365 + Best Tanhayi Shayari in Hindi | तन्हाई शायरी 2 लाइन

Tanhayi Shayari in Hindi

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कहने को ही मैं अकेला हूं पर हम चार है !!
एक मैं मेरी परछाई मेरी तन्हाई और तेरा एहसास !!

तेरी यादों से महक उठी है यूं तन्हाई !!
दिल के सेहरा में कोई फूल खिला हो जैसे !!

मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे छोड़ दूँ !!
इस तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है !!

हमारे गुजरने के बाद ये समुन्दर तुमसे पूछा करेगा कि !!
आखिर कौन था वो शख्स जो तन्हाई में रोज़ तुम्हारा नाम लिखा करता था !!

वो जो जी रहा है किसी के साथ के लिए !!
वो एक एक शक़्स तसंहा मर रहा है !!

तुझसे वफादार ये तन्हाई है सनम !!
एक पल के लिए मुझे अकेला नहीं करती !!

तेरी याद तन्हाई और मैं !!
सोच क्या क़यामत की मुलाक़ात होती होगी !!

कोई रास्ता ऐसा भी हो !!
जो मुझे आधे रास्ते मैं ना छोड़े !!

तन्हाई में खुद के बदहाल भूल कर !!
मैं तुझे बखूबी याद करता हूँ !!

ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तनहा !!
काफिला साथ और सफर तनहा !!

तनहा तारों में तेरा चेहरा ढूंढता हूँ !!
हर तारे में तेरा चेहरा नज़र आता है !!

ना कोई इलाज है ना दवाई है !!
ये तन्हाई भी तबाही है !!

अब एक जगह बस गया तो अब ना तुझे उजाड़ेंगे ज़िन्दगी !!
अब जैसा भी हाल हो बस तनहा गुज़रेंगे ज़िन्दगी !!

आज इतना तनहा महसूस किया खुद को !!
जैसे लोग चले गए दफना कर मुझे !!

तनहा गुज़रेगी अब ज़िन्दगी तब तक !!
जब तक सनम हम नहीं गुज़रेंगे !!

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Tanhayi Shayari in Hindi

तन्हाई आती है तेरी याद लेकर !!
जाती है कतरा कतरा मेरी जाना लेकर !!

ज़िन्दगी को मेरी यूँ ही तब्हा रहने दो !!
मैं जहाँ हूँ मुझे वहां रहने दो !!

तेरी दिल के निकले हुए !!
हम अब जाकर तन्हाई में रहते हैं !!

गए थे तुम जहाँ तनहा छोड़ कर !!
इंतज़ार कर रहा हूँ मैं वही तन्हाई में तनहा होकर !!

अकेला रहता हूँ अकेला जीता हूँ मैं !!
महफिलों में नहीं जाता अकेला ही पीता हूँ मैं !!

तेरी यादों को अपने दिल में हर पल मेहफ़ूज़ रखता हूँ !!
कचहे लाखों के बीच भी बैठा रहूँ मैं पर काफी अकेला महसूस करता हूँ मैं !!

तू मेरी दुनिया थी तूने मुझे छोड़ दिया !!
अब मैं दुनिया छोड़ना चाहता हूँ !!

सुकून है बड़ा अकेले होने में !!
कोई अड़चन नहीं है रोने में !!

साथ दिया उसने भी मेरे साथ वालों का !!
वो भी उन्ही की तरह मुझे अकेला कर गई !!

तुम क्या अकेला छोड़ गए मुझे !!
अब सभी से कहता फिरता हूँ मुझे अकेला छोड़ दो !!

कोई झूठा साथी नहीं किसी की जुबां टेल छूरा नहीं !!
अकेला रहना इतना भी बुरा नहीं !!

गद्दारों के संग झूठे झमेले में रहो !!
इससे तो बेहतर यही है की अकेले में रहो !!

तनहा होकर तेरी याद बहुत आती है !!
और किसी के साथ रहूँ तो हर बात में तेरी बात आती है !!

हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे !!
तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर !!

कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी !!
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है !!

Tanhayi Shayari

कुछ उलझे सवालो से डरता है दिल जाने क्यों तन्हाई में बिखरता है !!
दिल किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल !!

