ताज महल एक ऐतिहासिक मकबरा है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। यह भव्य संरचना मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवायी थी और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
और इसका मुख्य उद्देश्य मुमताज़ महल की याद में एक आलंब बनाना था। मुमताज़ महल का नाम ताज उसकी उपयाद्यता के कारण पड़ा है, और “महल” एक महल की संरचना को सूचित करता है।
Taj Mahal Shayari In Hindi
वो मोहब्बत नहीं इबादत रही होगी !!
जो शाहजहां ने मुमताज से की होगी !!
ताजमहल की बुनियाद में इश्क हैं !!
इसलिए इसके चर्चे पूरी दुनिया में हैं !!
इश्क़ की हजारों कहानियां ताजमहल से बड़ी होती हैं !!
पर हर कोई शाहजहाँ जैसा दौलतमंद नहीं होता हैं !!
जब ख़्वाबों के ताज को जलाया दर्द के महल में !!
तब रौशनी बिखरी है जाकर ताजमहल पर !!
कितने हाथों ने तराशे ये हसीन ताजमहल !!
एक बादशाह की पाक मुहब्बत के लिए !!
एक शाहजहाँ ने बनवा के हसीं ताजमहल !!
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है !!
ना हम राजमहल चाहते थे, ना कोई ताजमहल चाहते है !!
हम तो बस आपसे थोड़ा प्यार और थोडी इज्जत चाहते है !!
मैं ख़ामोशी भरी शाम कोई वो सुबह की चहल पहल है !!
मैं तन्हा यमुना सी वो लोगो से भरा ताजमहल है!
तू रहकर इस दिल में इस दिल को ही तोड़ गया इस तरह !!
कि हमने हर टुकड़े को नकाश कर तेरी यादों का ताजमहल बना लिया!
अगर इस जहाँ में मजदूर का न नामों निशाँ होता !!
फिर न होता हवामहल और न ही ताजमहल होता!
रिश्तों को वक़्त चाहिए, तोहफा नहीं !!
ताजमहल दुनिया ने देखा है , मुमताज ने नहीं!
किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम !!
आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं !!
शहर के हर गली में ताज होता !!
गर मेरे महबूब में भी अक्स-ए-मुमताज होता !!
मुरादे मंगाकर तुझको दिल पे अपने सजाया है !!
तिनको को जोड़कर मैंने ताजमहल बनाया है!
अगर इतना ही आसन होता किसी की यादों को भुलाना तो !!
मुमाताज की यादो में शाजहाँ को ताजमहल नहीं बनवाना पड़ता!
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Taj Mahal Shayari In Hindi
आज फुर्सत नहीं लोगों को, पलट के देखने की !!
कल जब हम बदलेंगे , तो रो रो कर आवाज़ देंगे !!
इश्क के गलियारों में दर्द की आवाजाही है !!
दर्द छुपे ना जाने कितने पर खूबसूरती की नुमाइश है !!
अगर यादें दफ़न हो जाया करती तो !!
ताजमहल इतना नायाब ना होता!
मोहब्बत क्या है लोग अक्सर पूछते है !!
इसी सवाल का जवाब ताजमहल है!
बेचैन हो तुम भी और बेचैन हूँ मै भी !!
तुम ताज के लिए मै मुमताज के लिए!
मत बनाओ हवाई ताजमहल हर किसी के लिए !!
जो सबसे हो जाया करे वो मोहब्बत नहीं होती!
दौलत से महज महल बना करते है !!
पाक रिश्तो से ताजमहल बना करते है!
इश्क़ में लिखे मेरे अल्फ़ाज़ अगर इमारत होते !!
तो यक़ीन मानिये ये किसी ताजमहल से कम न होती!
चाहत थी मेरी ताजमहल की तरह !!
तेरी यादो ने हमको ही खंडहर बना दिया!
कुछ तो बात है महोब्बत में वरना !!
