कहीं !!
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं !!
वक्त जाता सुनाई देता है !!
तेरा साया दिखाई देता है !!
इस दिल में बस कर देखो तो !!
ये शहर बड़ा पुराना है !!
हर साँस में कहानी है !!
हर साँस में अफ़साना है !!
इतना लंबा कश लो यारो!!
दम निकल जाए!!
जिंदगी सुलगाओ यारों!!
गम निकल जाए!!
ख़ामोश रहने में दम घुटता है!!
और बोलने से ज़बान छिलती है!!
डर लगता है नंगे पांव मुझे!!
कोई कब्र पांव तले हिलती है!!
टूटी फूटी शायरी में!!
लिख दिया है डायरी में!!
आख़िरी ख्वाहिश हो तुम!!
लास्ट फरमाइश हो तुम!!
तन्हाइयां कहती हैं !!
कोई महबूब बनाया जाए !!
जिम्मेदारियां कहती हैं !!
वक़्त बर्बाद बहुत होगा !!
उतार कर फेंक दी उसने !!
तोहफे में मिली पायल !!
उसे डर था छनकेगी तो !!
याद जरूर आऊंगा मै !!
सब तारीफ कर रहे थे !!
अपने अपने महबूब का !!
हम नीद का बहाना बना कर !!
महफ़िल छोड़ आए !!
सालों बाद मिले वो !!
गले लगाकर रोने लगे !!
जाते वक़्त जिसने कहा था !!
तुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे !!
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Gulzar best shayari in hindi
मांगा नही रब से तुम्हे !!
लेकिन इशारा तुम्हीं पर था !!
नाम बेशक नही लिया !!
मगर पुकारा तुम्हीं को था !!
हर पल में हंसने का !!
हुनर था जिनके पास !!
आज वो रोने लगे हैं तो !!
कोई बात तो होगी ना !!
कोई आहट नही बदन की कहीं !!
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं !!
वक्त जाता सुनाई देता है !!
तेरा साया दिखाई देता है !!
कहीं किसी रोज यूं भी होता !!
हमारी हालत तुम्हारी होती !!
जो रातें हमने गुजारी मरके !!
वो रातें तुमने गुजारी होती !!
नहीं बदल सकते हैं हम !!
खुद को औरो के हिसाब से !!
एक लिबास हमें भी दिया है !!
खुदा ने अपने हिसाब !!
समेट लो इन नाजुक पलो को !!
ना जाने ये लम्हे हो ना हो !!
हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल !!
उन पलो में हम हो ना हो !!
हँसना हँसाना आता हैं मुझे !!
मुझसे गम की बात नहीं होती !!
मेरी बातो में मज़ाक होता हैं !!
मेरी हर बात मज़ाक नहीं होती !!
तन्हाई की दीवारों पर !!
घुटन का पर्दा झूल रहा हैं !!
बेबसी की छत के नीचे !!
कोई किसी को भूल रहा हैं !!
दुपट्टा क्या रख लिया सर पे !!
वो दुल्हन नजर आने लगी !!
उसकी तो अदा हो गयी !!
जान हमारी जाने लगी। !!
कुछ सुनसान पड़ी है ज़िंदगी !!
कुछ वीरान हो गए है हम !!
जो हमें ठीक से जान भी नहीं पाया !!
खामखां उसके लिए परेशान हो गए है हम !!
जो जाहिर करना पड़े !!
वो दर्द कैसा !!
और जो दर्द न समझ सके !!
वो हमदर्द कैसा !!