बस वही जान सकता है मेरी तन्हाई का आलम !!
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है !!

कोई समझे तो एक बात कहूँ !!
तन्हाई सौ गुना बेहतर है मतलबी लोगों से !!

इंतज़ार करते करते एक और शाम बीत जाएगी !!
तुम आज भी नहीं आओगे और तन्हाई जीत जाएगी !!

ये उदास रातें मेरी तन्हाई को मुकाम पे ले आती हैं कि !!
मुझे तुम एक तुम फिर तुम और बस तुम याद आते हो !!

सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का !!
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता !!

मैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हा !!
वक़्त कुछ साथ गुजारा जाए !!

वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा !!
मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ !!

अब तो याद भी उसकी आती नहीं !!
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ !!

मैं तो तन्हा था मगर तुझ को भी तन्हा देखा !!
अपनी तस्वीर के पीछे तिरा चेहरा देखा !!

गो मुझे एहसास-ए-तन्हाई रहा शिद्दत के साथ !!
काट दी आधी सदी एक अजनबी औरत के साथ !!

मिरे वजूद को परछाइयों ने तोड़ दिया !!
मैं इक हिसार था तन्हाइयों ने तोड़ दिया !!

उदासियाँ हैं जो दिन में तो शब में तन्हाई !!
बसा के देख लिया शहर-ए-आरज़ू मैं ने !! !!

दश्त-ए-तन्हाई में जीने का सलीक़ा सीखिए !!
ये शिकस्ता बाम-ओ-दर भी हम-सफ़र हो जाएँगे !!

तन्हाई के लम्हात का एहसास हुआ है !!
जब तारों भरी रात का एहसास हुआ है !!

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है आदमी बजाए ख़ुद इक महशर-ए-ख़याल !!
हम अंजुमन समझते हैं ख़ल्वत ही क्यूँ न हो !!

अकेला उस को न छोड़ा जो घर से निकला वो !!
हर इक बहाने से मैं उस सनम के साथ रहा !!

दरिया की वुसअतों से उसे नापते नहीं !!
तन्हाई कितनी गहरी है इक जाम भर के देख !!

मैं अकेला नहीं हूँ !!
लेकिन मैं तुम्हारे बिना तन्हा हूँ !!

जब तक लोगों को हमारी जरूरत नहीं पड़ती !!
तब तक वो हमें अनदेखा करते हैं !!

मैं किसी ऐसे की परवाह करता हूँ !!
जो मेरी परवाह ही नहीं करता !!

कभी कभी तन्हाई चोट लगने से भी ज्यादा दर्द दे जाती है !!

मैं वो हूँ जिसे हर कोई एक के बाद एक बदलता जा रहा है !!

काश मैं तुम्हें भी वैसे ही अनदेखा करता जैसे तुमने मुझे किया !!

मैं उन लोगों में से हूँ जिसने भीड़ में भी तन्हाई को महसूस किया है !!

गलतियां पलों में होती हैं !!
और भुगतना सदियों को पड़ता है !!

पता नहीं किसकी नज़र लगी है !!
जो दिल के करीब थे अब उनसे मिलने को भी तरसते हैं !!

तन्हाई में कोई मर नहीं जाता !!
बस जीने का अंदाज़ बदल जाता है !!

कोण पूछता है पिंजरे में बंद पंछियों को !!
‘याद तो वही आते हैं जो उड़द जाते हैं !!

एक नकली मुस्कान के पीछे !!
हमेशा एक तनहा दिल होता है !!

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सोचा था कुछ और हुआ कुछ और माँगा था !!
कुछ और और नसीब में मिल तो बस तन्हाई !!

कोई बताएगा कि वो पत्थर कहाँ से मिलेगा !!
जिसे दिल पे रखकर लोग एक दुसरे को भूल जाते हैं !!

टूट गयी सब हसरतें, सब अरमान खो गए !!
तुमसे दिल लगाने के बाद अब तनहा हो गए !!

ज़िन्दगी की राह पे हर कदम पर तन्हाई है !!
कोई मेरे साथ नहीं बेवफाई है !!