एक लाश के लिए कोई ताजमहल नहीं बनवाता!
हम कौन सा उस बेवफा की वफ़ा के मोहताज है !!
हमारे सपनों के ताजमहल के लिए उम्मीदवार कई मुमताज है!
एक आगरा में है और दूसरा मेरे दिल में !!
जो अपनी मुमताज के इतजार में फना होता जा रहा है!
तेरे रूठने , रूठ कर मनाने पर एक गजल बनाउंगा !!
तू जब भी मुस्कुराएगी मै एक ताजमहल बनाउंगा!
किसी की क्या मजाल थी की हमें खरीद सकता ग़ालिब !!
हम तो खुद ही बिक गए खरीददार देख के!
ऐ ताज तेरा रंग या मेरा इश्क गहरा है !!
यूँ तो दोनों पर ही दुनिया का पहरा है!
Taj Mahal Shayari
तुम से मिलती जुलती मै आवाज कहाँ से लाउंगा !!
ताज महल बन जाए अगर मुमताज कहाँ से लाऊंगा!
अब किस किस सितम की मिसाल दूँ मै तुमको !!
तुम तो हर सितम बेमिसाल करते हो!
लोगो ने ताज महल का ताज देखा हैं !!
मैंने उसमें एक दफ़न मुमताज़ को देखा हैं!
दिखाने के लिए तो हम भी बना सकते है ताजमहल !!
मगर मुमताज को मरने दे हम वो शाहजहाँ नहीं!
जीते जी रखना चाहता हूँ तेरा ख्याल !!
भले ही मुझसे न बन पाए ताज महल!
मोहब्बत को नसीब अगर तेरा साथ हो जाए !!
मेरा छोटा सा आशियाना भी ताजमहल हो जाए!
मेरे खुबसूरत दिल को भी शायद ताजमहल समझ लिया है लोगो ने !!
देखने और घूमने तो बहुत लोग आते है पर रहता कोई नहीं!
वक्त देना अपने रिश्तो को दोस्तों !!
याद रखना ताजमहल ज़माने ने देखा है मुमताज ने नहीं!
अकेलापन क्या होता है कोई ताज महल से पूछे !!
देखने के लिए पूरी दुनिया आती है , लेकिन रहता कोई नहीं!
इस इश्क की निशानी ने दुनिया को दीवाना बनाया है !!
कैसी होगी वो मोहब्बत ये अफसाना बताया है!
ताजमहल हमारे लिए बकवास हैं !!
क्योंकि रोज बदलती हमारी मुमताज हैं !!
वो मोहब्बत नहीं इबादत रही होगी !!
जो शाहजहां ने मुमताज से की होगी।
कितने हाथों ने तराशे ये हसीं ताज-महल !!
झाँकते हैं दर-ओ-दीवार से क्या क्या चेहरे !!
इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल !!
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है !!
मैं ताजमहल से प्रभावित था। काम का एक अच्छा सा !!
अच्छी तरह से देखा, देखने के लिए पैसे देने के लायक है।
Taj mahal quotes in hindi
अन्य इमारतों के रूप में वास्तुकला का एक टुकड़ा नहीं है !!
लेकिन जीवित पत्थरों में एक सम्राट के प्यार का गर्व जुनून है।
अगर मैंने भारत में कभी और कुछ नहीं किया होता !!
तो मैं अपना नाम यहाँ लिखता, और पत्र एक जीवंत आनंद होता।
इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल !!
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है !!
हम कोनसा उस बेवफा की वफा के मोहताज है !!
हमारे सपनों के ताजमहल के लिए उम्मीदवार कई मुमताज है।
चाहत थी मेरी हंसी ताजमहल की तरह !!
तेरी यादो ने हमको ही खण्डहर बना दिया।
जब ख़्वाबों के ताज को जलाया दर्द के महल में !!
तब रौशनी बिखरी है जाकर ताजमहल पर।
अगर इस जहाँ में मजदूर का न नामों निशाँ होता !!
