297+ Best Barish shayari in Hindi | बारिश पर शायरी

बारिश की बुंदे भी क्या वफा निभाती हैं !!
दूर आसमा से निकल कर जमी में मिल जाती हैं !!

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तेरे इश्क़ की बारिश मे कुछ इस कदर भींग जाऊँ !!
हो के मस्त मौला मैं इस दुनिया को भूल जाऊँ !!

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए !!
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे !!
अब जब याद आते हो तो बारिश होती है !!

तुम्हारे चेहरे का मौसम बड़ा सुहाना लगे !!
मैं थोडा लुफ्त उठा लू अगर बुरा न लगे !!

उनके मिलन से महक उठी थी फ़िज़ाएँ !!
सौंधी खुशबू ने बारिश की थी ना मिट्टी की !!

नैनों से अब बारिश होती है !!
मेरी पलकों के कोनों से नींद रोती है मेरी !!

बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी !!
जब भी मिलती है नई सी लगती है !!

तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है !!
अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है !!

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में !!
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !!

बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर !!
आज फिर भीग बैठे है उसे पाने की चाहत में !!

रहने दो अब तुम भी मुझे पढ़ ना सकोगे !!
बरसात में भीगे कागज़ की तरह भीग गया हूँ मैं !!

पता था मुझे बारिश होंगी !!
बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने !!

सुनो ये बादल जब भी बरसता है !!
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है !!

आंखों की नमी थी या बारिश की बूंदे !!
बरसात में सब एक जैसी हो गयी !!

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Barish shayari in Hindi

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे !!
अब जब याद आते हो बारिश होती है !!

बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी !!
जब भी मिलती है नई सी लगती है !!

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें !!
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये !!

पहले रिम-झिम फिर बरसात और अचानक कडी धूप !!
मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है !!

मौसम चल रहा है इश्क का साहिब !!
जरा सम्भल कर के रहियेगा !!

तमाम रात नहाया था शहर बारिश से !!
वो रंग उतर ही गये जो उतरने वाले थे !!

मौसम में कुछ बदलाव हुआ है !!
लगता है खुदा का बारिश करने का मन हुआ है !!

सारे इत्रों की खुशबू आज मन्द पड़ गयी !!
मिट्टी में बारिश की बूंदे जो चंद पड़ गयी !!

बारिशें कुछ इस तरह से होती रहीं मुझ पे !!
ख्वाहिशें सूखती रहीं और पलकें रोतीं रहीं !!

मिलकर भी उनसे मुलाकात रह गई !!
बादल घर आए थे मगर बरसात रह गई !!

पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसे !!
लो अब गिन लो बारिश की ये बूँदें !!

कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना !!
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी !!

रंग भरे मौसम में तू मेरे साथ हो !!
चलते जाएं राहों में हम और संग बरसात हो !!

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें !!
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये !!

वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में !!
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा !!

Barish shayari

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल !!
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का !!

बारिश आती है प्यार बढ़ाने के लिए !!
मगर आप घर के बाहर निकलते ही नहीं !!

बरिश हो अगर उसमे तुम ना हो !!
तो फिर बरिश का मजा नहीं आता !!

बारिश की बुंदे भी क्या वफ़ा निभाती है !!
दूर आसमा से निकल कर जमी में मिल जाती है !!

तेरे बगैर बरसात में कब तक भीगु !!
ऐसे में तो दीवार भी गिर जाती है !!

मुझसे दूर रहना आपकी मजबूरी है मगर !!
जानलो बरिश में आपका होना जरूरी है !!

उस प्यार को हम सच्चा नहीं कहते है !!
जिसे बारिश में अपने महबूब की याद ना आये !!

आज मेरी पूरी हुई ख्वाहिश !!
दिल खुश करने वाली हुई बारिश !!

जब-जब बादल बरसता है !!
सनम से मिलने को दिल तरसता हैं !!

कहीं फिसल ही न जाऊं तेरी याद में चलते-चलते !!
रोक अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश का समाँ हैं !!