तन्हाई में ख़तम हो जाएंगे अफ़साने तमाम !!
फिर मिल बेथ कर रोएंगे अपने और बेगाने तमाम !!

अब तो ज़िन्दगी भी परायी है !!
बस मैं और मेरी तन्हाई है !!

ज़माना मिला रुलाने के लिए !!
तन्हाई मिली उम्र भर सताने के लिए !!

तन्हाई में एक बात तो आसान हो गयी !!
अपने और बेगाने की पहचान हो गयी !!

बैठ कर तनहा मैं तुझे याद करता हूँ !!
भगवान् से तेरी ख़ुशी की फर्याद करता हूँ !!

कश्तियाँ डूब जाती हैं, तूफ़ान चले जाते हैं !!
तन्हाई रह जाती हैं, इंसान चले जाते हैं !!

आवारा गलियों में मैं और मेरी तन्हाई !!
जाएँ तो कहाँ जाएँ हर मोड़ पर तन्हाई !!

बेवफा से यारो प्यार न करो !!
धोखेबाज़ों का ऐतबार न करो !!

दिन रात हम फर्याद करते हैं !!
वो हमें मिलते नहीं जिसे हम प्यार करते हैं !!

ग़मों के प्याले को पी जाऊँगा !!
तेरे बिना ज़िन्दगी भी जी जाऊँगा !!

वो नहीं आएगी ये दिल को समझाते रहे !!
और रात भर आंसू बहाते रहे !!

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तेरी राहों में आँखें बिछा कर बैठा हूँ !!
इस तन्हाई की कसम पूरी दुनिया भुला कर बैठा हूँ !!

मेरी तन्हाई को पढ़ना हर किसी के बस की बात नहीं !!
इस किताब में लफ़्ज़ों की जगह जज़्बात लिखे हुए हैं !!

मिला तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी से !!
पहले तू फिर तेरी याद और अब ये तन्हाई !!

अपने दिल पर हाथ रख कर बता !!
मोहब्बत कितनी थी और मतलब कितना !!

अकेलापन और तन्हाई सबसे भयानक गरीबी है !!

कभी-कभी मुस्कुराहट भरा दिल बनाने के लिए !!
लोगों को अपने सारे आंसू रोने पड़ते हैं !!

अगर तुम बिना किसी कारण के मुझे छोड़ कर गए हो तो !!
किसी बहाने से वापस आने की भी कोई जरूरत नहीं !!

कभी कभी मैं अपनी आँखें बंद करता हूँ !!
और उस समय के सपने लेता हूँ जब मैं तनहा नहीं था !!

आप ख़ुद को ख़ुशी से बचाए बिना !!
दुःख से अपनी रक्षा नहीं कर सकते !!

आप खुद को दुखों से नहीं बचा सकते !!
जब तक आप अपनी खुशियों की रक्षा नहीं करते !!

इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं !!
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं !!

तेरे वजूद की खुशबु बसी है साँसों में !!
ये और बात है नजरों से दूर रहते हो !!

हुआ है तुझसे बिछड़ने के बाद ये मालूम !!
कि तू नहीं था तेरे साथ एक दुनिया थी !!

कितना भी दुनिया के लिए हँस के जी लें हम !!
रुला देती है फिर भी किसी की कमी कभी-कभी !!

तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे !!
शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा !!

तन्हाई शायरी स्टेटस

चंद लम्हों के लिए एक मुलाक़ात रही !!
फिर ना वो तू, ना वो मैं ना वो रात रही !!

कितनी फ़िक्र है कुदरत को मेरी तन्हाई की !!
जागता रहता हैं चाँद रात भर मेरे लिए !!

कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें !!
तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों का क्या करें !!

फिर उसके जाते ही दिल सुनसान हु कर रह गया !!
अच्छा भला आबाद शहर वीरान हो कर रह गया !!

वो भी तनहा रोती है और इधर खुश में भी नहीं !!
सायद पियार की मंजिल यहाँ भी नहीं वहां भी नहीं !!

आज इनता तनहा महेसूस किया खुद को !!
जेसे लोग दफना क्र चले गए हों !!