फिर न होता हवामहल और न ही ताजमहल होता !!
महलों में जो ढ़ूंढ़ोगे तो तरसोगे मोहब्बत को !!
ख़ज़ाना यहाँ छूपा है, झोंपड़ी के ताजमहल में।
हर दिल में एक मुमताज होती है !!
हर दिल एक ताजमहल होता हैं !!
ए ताज तेरा रंग या मेरा इश्क़ गहरा है !!
यूं तो दोनों पर ही दुनिया का पहरा है।
बेचैन हो ‘तुम भी और बेचैन हूँ ‘मैं’ भी !!
तुम ताज़ के लिए, मैं मुमताज़ के लिए।
बेवफाई में वफ़ा बना दे ऐसा बाजीगर चाहिए !!
दिलो को ताजमहल बना दे ऐसा कारीगर चाहिए!
झोपड़ियों में कहां बसता है इश्क शहजादी !!
ताजमहल की बात तो अगले जन्म में करूंगा !!
महलों में जो ढ़ूंढ़ोगे तो तरसोगे मोहब्बत को !!
ख़ज़ाना यहाँ छूपा है , झोंपड़ी के ताजमहल में,!!
माना मैंने कि ताजमहल उनके प्यार की निशानी हैं !!
पर हकीकत में दोस्तों ये हजारों मजदूरों की कुर्बानी हैं,!!
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Taj mahal status
जबसे पांच सौ रूपये में ताजमहल बिकलने लगा है !!
तब से आशिकी का नया नया रंग दिखने लगा है !!
हर एक हर्फ़ का अंदाज बदल रखा है !!
आज में मैंने तेरा नाम गजल रखा है !!
मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया !!
मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रखा है !!
निगाहें कुछ इस कदर मसरूफ रहीं !!
तेरे दीदार में ऐ बेखबर !!
जिंदगी काट ली आगरे में पूरी !!
पर ताजमहल का दीदार अधूरा छोड़ आये !!
एक मुलाकात बस आखरी बार !!
फिर मैं दफन कर दूंगा अपनी !!
मोहब्बत को ताजमहल के पास !!
जब प्यार किसी से होता हैं !!
हर दर्द दवा बना जाता है !!
क्या चीज मोहब्बत होती हैं !!
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं !!
ताजमहल देखा है कभी !!
प्यार तो कूट कूट के भरा है !!
मगर रिश्तों का नामो निशान नहीं है !!
ताजमहल तो वो ईमारत है !!
जब जब कोई इसे देखे तो !!
उसे महबूब याद आ जाता है !!
ताजमहल बनवाने की नहीं !!
घुमाने की करो बात !!
इश्क़ उतना ही करो !!
जितनी है तुम्हारी औकात !!
रिश्तें राजमहल की तरह होते हैं !!
सबको उनकी ख़ूबसूरती तो दिखती हैं !!
पर उन्हें बनाने में लगी मेहनत और वक्त !!
किसी को नजर नहीं आता हैं !!
इश्क ने इंसान को क्या बना दिया !!
किसी को कवि किसी को कंगाल बना दिया !!
दो फूलों का बोझ भी नहीं उठाया था मुमताज ने !!
और शाहजहाँ ने उस पर ताजमहल बना दिया !!
ताज महल नहीं चाहिए !!
मुझे आपका प्यार ही चाहिए !!
मार के मेरे नाम का ताजमहल नहीं बनाना !!
सिर्फ अपने दिल में मेरी तस्वीर तुम सजाना !!
ताश के पत्तों से ताजमहल नहीं बनता !!
नदीं रोकने से समुन्दर नहीं बनता !!
लड़ते रहो जिन्दगी से हरपल !!
क्योकि एक जीत से कोई सिकन्दर नहीं बनता!
जब इश्क का जादू चलता है !!
सेहरा में फूल खिल जाता है
जब कोई दिवाना मचलता है !!