तेरी गलियें में कदम नही रखेंगे हम आज के बाद !!
क्योकि कीचड़ हो गया हैं बरसात के बाद !!

बारिश हुई और भीग गये हम !!
रजनीकांत ने फूँक मारी सूख गये हम !!

यदि आप बारिश में भीगने का मजा नही ले रहे हैं !!
तो बारिश की शायरी पढ़ने का मजा लीजिए !!

मेरे शहर का मौसम कितना खुश गंवार हो गया !!
लगा जैसे आसमां को जमीन से प्यार हो गया !!

हम जागते रहे दुनिया सोती रही !!
इक बारिश ही थी !! जो मेरे साथ रोती रही !!

बारिश पर शायरी

वो बारिश की बूंदों को बाहें फैला कर समेट लेता है !!
वो जानता है कि हर बूंद उसकी ही तरह तन्हा है !!

बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी !!
जब भी मिलती है नई सी लगती है !!

रास्तो में सफर करने का मज़ा तब आता है !!
जब बारिश का सुहाना मौसम हो जाता है !!

मासूम मोहब्बत का बस इतना ही फ़साना है !!
कागज़ की कश्ती और बारिश का जमाना है !!

बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते है !!
बारिश में जिस्म भीगता हे और मोहब्बत में आँखे !!

एक हम ही है जो इश्क की बारिश करते है !!
और एक वो है जो भीगने को तैयार ही नहीं !!

कभी बेपनाह बरस पड़ी कभी गुम सी है !!
ये बारिश भी कुछ कुछ तुम्हारी जैसी है !!

कही फिसल न जाओ जरा संभाल कर चलना !!
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी !!

खुद को इतना भी ना बचाया कर ए दोस्त !!
बारिश हुए तो भीग जाए कर !!

ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए !!
बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए !!

ख़ुद को इतना भी न बचाया कर !!
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर !!

बरस रही थी बारिश बहार !!
और वो भीग रही थी मुझ मे !!

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं !!
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई !!

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए !!
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!

उसे बारिश पसंद है !!
और मुझे बारिश में वो !!

Barish shayari

बारिश की बूंदो में झलकती है उसकी तस्वीर !!
आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में !!

अब तू ही बता की किस कोने में सुखाऊ तेरी यादे !!
बरसाद बहार भी हे और भीतर भी है !!

कल रात मैने सारे गम आसमान को सुना दिए !!
आज में चुप हु और आसमान बरस रहा है !!

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हु में आजकल !!
वरना शौक तो आज भी है बारिश में भीगने का !!

हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती हैं !!
कभी बादल बरसते हैं कभी आँखे बरसती हैं !!

छुप जाएँ कहीं आ कि बहुत तेज़ है बारिश !!
ये मेरे तिरे जिस्म तो मिट्टी के बने हैं !!

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल !!
वरना शौक तो आज भी हैं बारिशो में भीगने का !!

अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई !!
मेरा घर छोड़ के पूरे शहर में बरसात हुई !!

हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने को !!
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को !!

बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई !!
कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई !!

घर में छुपा है बारिश में भीग जा !!
जिंदगी कैसे जीते है अब सीख जा !!

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है !!
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !!

ऐ बादल अगर बरसना है तो जमके बरस !!
इससे ज्यादा तो मेरी आंखे रोज़ बरसा देती है !!

ख़ुद को इतना भी न बचाया कर !!
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर !!

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल !!
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का !!

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Jaun elia shayari

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते !!
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !!

जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएँगे !!
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएँगे !!

सावन के महीने में भीगे थे हम साथ !!
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !!

मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ !!
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !!

बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे !!
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं !!

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें !!
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये !!

वाह मौसम आज तेरी अदा पर दिल खुश हो गया !!
याद मुझको वो आई और बरस तू गया !!

अब बारिश ही जाने की उसकी बूंद !!
ख़ुशी के आंसू होते है या गम के !!

मुझे ऐसा ही जिंदगी का एक पल चाहिए !!
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए !!

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में !!
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !!

बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी और !!
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग जाते है !!