पुकारा जब मुझे तन्हाई ने तो याद आया !!
कि अपने साथ बहुत मुख़्तसर रहा हूँ मैं !! !!

ये कैसा क़ाफ़िला है जिस में सारे लोग तन्हा हैं !!
ये किस बर्ज़ख़ में हैं हम सब तुम्हें भी सोचना होगा !!

सिमटती फैलती तन्हाई सोते जागते दर्द !!
वो अपने और मिरे दरमियान छोड़ गया !!

कभी-कभी आपको केवल यह देखने के लिए !!
भागने की आवश्यकता होती है कि कौन अपना आपका पीछा करेगा !!

कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ कहाँ से गुजरे !!
अकेले ही नजर आये हम जहाँ जहाँ से गुजरे !!

ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है !!
दोस्तों जिसको कोई मिल गया, वो और तन्हा हो गया !!

जब से देखा है चाँद को तन्हा !!
तुम से भी कोई शिकायत ना रही !!

तन्हाई में नींद नहीं आती हमे !!
गुज़र जाती है हर रात किसी को याद करते करते !!

मैं हूँ दिल है तन्हाई है !!
तुम भी जो होते तो अच्छा होता !!

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तुझ पे खुल जाती मेरे रूह की तन्हाई भी !!
मेरी आँखों में कभी झांक के देखा होता !!

ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में !!
तेरी याद आँखें दुखाने लगी !!

गलतियां की थी मेने पर !!
इतनी भी बड़ी नहीं जितनी बड़ी सजा मिल रही है !!

कितनी अजीब है मेरे अंदर की तन्हाई भी !!
हज़ारों अपने है मगर याद तुम ही आते हो !!

इतने घने बादल के पीछे !!
कितना तन्हा होगा चाँद !!

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है !!
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है !!

यादों की महफ़िल में खो कर !!
दिल अपना तन्हा तन्हा है !!

ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है !!
दोस्तों जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया !!

छोड कर जाना सोची समझी साजिश थी !!
वर्ना तुम तो झगड़ा भी कर सकती थी !!

तन्हाई में नींद नहीं आती हमे !!
गुज़र जाती है हर रात किसी को याद करते करते !!

लोग आज भी तेरे बारे में पूछते है की कहाँ है वो !!
मैं बस दिल पर हाथ रख देता हूँ !!

चारों तरफ़ तन्हाई का साया हैं !!
कुछ लोगों ने ही सच्चा प्यार पाया है !!

जब भी देखा मेरे किरदार पे धब्बा कोई !!
देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई !!

रात के अँधेरे में सारा जहाँ सोता हैं !!
पर दिल ये तुझे याद करके रोता हैं !!

कोई गम नहीं एक तेरी जुदाई के सिवा !!
मेरे हिस्से में क्या आया तन्हाई के सिवा !!

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इक दर्द छुपा है सीने में मुस्कान अधूरी लगती है !!
न जाने क्यूँ बिन तेरे हर शाम अधूरी लगती हैं !!

कभी गम तो कभी तन्हाई मार गयी !!
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी !!

तेरे जाने के बाद, साँस भी बोझ सी लगती हैं !!
अब तो धड़कन की आवाज शोर सी लगती हैं !!

घर से निकले चौक गए फ़िर पार्क में बैठे !!
तनहाई को जगह जगह बिखराया हमने !!

जिसे देखो वो तनहाई मैं जिए जा रहा है !!
फिर साहब ये इश्क कौन किए जा रहा है !!

मोहब्बत में मुझे ये खाई मिली !!
इश्क से ज्यादा तन्हाई मिली !!

ये सर्द हवाएँ बिखरे पत्ते और तन्हाई !!
दिसम्बर तू सब कुछ ले आया है सिवा उसके !!

सुनो अब लौट कर मत आना !!
ये तन्हाई अब हमें तुमसे भी प्यारी लगती हैं !!

बैठ के तन्हाई में जब जब तुझे पुकारा हैं तब दिल में याद !!
आँख में आंसू और खुद को तनहा ही पाया हैं !!