तब ताजमहल बन जाता है !!
ताजमहल की ईमारत मोहब्बत की मिसाल नज़र आती है !!
हम किस किस के लिए ताजमहल बनाये !!
हमे तो हर लड़की में मुमताज नज़र आती है!
सीख रहा हूं लफ्ज़ो की कारीगरी !!
मुझे भी तो उसकी याद में !!
लफ्ज़ो का ताजमहल बनाना हैं!
Shayari on taj mahal in hindi
संगेमरमर की तू बात न कर मुझसे !!
मै अगर चाहू तो एहसास ऐ मोहब्बत लिख दूँ !!
ताजमहल भी झुक जाएगा चूमने के लिए !!
मै जो एक पत्थर पे तेरा नाम लिख दूँ!
अगर तुम न होते गो गजल कौन कहता !!
तुम्हारे चहेरे को कमल कौन कहता !!
यह तो करिश्मा है महोब्बत का !!
वरना पत्थर को ताज महक कौन कहता!
मोहब्बत करने वालो को दीवाना कह दिया !!
प्यार में जलने वालो को परवाना कह दिया !!
दफना दिया मोहब्बत को पत्थर के निचे !!
और लोगो ने उसे मुमताज का आशियाना कह दिया!
सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत तो इन !!
अल्फाजो को खूबसूरती कौन देता !!
बस एक पत्थर बनकर रह जता ताजमहल !!
अगर इश्क इसे अपनी पहचान न देता!
इश्क़ में कोई अमीर गरीब नहीं होता हैं !!
ये अलग बात है हर इश्क़ !!
ताजमलह जितना मशहूर नहीं होता हैं !!
ज़िंदा है शाहजहाँ की चाहत अब तक !!
गवाह है मुमताज की उल्फत अब तक !!
जाके देखो ताज महल को ऐ दोस्तों !!
पत्थर से टपकती है मोहब्बत अब तक!
जब इश्क का जादू चलता है तभी सेहरा में फुल खिलता है !!
जब कोई दीवाना यूँ मचलता है !!
तब कोई इमारत ताजमहल बन निकलती है!
वफ़ा की कसम हम बेवफ़ा ना होंगे !!
मर जाएंगे पर आपसे जुदा ना होंगे !!
हम भी बनाएंगे अपनी दोस्ती का महल !!
शरम से झुक जाएंगा ताजमहल!
वफ़ा की कसम हम बेवफ़ा ना होंगे !!
मर जाएंगे पर आपसे जुदा ना होंगे !!
हम भी बनाएंगे अपनी दोस्ती का महल !!
शरम से झुक जाएंगे ताजमहल।
रिश्तें राजमहल की तरह होते हैं !!
सबको उनकी ख़ूबसूरती तो दिखती हैं !!
पर उन्हें बनाने में लगी मेहनत और वक्त !!
किसी को नजर नहीं आता हैं !!
सफर लम्बा है दोस्त बनाते रहिये !!
दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते रहिये !!
ताजमहल न बनाइये महंगा पड़ेगा !!
मगर हर तरफ़ मुमताज बनाते रहिये।
इश्क ने इंसान को क्या बना दिया !!
किसी को कवि तो किसी को कातिल बन दिया !!
दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज !!
और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया।
ताश के पत्तों से ताजमहल नहीं बनता !!
नदी को रोकने से समुन्दर नहीं बनता !!
लड़ते रहें जिंदगी से हरपल क्योंकि !!
एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता।
जब प्यार किसी से होता हैं !!
हर दर्द दवा बना जाता है !!
क्या चीज मोहब्बत होती हैं !!
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं !!
मोहब्बत करने वालों को दीवाना कह दिया !!
प्यार में जलने वालों को परवाना कह दिया !!
दफ़ना दिया मोहब्बत को पत्थरों के नीचे !!