तुझसे अब बात तक करने को तरस गए हैं हम !!
बिन मौसम हुई बारिश की तरह बरस गए हैं हम !!

खुद भी रोता है मुझे भी रुला के जाता है !!
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला के जाता है !!

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल !!
वरना शौक तो आज भी है बारिश में भीगने का !!

पता था मुझे बारिश होंगी !!
बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने !!

Barish ki dua

पहले बारिश में हम तुम मिलते थे !!
अब तुम्हारी याद आती है तो !!
आँसूओ कि बारिश होती है !!

गुम सा हो गया हूँ मैं इस !!
बारिश की बूंद में !!
क्योंकि ये सावन भी अब मुझे !!
तुम सा लगने लगा है !!

बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है !!
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है !!
फिजा भी सर्द है यादें भी ताज़ा है !!
यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है !!

एक तो ये रात उफ़ ये बरसात !!
इक तो साथ नही तेरा !!
उफ़ ये दर्द बेहिसाब !!
कितनी अजीब सी है बात !!
मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात !!

बारिश और मोहब्बत दोनों ही !!
यादगार होते है !!
बारिश में जिस्म भीगता है !!
और मोहब्बत में आंखे !!

ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब !!
इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है !!
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग !!
और अपनों के ही आंसू भूल जाते है !!

हो रही है बारिश !!
पूरा शहर ये वीरान है !!
एक हम ही तो उदास नहीं !!
सारा शहर परेशान है !!

कभी जी भर के बरसना !!
कभी बूंद बूंद के लिए तरसाना !!
ए-बारिश तेरी आदतें मेरे यार जैसी हैं !!

खुश नसीब होते हैं बादल !!
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं !!
और एक बदनसीब हम हैं !!
जो एक ही दुनिया में रहकर भी
मिलने को तरसते !!

मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे !!
बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है !!
तो दिल में आग लग जाती है !!

मौसम हैं बारिश का !!
और याद तुम्हारी आती हैं !!
बारिश के हर कतरे से सिर्फ !!
तुम्हारी आवाज़ आती हैं !!

ए बारिश तू इतना ना बरस !!
की वो आ ना सके !!
और उसके आने के बाद !!
इतना बरस की वो जा ना सके !!

तेरे प्रेम की बारिश हो !!
मैं जलमगन हो जाऊं !!
तुम घटा बन चली आओ !!
मैं बादल बन जाऊं !!

कुछ नशा तेरी बात का है !!
कुछ नशा धीमी बरसात का है !!
हमे तुम यूँही पागल मत समझो !!
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है !!

बिन बादल बरसात नहीं होती !!
सूरज डूबे बिना रात नहीं होती !!
अब कुछ ऐसे हालत हैं हमारे की !!
आपको देखे बगैर दिन की शुरुआत नहीं होती !!

Barish quotes

दिल की बातें कौन जाने !!
मेरे हालात को कौन जाने !!
बस बारिश का मौसम है !!
मेरी प्यास का एहसास कौन जाने !!

बारिश में भीगे हम बारिश में भीगे तुम !!
इस बारिश में भीगे लबो को मिल जाने दो !!
आज रहे ना जाये कोई ख्वाइश अधूरी !!
आज हर चाहत पूरी हो जाने दो !!

आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं !!
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ !!
लेते हैं !! रोता तो आसमान भी है अपने !!
बिछड़े प्यार के लिए !!
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं !!

ए बारिश कहीं और जाके बरसा कर !!
मेरा दिल बहुत कमजोर है !!
बात बात पर रोया करता है !!

Barish shayari in Hindi

कितना अधूरा लगता है तब !!
जब बादल हो पर बारिश ना हो !!
जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो !!
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो !!
और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो !!

बारिश की बौछार जब चहरें पर पड़ती हैं !!
वो बचपन की याद ताजा हो जाती हैं !!
वो बचपन मे कागज की नाव बना कर !!
बारिश की पानी में मस्ती याद आती है !!