मेरी तन्हाई पर जो सवाल करतें हैं !!
वहीं लोग मेरी मुस्कुराहट पर बवाल करते हैं !!

मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है !!
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है !!

इस तन्हाई के आलम में मै और मेरा तन्हा दिल !!
भूल नहीं पाया है लम्हा वो तेरी अंगड़ाई का !!

तन्हाई से तंग आकर मोहब्बत की तलाश में निकले !!
लेकिन मोहब्बत भी ऐसी मिली कि और तनहा कर गयी !!

तूफान सा आ गया है मेरे आशियाने में शायद !!
तनहाई ने कदम रख लिया है मेरे मयखाने में !!

कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी !!
हजारों अपने हैं मगर याद तुम ही आते हो !!

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तन्हाई भरी शायरी इन हिंदी

कभी दीवाना तो कभी आशिक बन जायेगें !!
तेरा साथ मर कर भी हम निभायेंगे !!
यकीं न आए तो तन्हाई में याद करना !!
हंसी बन कर तुम्हारी होंठो पे खिल जायेगें !!

पता नही क्यो वो छाए हुए हे मेरी तन्हाई के दौर में !!
पता नही क्यो वो छाए हुए हे मेरी तन्हाई के दौर में !!
जब भी तन्हा होता हूं साथ मेरे वो आ जाते हे याद बनकर !!

न जाने कौन सी बात है उस जाने पहचाने से अजनबी मे !!
मेरे लाख न चाहते हुए भी मेरी तन्हाई मे भी !!
मेरे मुस्कुराने की बजह बन जाती है !!

लगता हैं इन हवाओं में रुसवाई मिल गयी हैं !!
तन्हाई मेरी किस्मत में लिख दी गयी हैं !!
पहले यकीन हुआ करता था !!
अब दिल को तस्सली देनी पड़ती हैं कि तुम मेरे हो !!

कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल जाने !!
क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल !!
किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही !!
बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल !!

खोए हुए आंसुओं से मोहब्बत मुझे भी है !!
तेरी तरह ज़िन्दगी से शिकायत मुझे भी है !!
तू अगर नाज़ुक है तो पत्थर मैं भी नहीं !!
तन्हाई में रोने की आदत मुझे भी है !!

अपनी बेबसी पर आज रोना आया !!
दूसरों को क्या मैंने तो अपनों को भी आजमाया !!
हर दोस्त की तन्हाई हमेशा दूर की मैंने !!
लेकिन खुद को हर मोड़ पर हमेशा अकेला पाया !!

मेरे दिल का दर्द किसने देखा है !!
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है !!
हम तन्हाई में बैठे रोते हैं !!
लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है !!

मत पूछो मेरे दिल का हाल !!
आपके दिल भी बिखर जाएँगे !!
इसलिए नही सुनाते अपने दिल का दर्द !!
किसी को ये सुनके तो तन्हाई के भी आँसू निकले !!

करोगे याद एक दिन चाहत के ज़माने को !!
चले जायेंगे जब हम कभी वापस न आने को !!
करेगा महफ़िलों में जब ज़िक्र हमारा कोई !!
तन्हाई ढूंढोगे तुम भी दो आँसू बहाने को !!

मुझे उससे इश्क है कोई मजबूरी तो नहीं !!
वो जिंदगी में हमेशा के लिए बस जाए ये जरूरी तो नहीं !!
ये कम थोड़ी है कि मिला हुआ है मेरे दिल की धड़कनों में वो !!
सिर्फ आखों को नज़र आये जरूरी तो नहीं !!

बनकर गम मुझे रुलाया करती है, बड़ी मुश्किल से लगती है !!
आखें तो मेरी नींदों को बनकर तन्हाई तोडा करती है !!
ये मोहब्बत के सिलसिले भी बड़े गज़ब है !!
यारों ये हर हालत में जिंदा बचना सीखते है !!

मैंने तन्हाई में हमेशा तुम्हे पुकारा है !!
सुन लो गौर से ऐ सनम तेरे बिना !!
ज़िंदगी अधूरी सी लगती है !!

यादों में आपके तनहा बैठे हैं आपके !!
बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं !!
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो !!
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं !!