लोगों ने उसे मुमताज का आशियाना कह दिया।
Taj mahal shayari in hindi
हर एक हर्फ़ का अंदाज बदल रखा है !!
आज में मैंने तेरा नाम गजल रखा है !!
मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया !!
मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रखा है !!
हजारों झोपड़ियां जलकर राख होती है !!
तब जाकर एक महल बनता हैं !!
आशिकों के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता !!
और हसीनाओं के मरने पर ‘ताजमहल‘ बनता हैं !!
अगर इतना ही आसान होता !!
किसी की यादों को भुलाना तो !!
मुमताज की याद में शाहजहां को !!
ताजमहल नहीं बनवाना पड़ता।
एक आगरा में है !!
और दूसरा मेरे दिल मे !!
जो अपनी मुमताज के इंतजार में !!
फ़ना होता जा रहा है।
जब प्यार किसी से होता हैं !!
हर दर्द दवा बना जाता है !!
क्या चीज मोहब्बत होती हैं !!
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं !!
ताजमहल तो वो ईमारत है !!
जब जब कोई इसे देखे तो !!
तो महबूब याद आ जाता है।
ताज महल क्या चीज़ है !!
मैं तेरे लिए हीरों का महल बनवाऊंगा !!
मुमताज़ महल तो मर के दफ़न हुई थी !!
मैं तुझे जिंदा ही दफ्नाऊंगा !!
इश्क ने इंसान को क्या बना दिया !!
किसी को कवि किसी को कातिल बना दिया !!
दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज !!
और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया !!
जब इश्क का जादू चलता है !!
सेहरा में फूल खिल जाता है !!
जब कोई दिवाना मचलता है !!
तब ताजमहल बन जाता है !!
एक मुलाकात बस आखरी बार !!
फिर मैं दफन कर दूंगा अपनी !!
मोहब्बत को ताजमहल के पास।
ताजमहल की ईमारत मोहबत की मिसाल नज़र आती है !!
हम किस किस के लिए ताजमहल बनाये !!
हमे तो हर लड़की में मुम्ताज़ नज़र आती है !!
कुछ तो बात है मोहब्बत में !!
वरना एक लाश के लिए कोई !!
ताजमहल नहीं बनवाता।
हजारों झोपडियां जलकर राख होती हैं !!
तब जाकर एक महल बनता हैं !!
आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता !!
हसीनाओं के मरने पर ‘ताज महल’ बनता हैं !!
सीख रही हूं लफ्ज़ो की कारीगरी !!
मुझे भी तो उसकी याद में !!
लफ्ज़ो का ताजमहल बनाना हैं।
तुम आगरा की वह ताज हो !!
तुम इश्क़ में मेरी मुमताज़ हो।
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Taj mahal par shayari
रिश्तें राजमहल की तरह होते हैं !!
सबको उनकी ख़ूबसूरती तो दिखती हैं !!
पर उन्हें बनाने में लगी मेहनत और वक्त !!
किसी को नजर नहीं आता हैं !!
दौलत से महज़ महल बना करते है !!
पाक़ रिश्तों से ताजमहल बना करते है।
जिन्दा है शाहजहाँ की चाहत अब तक !!
जवान है मुमताज की उल्फत अब तक !!
जाकर देखो ताजमहल को यारो !!
पत्थर से भी टपकती है मोहब्बत अब तक !!
झोपड़ियों में कहां बसता है इश्क शहजादी !!
ताजमहल की बात तो अगले जन्म में करूंगा।
रहा यूँ ही नामुकम्मल ग़म-ए-इश्क का फसाना !!
कभी मुझको नींद आई कभी सो गया ज़माना।
ताश के पत्तों से ताजमहल नहीं बनता !!
नदीं रोकने से समुन्दर नहीं बनता !!
लड़ते रहो जिन्दगी से हरपल !!
क्योकि एक जीत से कोई सिकन्दर नहीं !!
ना हम राजमहल चाहते थे !!
ना कोई ताजमहल चाहते है !!
