Takleef Shayari in Hindi
बच्चे को जब तकलीफ होती है तो !!
दर्द सिर्फ माँ को होता है !!

जाती हुई मय्यत देख के भी वल्लाह तुम उठ कर आ न सके !!
दो चार क़दम तो दुश्मन भी तकलीफ़ गवारा करते हैं !!
इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते !!
और लोग पूछते है कोई तकलीफ तो नहीं !!

चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़ !!
पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है !!

तुम्हारे दूर रहने से हमें तकलीफ होती है !!
आज इतना करीब आ जाओ की हम बहक जाये !!

मौत सिर्फ नाम से बदनाम है !!
वरना तकलीफ़ तो जिंदगी ही ज्यादा देती है !!

मेरे यार को मेरी तकलीफ और दर्द से !!
कभी कुछ फर्क ही नहीं पड़ा !!
मैं बेवकूफ की तरह खुद को तड़पा रहा हूं !!

अच्छे दोस्त हाथऔर आँख की तरह होते हैं !!
जब हाथ को तकलीफ होती है तो आँख रोती है !!
और जब आँख रोती है तो हाथ आँसू पोछते हैं !!

यूँ चेहरे पर उदासी ना ओढिये साहब !!
वक़्त ज़रूर तकलीफ का है !!
लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही !!

ए खुदा काश तेरा भी एक खुदा होता !!
तो तुझे भी ये अहसास होता !!
कि दुआ कुबुल ना होने पे कितनी तकलीफ होती है !!

तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया !!
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया !!

तकलीफ होगी आपके नाज़ुक ख्यालों को
यूँ अकेले बैठकर हमें सोचा न कीजिए !!

जितना बड़ा सपना होगा उतनी ही !!
बड़ी तकलीफ होंगी !!

कम हो गई हैं खुद की तकलीफ !!
और अब अपनों से उम्मीद कम हो गयी हैं !!

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Takleef Shayari in Hindi
आदत बना ली मैंने, खुद को तकलीफ देने की !!
ताकि जब अपना कोई तकलीफ दे,तो तकलीफ ना हो !!

ए खुदा काश तेरा भी एक खुदा होता तो !!
तुझे भी ये अहसास होता कि !!
दुआ कुबुल ना होने पे कितनी तकलीफ होती है !!

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है !!
अक्सर अपना बना कर !!

यूँ चेहरे पर उदासी ना ओढिये साहब !!
वक़्त ज़रूर तकलीफ का है !!
लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही !!

क़ाश कोई ऐसा हो ,जो गले लगा कर कहे !!
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है !!

क्यूँ महसूस नहीं होती उसे तकलीफ मेरी !!
जो कहता था कभी ‘बाबू’ !!
तुमको अच्छे से जानता हूँ मैं !!

कौन कहता है की जिंदगी तकलीफ देती है !!
अगर तुम जैसे दोस्त साथ हो !!
तो जिंदगी भी सर झुका देती है !!

कुछ लोग ज़िंदगी मे ऐसे होते हैं !!
चाहे वो तकलीफ कितनी भी दें !!
लेकिन उनसे मोहब्बत कभी कम नहीं होती !!

मुझे क़ुबूल है तेरी चाहत में !!
हर दर्द ,हर तक़लीफ़ !!
क्या तुझे क़ुबूल है मुहब्बत मेरी !!

मेरे यार को मेरी तकलीफ और दर्द से !!
कभी कुछ फर्क ही नहीं पड़ा !!
मैं बेवकूफ की तरह खुद को तड़पा रहा हूं !!

ना संघर्ष न तकलीफ तो क्या मज़ा है जीने में !!
बड़े बड़े तूफ़ान थम जाते हैं जब आग लगी हो !!
सीने में !!

सजा देनी तो मुझे भी आती है !!
पर तुम तकलीफ से गुजरो !!
ये मुझे गवारा नहीं !!

कुछ लोग ज़िंदगी मे ऐसे होते हैं !!
चाहे वो तकलीफ कितनी भी दें !!
लेकिन उनसे मोहब्बत कभी कम नहीं होती !!

सिर्फ उस रब से ही बताओ अपनी तकलीफ !!
वरना ज़माने में तो हर कोई मजबूरी !!
का फायदा उठाता हे !!

खुद को तकलीफ देने की मेने आदत !!
बना ली ताकि जब कोई !!
अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ न हो !!

Takleef Shayari
सिर्फ मुझे छोड़ के जब तुम सब से !!
बात करते हो तो !!
बहोत तकलीफ होती हे !!

मुझे उस चोट से तकलीफ नहीं होती !!
जिसके बदले में कोई खुस !!
रहना सिख ले !!

अपनी मोहब्बत जब किसी और की !!
हो जाती हे तो साहेब तो !!
बहोत तकलीफ होती हे !!
तकलीफ तो होंगी ही जिंदगी जिनि हे तो !!
वरना मरने के बाद तो जलने का !!
भी अहसास नहीं होता !!

तकलीफ ये नहीं की !!
किस्मत ने मुझे धोखा दिया !!
तकलीफ तो ये है मेरा !!
यकीन तुम पे था किस्मत पे नहीं !!

धुप बहुत कड़ी है !!
बदन जल रहा है !!
कुछ तकलीफ ज़रूर है !!
पर घर चल रहा है !!

तकलीफ ये नही की किस्मत ने !!
मुझे धोखा दिया !!
मेरा यकीन तुम पर था !!
किस्मत पर नही !!

जब इंसान हद से ज्यादा !!
खामोश हो जाए !!
तो समझ जाइए !!
तकलीफ शब्दों से परे हो गई है !!