हुई बारिश ज़रा सी सबको !!
अपना काम याद आया !!
किसी को प्यार अपना !!
किसी को याद जाम आया !!

इस बरसात में हम भीग जायेंगे !!
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे !!
अगर दिल करे मिलने को तो याद !!
करना बरसात बनकर बरस जायेंगे !!

कितनी जल्दी जिंदगी गुज़र जाती है !!
प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है !!
तेरी याद कुछ इस तरह आती है !!
नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है !!

मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही !!
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं !!
हम जागते रहे दुनियां सोती रही !!एक
बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही !!

बारिश तो होती है !!
मगर वो बचपन वाली बारिश !!
अब लौट कर नहीं आती है !!

आज भीगी हैं पलकें किसी की याद में !!
आसमां भी सिमट गया अपने आप में !!
ऐसे गिरी है आंसू की बूंदे ज़मीन पर !!

सुबह का मौसम बारिश का साथ है !!
हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है !!
बना के रखिए चाय और पकौड़े !!
बस हम आपके घर के थोड़े से पास हैं !!

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे !!
छूने की चाहत मैं हथेलियां तो गीली !!
हो जाती है पर हाथ खा ली ही रह जाते है !!

तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम !!
तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम !!
तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम !!
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम !!

Barish in hindi

आज मौसम भी लगता है बेकरार हो गया !!
खत्म प्रेमियों का इंतजार हो गया !!
बारिश की बुँदे कुछ गिरी इस तरह से !!
शायद आसमान को भी जमीन से प्यार हो गया !!

कुछ नशा तेरी बात का है !!
कुछ नशा धीमी बरसात का है !!
हमे तुम यूँही पागल मत समझो !!
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है !!

कभी जी भर के बरसना !!
कभी बूँद-बूँद के लिए तड़पना !!
अये बारिश तेरी आदतें भी मेरे यार जैसी हैं !!

इश्क की बारिश में !!
ताउम्र हम खुद भीगते !!
रहे तेरी याद में कभी रोते !!
रहे तो कभी हंसते रहे !!

गुजारिश करता हूं कि !!
उससे अकेले में मुलाकात !!
हो ख्वाहिश ए दिल है !!
जब भी हो बरसात हो !!

सुहाना है बारिश का !!
मौसम दीवाना हूं तेरा !!
यार पागल है तेरे प्यार में !!
करता है बस तेरा इंतजार !!

जुल्फें जो उनकी खुल गई !!
लगता है सावन आ गया !!
अब कौन रोकेगा घटाओ !!
को घूमने से लगता है !!
बारिश का मौसम आ गया !!

ए बारिश तू इतना न बरस !!
की वो आ न सके !!
और उसके आने के बाद !!
इतना बरस की वो जा न सके !!

कितना कुछ धुल गया !!
आज इस बारिश में !!
हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी !!
धुल गए इस बारिश में !!

मोहब्बत तो वो बारिश है !!
जिसे छूने की चाहत मैं !!
हथेलियां तो गीली हो जाती है !!
पर हाथ खाली ही रह जाते है !!

पहली बारिश का नशा ही !!
कुछ अलग होता है !!
पलको को छूते ही !!
सीधा दिल पे असर होता है !!

मौसम हे बारिश का !!
और याद तुम्हारी आती हे !!
बारिश के हर कतरे से सिर्फ !!
तुम्हारी आवाज़ आती हे !!

ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नही !!
कि तुम चले गए !!
बल्कि इसलिए कि !!
हम ख़ुद को भूल गए !!

ए बारिश कहीं और जाके बरसा कर !!
मेरा दिल बहुत कमजोर है !!
बात बात पर रोया करता है !!

हमारे शहर आ जाओ !!
सदा बरसात रहती है !!
कभी बादल बरसते है !!
कभी आँखे बरसती है !!

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Barish mein tum

जो वो बरसा तो !!
इश्क़ होगा और मैं बरसा तो !!
बस अश्क होगा !!

जरा ठहरो की बारिश हे !!
यह थम जाये तो फिर जाना !!
किसी का तुम को छू लेना !!
मुझे अच्छा नहीं लगता !!

पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा !!
की मे कितना प्यार करता हू तुम्हे !!
तो गिन लो बरसती हुई इन बूंदो को तुम !!

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है !!
मन करता चीख कर कह दू !!
हमको तुमसे बहुत प्यार है !!

कह दो बादलों से !!
कुछ पानी मेरी आँखों से !!
उधार ले जाये !!

ख्वाहिशें तो थी !!
तेरे संग बारिश में भीगने की !!
पर ग़मों के बादल कभी छाते ही नहीं !!

बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते है !!
बारिश में जिस्म भीगता है !!
और मोहबब्त में आंखे !!

कही फिसल ना जाओ !!
ज़रा संभल के रहना !!
मौसम बारिश का भी है !!
और मोहब्बत का भी है !!

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी !!
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी !!
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो हर बूंद में !!
आपकी तस्वीर नज़र आ गयी !!

कुछ नशा तेरी बात का है !!
कुछ नशा धीमी बरसात का है !!
हमे तुम यूँही पागल मत समझो !!
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है !!

ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे !!
शहर की बारिश में तेरे यहाँ जाम !!
लगता है मेरे यहाँ जाम’ लगते हैं !!

आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं !!
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ लेते हैं !!
रोता तो आसमान भी है !!
अपने बिछड़े प्यार के लिए !!
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं !!

बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो !!
जितना आप समेट पाये उतना आप हमें चाहते है !!
और जितना न समेट पाए उतना हम आप को चाहते है !!

क्या तमाशा लगा रखा है !!
तूने ए-बारिश बरसना ही है !!
तो जम के बरस वैसे भी इतनी !!
रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है !!

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे !!
छूने की चाहत मैं हथेलियां तो गीली !!
हो जाती है पर हाथ खाली ही रह जाते है !!

Jab me badal ban jau

बनके सावन कहीं वो बरसते रहे इक घटा !!
के लिए हम तरसते रहेआस्तीनों के साये !!
में पाला जिन्हें !!साँप बनकर वही रोज डसते रहे !!

इस बरसात में हम भीग जायेंगे !!
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे !!
अगर दिल करे मिलने को तो याद !!
करना बरसात बनकर बरस जायेंगे !!

अगर भीगने का इतना ही शौक है !!
बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे !!
बारिश तो हर एक के लिए होती है !!
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है !!

बदलो को कह दो थोड़ा धीरे बरसे !!
अगर उनकी याद आ तो फिर !!
सोच लेना हमसे मुकबला एक तरफ़ा होगा !!

तुम आए जिंदगी में बरसात की तरह !!
और चले गए हसीन रात की तरह !!
बातें रही अधूरी और बिछड़ना पड़ा हमे !!
है ये भी एक तकलीफ किसी मुलाकात की तरह !!

कहीं गिर ना जाउ मैं !!
आपको याद करते करते हैं !!
आज मेरे शहर में !!
जोरो से बारिश हो रही है !!

मेरे ख्यालों में वही ख्वाबो में वही !!
मगर उनके ज़हन मे हम है ही नहीं !!
हम जागते रहे और वो बेफिक्र सोती रही !!
एक बरिश ही थी जो हमारे साथ पूरी रात रोती रही !!

कुछ नशा आपकी बात का है !!
कुछ नशा धीमी सी बरसात का है !!
हम आप युही पागल मत समझना !!
दिल पर असर आपसे पहली मुलकत का है !!

तेरी बेवफाई को ओढ़कर !!
घर से निकला हु आजकल !!
वरना शोक आज भी है !!
बारिश में नहाने का !!

मट पूछो यारो कितनी
मोहब्बत है मुझे उससे !!
बरिश की बुंदे उसे छुले !!
तो दिल में आग लग जाती है !!

Barish shayari in Hindi

बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश !!
आज पूरी हुई उनकी ख्वाहिश !!
भीग लो अपनों को याद कर के !!
मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश !!

कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है !!
प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है !!
तेरी याद कुछ इस तरह आती है !!
नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है !!