हम तो बस आपसे थोड़ा प्यार और थोडी इज्जत चाहते है।
अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता !!
तुम्हारे चेहरे को कमल कौन कहता !!
यह तो करिश्मा हैं मोहब्बत का !!
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता !!
इस ईश्क कि निशानी ने दुनिया को दिवाना बनाया हैं !!
कैसी होगी वो मोहब्बत ये अफसाना बताया हैं।
सफ़र लम्बा है दोस्त बनाते रहिये !!
दिल मिले ना मिले हाथ बढ़ाते रहिये !!
ताजमहल न बनाईये महंगा पड़ेगा !!
मगर हर तरफ मुमताज़ बनाते रहिये।
ताजमहल भी बनवा देंगे !!
एक बार उनको हमसे !!
सच्चा प्यार तो हो जाने दो।
किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम !!
आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं !!
मेरे खूबसूरत दिल को भी !!
शायद ताजमहल समझ लिया है लोगो ने !!
देखने और घूमने तो बहुत लोग आते है !!
पर रहता कोई नहीं।
कोई तो बात है मोहब्बत मे वरना एक !!
लाश के लिए कोई ताजमहल तो नही बनाता !!
तू रहकर इस दिल में इस
दिल को ही तोड़ गया इस तरह !!
कि हमने हर टुकड़े को नकाश कर तेरी
यादों का ताजमहल बना लिया।
Quotes on taj mahal in hindi
शहर के हर गली में ताज होता।
गर मेरे महबूब में भी अक्स-ए-मुमताज होता।
प्यार तो हमे भी करना था !!
पर कुछ ख़ास नहीं हुआ !!
ताजमहल तो हमे भी बनाना था !!
पर अफ़सोस कि लोन पास नहीं हुआ !!
माना मैंने कि ताजमहल !!
उनके प्यार की निशानी हैं !!
पर हकीकत में दोस्तों !!
ये हजारों मजदूरों की कुर्बानी हैं !!
अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता !!
तुम्हारे चहेरे को कमल कौन कहता !!
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का !!
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता।
मोहब्बत हर पल बढ़ रही !!
तुमसे चक्रवृद्धि ब्याज की तरह !!
तू संगमरमरी सी मुमताज बैठी है !!
पहलू में मेरे आगरा के ताज की तरह !!
तुम से मिलती-जुलती मैं आवाज़ कहाँ से लाऊँगा !!
ताज-महल बन जाए अगर मुम्ताज़ कहाँ से लाऊँगा !!
बेवफाई को वफ़ा बना दे ऐसा बाजीगर चाहिए !!
दिलों को ताजमहल बना दे ऐसा कारीगर चाहिए।
हर एक हर्फ़ का अंदाज बदल रखा है !!
आज में मैंने तेरा नाम गजल रखा है !!
मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया !!
मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रखा है !!
हजारों झोपड़ियां जलकर राख होती है !!
तब जाकर एक महल बनता हैं !!
आशिकों के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता !!
और हसीनाओं के मरने पर ताजमहल बनता हैं !!
इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल !!
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है !!
मरने के बाद भी डरा सकती है !!
औरत चाहे तो कुछ भी करा सकती है !!
आगरा का ताजमहल गवाह है कि !!
मरने के बाद भी एक औरत !!
आदमी की जेब खाली करा सकती है !!
सफर लम्हा है दोस्त बनाते रहिये !!
दिल मिले ना मिले हाथ बढ़ाते रहिये !!
ताजमहल ना बनाईये महंगा पड़ेगा !!
मगर हर तरफ मुमताज बनाते रहिये।
ना जाने कितना टैक्स वसूला होगा !!
एक ताजमहल बनवाने के लिए !!
गरीबों का शोषण करना जरूरी था !!
मूर्ख शहंशाह को प्यार जताने के लिए !!
जब प्यार किसी से होता हैं !!