अब तो हसरत ही नहीं रही !!
किसी से वफ़ा पाने की दिल इस क़दर !!
टूटा है की अब सिर्फ तन्हाई अच्छी लगती है !!

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किसी को प्यार की सच्चाई मार डालेगी !!
किसी को दर्द की गहराई मार डालेगी !!
मोहब्बत में बिछड़ के कोई जी नहीं सकता !!
और बच गया तो उसे तन्हाई मार डालेगी !!

तेरे बिना ये कैसे गुजरेंगी मेरी रातें !!
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें !!
बहुत लम्बी हैं ये घड़ियाँ इंतज़ार की !!
करवट बदल-बदल के कटेंगी ये रातें !!

बता दो मुझे ज़रा की मेरा तुम्हे !!
चाहना गलत है क्या !!
क्यों नहीं बन रही बात अपनी !!
किसी और से मोहब्बत है क्या !!

यादों में आपके तनहा बैठे है आपके !!
बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं !!
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो !!
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं !!

अब तो हसरत ही नहीं रही !!
किसी से वफ़ा पाने की दिल इस क़दर !!
टूटा है की अब सिर्फ तन्हाई अच्छी लगती है !!

वक़्त बहुत कुछ चीन लेता है !!
खैर मेरी तोह सिर्फ मुस्कराहट !!
खुशियां और रातों की नींद थी !!

कुछ देर बैठी रही पास और फिर !!
उठ कर चली गई गुरुर तो देखो तन्हाई !!
का ये भी बेवफ़ा हो कर चली गई !!

क्या लाजवाब था तेरा छोड़ के जाना !!
भरी भरी आँखों से मुस्कुरायें थे हम !!
अब तो सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें हैं !!
गुजर रहे हैं यूँ ही तन्हाई के मौसम !!

ना जाने क्यूँ खुद को अकेला सा पाया है !!
हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है !!
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में !!
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है !!

चल कोई बात नहीं !!
तू जो मेरे साथ नहीं !!
मैं रो दूँ तेरे जाने के बाद !!
इतनी भी तेरी औकात नहीं !!

यादों में आपके तनहा बैठे हैं !!
आपके बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं !!
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो !!
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं !! !!

हम अपना दर्द किसी को कहते नही !!
वो सोचते हैं कि हम तन्हाई सहते नहीं !!
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे !!
क्योंकि सूखे हुए दरिया कभी बहते नहीं !!

आपकी याद में दीवाने से फिरते हैं !!
तन्हाई में अक्सर आपको तलाश करते हैं !!
जिंदगी वीरान सी है आपके जाने के बाद !!
आज भी हम तुमसे प्यार करते हैं !!

चलते चलते अकेले अब थक गए हम !!
जो मंजिल को जाये वो डगर चाहिए !!
तन्हाई का बोझ अब और उठता नहीं !!
अब हमको भी एक हम-सफ़र चाहिए !!

किया कहें बिन तेरे ये ज़िन्दगी है कैसी !!
दिल को जलती ये बेबसी है कैसी !!
ना कह पाते है ना सह पाते है !!
ना जाने तकदीर मैं लिखी ये आशिकी है कैसी !!

Tanhayi Shayari in Hindi

जब महफ़िल में भी तन्हाई पास हो !!
रोशनी में भी अँधेरे का एहसास हो !!
तब किसी खास की याद में मुस्कुरा दो !!
शायद वो भी आपके इंतजार में उदास हो !!

एक पल का एहसास बनकर आ जाते हो तुम !!
दूसरे ही पल खाव्ब बनकर उढ़ जाते हो तुम !!
तुम जानते हो के लगता है डर तनहाइयों से !!
फिर भी बार बार तन्हा छोड़ जाते हो तुम !!

क्या लाजवाब था तेरा मुझे छोड़ के जाना !!
भरी भरी आँखों से मुस्कराए थे हम !!
अब तो सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें हैं !!
गुजर रहे हैं यूँ ही तन्हाई के मौसम !!

जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे हैं !!
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे हैं !!
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें !!
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे हैं !!