आसमान को ज़मीन से मिलने की आस थी !!
उदास था आसमान भी ज़मीन भी उदास थी !!
बरस गए बादल जल्दी !!
ज़मीन कब से इंतज़ार में थी !!

बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे !!
पतझड़ में भी फूल बनकर बिखर जायेंगे !!
क्या हुआ जो हम आपको सताते हैं !!
कभी आप इन लम्हो ले लिए भी तरस जायेंगे !!

इश्क़ करने वाले आँखों की बात समझ लेते हैं !!
सपनो में यार आए तो उसे मुलाकात समझ लेते हैं !!
रूठता तो आसमान भी है अपनी ज़मीन के लिए !!
यह तो लोग ही उसे बरसात समझ लेते है !!

Barish ho rahi hai

जमीन जल चुकी हैं आसमान बाकी हैं !!
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तिहान बाकी हैं !!
बादलों बरस जाना समय पर इस बार !!
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी हैं !!

बारिश और शराब शायरी शायरी !!
ऐ बारिश मेरे अपनो को यह पैगाम देना !!
खुशियों का दिन हँसी की शाम देना !!
जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को !!
तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना !!

क्या मस्त मौसम आया है !!
हर तरफ पानी ही पानी लाया है !!
तुम घर से बाहर मत निकलना !!
वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं !!
और मेंढक निकल आया है !!

बूँदे बारिश की यूँ जमीन पर आने लगी !!
सोंदी से महक माटी की जगाने लगी !!
हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी !!
वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी !!

बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे !!
पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे !!
क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं !!
कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे !!

आज बारिश में तुम्हारे संग नहाना हैं !!
सपना ये मेरा कितना सुहाना हैं !!
बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे !!
उन कतरों को अपने होंटों से उठाना हैं !!

बारिश के मौसम में !!
किसान खुश होता है !!
अगर उससे उसके खेतों !!
की सिचाई होती है भले !!
ही घर की छत टपकती है !!

सड़कों पर जमा पानी देखकर !!
शहर की बारिश का पता चलता है !!
जब गाँव में बारिश होती है !!
तब बाग़-बगीचों और खेतों में !!
हरियाली ही हरियाली नजर आती है !!

बारिश का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैं !!
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैं !!
फ़िज़ा भी सर्द हैं यादें भी ताज़ा हैं !!
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता हैं !!

जमीन जल चुकी हैं आसमान बाकी हैं !!
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तिहान बाकी हैं !!
बादलों बरस जाना समय पर इस बार !!
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी हैं !!

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में !!
ज्यादा भीगना मत !!
अगर धुल गयी सारी गलतफहमियाँ !!
तो बहुत याद आयेंगें हम !!

तेरे प्रेम की बारिश हो !!
मैं जलमग्न हो जाऊं !!
तुम घटा बन चली आओ !!
मैं बादल बन जाऊं !!

कुछ नशा तेरी बात का है !!
कुछ नशा धीमी बरसात का है !!
हमे तुम यूँही पागल मत समझो !!
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है !!

दिल में अनजाना सा एहसास !!
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है !!
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में !!
जो साथ में यादें भी ले आई है !!

ये मौसम भी क्या रंग लाया है !!
साथ हवा और घटाएं लाया है !!
मिट्टी की खुशबू फैलाये सावन आया है !!
दिल को ठंडक देने बरसात का महीना आया है !!

Sawan quotes in hindi

बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस क़दर है !!
वो बरश्ता उधर है !!
और मेरा दिल धड़कता इधर है !!

ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब !!
इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है !!
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग !!
और अपनों के ही आंसू भूल जाते है !!

न कोई छत्रछाया है !!
न कोई मोह माया है !!
बारिश से ज्यादा तो मुझको !!
तेरी यादों ने भिगाया है !!

बनके सावन वो कही बरसते रहे !!
इक घटा के लिए हम तरसते रहे !!
आस्तीनों के छाए में पाला जिनको !!
साँप बनके वही रोज डसते रहे !!

बारिश का ये मौसम कुछ याद दिलाता है !!
किसी के साथ होने का एहसास जगाता है !!
ये मौसम किसी की प्यार दिल में जगाता है !!