हर दर्द दवा बना जाता है !!
क्या चीज मोहब्बत होती हैं !!
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं !!
मोहब्बत करने वालों को दीवाना कह दिया !!
प्यार में जलने वालों को परवाना कह दिया !!
दफ़ना दिया मोहब्बत को पत्थरों के नीचे !!
लोगों ने उसे मुमताज का आशियाना कह दिया।
Taj mahal shayari 2 line
ताजमहल को देखकर !!
बोला शाहजहां का पोता !!
आज हमारा भी बैंक बैलेंस होता !!
अगर बुड्ढा आशिक न होता।
बेवफा को वफ़ा सिखा दूँ !!
मैं वो बाजीगर हूँ !!
दिलों को ही ताजमहल बना दूँ
मैं वो जादूगर हूँ !!
निगाहें कुछ इस कदर मसरूफ रहीं !!
तेरे दीदार में ऐ बेखबर !!
जिंदगी काट ली आगरे में पूरी !!
पर ताजमहल का दीदार अधूरा छोड़ आये !!
ताजमहल को दस बार देखा !!
और जी ऊब गया !!
तुझे हजारो बार देखा फिर भी !!
हर बार दिल में यही ख्वाहिश रही !!
काश एक बार फिर नजर भर देख लूँ !!
इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर !!
हम ग़रीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मज़ाक़ !!
वो मोहब्बत नहीं इबादत रही होगी !!
जो शाहजहां ने मुमताज से की होगी।
कितने हाथों ने तराशे ये हसीं ताज-महल !!
झाँकते हैं दर-ओ-दीवार से क्या क्या चेहरे !!
ताजमहल की बुनियाद में इश्क हैं !!
इसलिए इसके चर्चे पूरी दुनिया में हैं !!
सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत !!
तो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता !!
बस इक पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल !!
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान न देता।
इश्क ने इंसान को क्या बना दिया !!
किसी को कवि तो किसी को कातिल बन दिया !!
दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज !!
और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया।
ताश के पत्तों से ताजमहल नहीं बनता !!
नदी को रोकने से समुन्दर नहीं बनता !!
लड़ते रहें जिंदगी से हरपल क्योंकि !!
एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता।
अगर खूब दौलत हो तो !!
सभी कुछ न कुछ करते हैं !!
फिर ना जाने क्यों लोग !!
ताजमहल को इश्क़ कहते हैं !!
रिश्तें राजमहल की तरह होते हैं !!
सबको उनकी ख़ूबसूरती तो दिखती हैं !!
पर उन्हें बनाने में लगी मेहनत और वक्त
किसी को नजर नहीं आता हैं !!
सफर लम्बा है दोस्त बनाते रहिये !!
दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते रहिये !!
ताजमहल न बनाइये महंगा पड़ेगा !!
मगर हर तरफ़ मुमताज बनाते रहिये।
ताजमहल हमारे लिए बकवास हैं !!
क्योंकि रोज बदलती हमारी मुमताज हैं !!
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Taj mahal status in hindi
ताजमहल अगर इश्क़ की निशानी है !!
तो जनाब आपको क्या परेशानी हैं !!
इश्क़ की हजारों कहानियां !!
ताजमहल से बड़ी होती हैं !!
पर हर कोई शाहजहाँ जैसा !!
दौलतमंद नहीं होता हैं !!
वफ़ा की कसम हम बेवफ़ा ना होंगे !!
मर जाएंगे पर आपसे जुदा ना होंगे !!
हम भी बनाएंगे अपनी दोस्ती का महल !!
शरम से झुक जाएंगे ताजमहल।
ताजमहल की इमारत हर आशिक़ को !!
मोहब्बत की मिशाल नज़र आती हैं !!
मैं किस-किस के लिए ताज बनाऊं
हर लड़की मुमताज़ नजर आती हैं !!
ताजमहल क्या चीज है !!
हम इससे भी अच्छी इमारत बनवा देंगे !!