अगर जिंदगी में जुदाई न होती !!
तो कभी किसी की याद न आई होती !!
अगर साथ गुजरा होता हर लम्हा तो !!
शायद रिश्तो में इतनी गहराई न होती !!

वो जोश-ए-तन्हाई शब-ए-ग़म !!
वो हर तरफ बेकसी का आलम !!
कटी है आँखों में रात सारी !!
तड़प तड़प कर सहर हुयी !!

दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया !!
खली ही सही हातों में जाम तो आया !!
में हूँ बेवफा सबको बताया उसने !!
यु ही सही उसके लबों पे मेरा नाम तो आया !!

तू जुनून भी मेरा तू फितूर भी !!
तेरा इश्क़ करता मुझे मजबूर भी !!
सिर को तेरे कदमों पे झुका दूं लेकिन !!
इश्क़ देख मेरा बन जाए तू मघरूर भी !!

कभी गम तो कभी तन्हाई मार गयी !!
कभी याद आ कर उनकी जड़ी मार गयी !!
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने !!
आखिन में उनकी बेवफाई मार गयी !!

ऐसा जमाना आ गया है !!
जिसकी जितनी परवाह करो !!
वो उतना ही बेपरवाह निकलता है !!

कभी-कभी ऐसा बहुत कुछ होता है !!
जिसे हम महसूस करते हैं !!
लेकिन कहने को कुछ नहीं होता !!

की थी मोहब्बत जब हमने !!
तो उसका अंजाम किसे मालूम था !!
मिलेगा दर्द वफ़ा के बदले !!
यह ईनाम किसे मालूम था !!

यूं बदलने का अंदाज !!
ज़रा हमें भी सीखा दो !!
जैसे हो गए हो तुम बेवफ़ा !!
वैसे हमें भी बना दो !!

इश्क़ हम दोनों ने ही किया था !!
बस फ़र्क़ इतना है कि !!
हमने बहुत किया था !!
और उन्होंने बहुतों से किया था !!

ना दिन ढंग से गुजरता है !!
ना रात को नींद आती है !!
क्या करूँ मैं ऐ दोस्त मेरे !!
तेरी याद बहुत सताती है !!

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Tanhayi Shayari

राह-ए-मोहब्बत में !!
हर एक बात अज़ीब होती है !!
किसी को मोहब्बत !!
तो किसी को बेरुखी नसीब होती है !!

बहुत मुश्किल से दिल लगाया जाता है !!
बहुत मुश्किल से वादा निभाया जाता है !!
ले आता है इश्क़ हमें उस मोड़ पर !!
जहाँ पर दीया नहीं दिल जलाया जाता है !!

यूं ही ना करो !!
कोई इश्क़ की बात !!
नज़र भर में हो जाता है !!
और उम्रभर तड़पाता है !!

तुझसे दूर हूँ !!
फिर भी दिल के पास हूँ !!
दिखता तो मैं ख़ुश हूँ !!
लेकिन मन से बहुत उदास हूँ !!

मत पूछो कि मेरे !!
एहसासों की शिद्दत क्या थी??
धूप इतनी तेज़ थी !!
कि मैंने साए को भी जलते देखा है !!

न पूछो हालत मेरी रूसवाई के बाद !!
मंजिल खो गयी है मेरी, जुदाई के बाद !!
नजर को घेरती है हरपल घटा यादों की !!
गुमनाम हो गया हूँ गम-ए-तन्हाई के बाद !!

तुम्हारी बेवफ़ाई ने !!
कुछ ऐसा सिला दिया हमें !!
ज़हर कम्बख़्त जुदाई का !!
पिला दिया हमें !!

ज़रा गौर से पढ़ा कीजिये !!
हमारे अल्फ़ाजों को !!
क्योंकि किसी के लिए हमने !!
सच में ज़िन्दगी तबाह की है अपनी !!

बड़े ही दुःख देते हैं वो ज़ख्म !!
जो हमें बिना हमारी गलती के मिले हों !!
बड़े ही मासूम होते हैं आँख के आँसू !!
सिर्फ उनके लिए ही बहते हैं !!
जिन्हे इनकी क़दर नहीं होती !!

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