आज बादल काले घने हैं !!
आज चाँद पे लाखों पहरे हैं !!
कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के !!
बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं !!

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में !!
चलते चलते अपनी यादों को रोको !!
मेरे शहर में बारिश हो रही है!!

मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही !!
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं !!
हम जागते रहे दुनियां सोती रही !!
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही !!

सावन का मौसम जब भी धरती से !!
मिलने आता है तब तब अपनी तड़प !!
का दास्ताँ बरस कर सुनाता है !!
क्यों होती है अक्सर जुदाई उनसे !!
जिसको दिल चाहे क्यों !!

कितना अधूरा लगता है तब !!जब बादल हो !!
पर बारिश ना हो !!जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो !!
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो !!और जब कोई !!
अपना हो पर साथ ना हो !!
हम ख़ास तो नहीं मगर बारिश की उन !!
कतरों की तरह अनमोल हैं !!
जो मिट्टी में समां जायें तो फिर कभी नहीं मिला करते !!

यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो !!
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी !!
मगर मुझको लौटा दो वह बचपन का सावन !!
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी !!

ए बारिश ज़रा थम के बरस !!
जब मेरा यार आ जाये तो जम के बरस !!
पहले न बरस की वो आ ना सके !!
फिर इतना बरस की वो जा ना सके !!

हमें बारिश इसलिए पसंद है !!
क्योकि बारिश में हम दिल खोलकर !!
रो सकते हे और किसी को पता भी नहीं चलता !!

ये बारिश तू इतना न बरस !!
की वो आ न सके !!
और उसके आने के बाद !!
इतना बरस की वो जा न सके !!

जरा ठहरो की बारिश है !!
यह थम जाये तो फिर जाना !!
किसी का तुम को छू लेना !!
मुझे अच्छा नहीं लगता !!

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Sardi ka mausam

अगर मेरी चाहते के मुताबिक़ !!
ज़माने में हर बात होती !!
तो बस में होता और वो होती !!
और सारि रात बरसाद होती !!

आज बारिश में तेरे संग नहाना है !!
सपना ये मेरा कितना सुहाना है !!
बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होठों पै !!
उन्हें अपने होठों से उठाना है !!

आपको बारिश पसंद है !!
मुझे बारिश में तुम !!
तुम्हे हसना पसंद है !!
मुझे हसते हुए तुम !!
तुम्हे बोलना पसंद है !!
मुझे बोलते हुए तुम !!
तुम्हे सब कुछ पसंद है !!
और मुझे बस तुम !!

आज आई बारिश तो याद !!
आया वो जमाना !!
वो तेरा छत पर रहना और !!
मेरा सड़को पर नहाना !!

कुछ नशा तो आपकी बात का है !!
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है !!
हमें आप युही शराबी ना कहिए !!
इस दिल पर असर तो आप से की !!
मुलाकात का भी है !!

बारिश का ये सुहाना मौसम कूच याद दिलाता है !!
किसी के साथ होने का एहसान दिलाता है !!
फ़िज़ा भी सर्द हे यादें भी ताज़ी है !!
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है !!

एक तो ये रात और ऊपर से ये बरसाद !!
इक तो साथ नहीं हे तेरा और दर्द बेहिसाब !!
कितनी अजीब सी हे ये बात !!
मेरे ही बस में नहीं मेरे हालात !!

कुछ तो चाहत रही होंगी !!
इस बारिश की बूंदो की !!
वर्ना कौन गिरता हे जमीन पर !!
आसमान तक पहुंचने के बाद !!

मौसम हे बारिश का और !!
याद तुम्हारी आती है !!
बारिश के हर कतरे से सिर्फ !!
तुम्हारी आवाज़ आती है !!

न जाने क्यू अभी आपकी याद गइ !!
मौसम क्या बदला बरसाद सी आ गइ !!
मेने छूकर देखा बूंदो को तो !!
हर बून्द में आपकी तस्वीर आ गइ !!

Barish shayari in Hindi

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