शाहजहां ने मुमताज को मुर्दा दफनाया था !!
हम तुझे जिन्दा ही दफ़ना देंगे।
संगमरमर से तराशा हुआ ये बदन !!
ताजमहल तुम्हारे सामने फीका है।
वक्त देना अपने रिश्तों को दोस्तों !!
याद रखना ताजमहल जमाने ने देखा हैं !!
मुमताज ने नहीं।
आप से हम दिल लगा बैठे हैं !!
इश्क़ की गलियों में दिल लुटा बैठे हैं !!
आपको इश्क़ हमसे है या नहीं जरूर बताना !!
क्योंकि अपने दिल में तुम्हारे लिए ताजमहल बना बैठे हैं !!
ताजमहल तो देख लिए !!
मुमताज महल को देखा है?
आओ चलो दिखाता हूँ !!
मेरे गाँव में अब भी रहती हैं !!
किस्से भी अजीब है जिंदगी के !!
वहां मोहब्बत आज भी जिन्दा है !!
अब जिस्म संगमरमर में दफन हैं !!
और यहां हम तो जिन्दा हैं !!
पर मोहब्बत सीने में दफन हैं !!
लोगो ने ताज महल का ताज देखा हैं !!
मैंने उसमें इक दफ़न मुमताज़ देखा हैं !!
हर दिल में एक मुमताज होती है !!
हर दिल एक ताजमहल होता हैं !!
इश्क़ में कोई अमीर-गरीब नहीं होता हैं !!
ये अलग बात है हर इश्क़ !!
ताजमलह जितना मशहूर नहीं होता हैं !!
इश्क़ में लिखे मेरे अल्फ़ाज़ अगर इमारत होते !!
तो यक़ीन मानिये ये किसी ताजमहल से कम न होते।
किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम !!
आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं !!
Shayari taj mahal
क्यों वो करती खुद पर इतना नाज़ हैं !!
क्या वो इस धरती की दूसरा ताज है !!
इश्क के गलियारों में !!
दर्द की आवाजाही है !!
दर्द छुपे ना जाने कितने !!
पर खूबसूरती की नुमाइश है !!
इश्क़ वक्त, जाति-धर्म जैसी चीजों का मोहताज नहीं !!
वरना बनता मुमताज की मौत पर ताज नहीं।
अगर ताजमहल एक सच्चे !!
प्यार की निशानी है !!
तो दूसरी तरफउसे बनाने वाले !!
मजदूरों की भी उसके पीछे छुपी !!
एक दर्द भरी कहानी है !!
जबसे पांच सौ रूपये में !!
ताजमहल बिकलने लगा है !!
तब से आशिकी का नया-नया !!
रंग दिखने लगा है !!
हर कोई करता है मोहब्बत !!
हर कोई खता है कसम !!
अगर सभी निभाते तो !!
आज हजारों होते ताज महल !!
रिश्तों को वक़्त चाहिए !!
तोहफा नहीं !!
ताजमहल दुनिया दे देखा है !!
मुमताज ने नहीं।
मोहब्बत की दोनों निशानियाँ आगरा में है !!
अगर इश्क़ पूरा हुआ तो ताजमहल देख लो !!
अगर इश्क़ अधूरा हुआ तो पागलखाना देख लो !!
मैं ख़ामोशी भरी शाम कोई !!
वो सुबह की चहल पहल है !!
मैं तन्हा यमुना सी !!
वो लोगो से भरा ताजमहल है !!
ताजमहल बनवाने की नहीं !! घुमाने की करो बात !!
इश्क़ उतना ही करो जितनी है तुम्हारी औकात।
जब बात ताजमहल बनवाने की आएगी !!
तो सच्चा प्यार भी कच्चा हो जायेगा।
हर आशिक इश्क़ में ताजमहल बना रहा है !!
पर शादी के बाद रहने के लिए घर बनाने में हालत खराब है !!