कीमत बता तू !!
मुझे !!सजा-ए-मोहब्बत से रिहाई की !!
बहुत तकलीफ होती है !!
तेरी यादों की सलाखों में !!
चेहरे अजनबी हो जाये तो !!
कोई बात नही लेकिन !!
रवैये अजनबी हो जाये तो !!
बडी तकलीफ देते हैं !!

जो तुम बोलो बिखर जाएँ !!
जो तुम चाहो संवर जायें !!
मगर यूँ टूटना जुड़ना !!
बहुत तकलीफ देता है !!

निगाहों से क़त्ल कर डालो !!
न हो तकलीफ दोनों को !!
तुम्हें खंजर उठाने की !!
हमें गर्दन झुकाने की !!

आदत बना ली मैंने !!
खुद को तकलीफ देने की !!
ताकि जब अपना कोई तकलीफ दे !!
तो तकलीफ ना हो !!

उसको चाहा तो !!
मोहब्बत की तकलीफ नजर आई !!
वरना इस मोहब्बत की !!
बस तारीफ़ सुना करते थे !!

बहुत तकलीफ देती है ना !!
मेरी बातें तुम्हे !!
देख लेना एक दिन !!
मेरी ख़ामोशी तुम्हे रुला देगी !!

तकलीफ शायरी
तकलीफ़ मिट गई !!
मगर एहसास रह गया !!
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो !!
मेरे पास रह गया !!
मेरी फितरत में नहीं !!
अपना गम बयां करना !!
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो !!
महसूस कर तकलीफ मेरी !!
पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है !!
उम्र भर लेकिन !!
बस इक औलाद की तकलीफ़ से माँ !!
टूट जाती है !!
तकलीफ ये नहीं कि !!
तुम्हें अजीज़ कोई और है !!
दर्द तब हुआ !!
जब हम नज़र अंदाज़ किए गए !!
जो इश्क तकलीफ न दे !!
वो इश्क कैसा !!
और जो इश्क में तकलीफ न सहे !!
वो आशिक़ कैसा !!
क़ाश कोई ऐसा हो !!
जो गले लगा कर कहे !!
तेरे दर्द से !!
मुझे भी तकलीफ होती है !!
एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर !!
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर !!
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ !!
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर !!
ऐ खुदा काश तेरा भी एक खुदा होता तो !!
तुझे भी ये अहसास होता कि !!
दुआ कुबुल ना होने पे !!
कितनी तकलीफ होती है !!
चेहरे अजनबी हो जाये !!
तो कोई बात नहीं !!
मोहब्बत अजनबी होकर !!
बड़ी तकलीफ देती है !!
अच्छे दोस्त हाथऔर आँख की तरह होते हैं !!
जब हाथ को तकलीफ होती है !!
तो आँख रोती है !!
और जब आँख रोती है तो !!
हाथआँसू पोछते हैं !!
तकलीफ वो जो तड़पा दे !!
टीचर वो जो सजा दे !!
मोहब्बत वो जो वफ़ा दे !!
दुश्मन वो जो मरवा दे !!
और अपना वो !!
जो दिवाली की सफाई करवा दे !!
तकलीफ़ मिट गई !!
मगर एहसास रह गया !!
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो !!
मेरे पास रह गया !!
तकलीफ की सुरंगो से !!
जब जिन्दगी गुजरती है !!
सबसे पहले अपनो के !!
हाथ और साथ छुट जाते है !!
सारी रात तकलीफ देता रहा !!
यही एक सवाल हमें !!
वफ़ा करने वाले हमेशा !!
अकेले क्यों रह जातें हैं !!
कोन कहता है की जिदंगी !!
तकलीफ देती है !!
अगर तुम जैसे दोस्त साथ हो !!
तो जिदंगी भी सर झुका देती है !!
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Dard takleef shayari
कुछ लड़कियों की तकलीफ को !!
लोग क्या समझेंगे !!
उनका तो आधी रात को भी !!
गोलगप्पे खाने का मन करता है !!
रोज़ एक नई तकलीफ !!
रोज़ एक नया गम !!
ना जाने कब ऐलान होगा की !!
मर गए हम !!
शाम सूरज को ढलना सिखाती है !!
शमा परवाने को जलना सिखाती है !!
गिरने वाले को होती तो है तकलीफ !!
पर ठोकर इंसान को चलना सिखाती है !!
ज़िन्दगी में जितना बडा सपना देखोगे !!
उतनी ही बडी तकलीफें होगी !!
और जितनी बडी तकलीफें होगी उतनी !!
बडी कामयाबी होगी !!
चेहरे अजनबी हो भी जायें !!
तो कोई बात नहीं लेकिन !!
रवैये अजनबी हो जाये !!
तो ज़िन्दगी भर बड़ी तकलीफ देते हैं !!
जिंदगी गुजर ही जाती है !!
तकलीफें कितनी भी हो !!
मौत भी रोकी नहीं जाती !!
तरकीबें कितनी भी हो !!
आदत बना ली मैंने
खुद को तकलीफ देने की !!
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो !!
ज्यादा तकलीफ ना हो !!
एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़ !!
मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है !!
आराम क्या कि जिस से हो तकलीफ़ और को !!
फेंको कभी न पाँव से काँटा निकाल के !!
निगाहों से कत्ल कर दे !!
ना हो तकलीफ दोनों को !!
तुझे खंजर उठाने की !!
मुझे गरदन झुकाने की !!
मन करता हैं कि !!
बंदूक कि GOliyO पे i MiSs yOu !!
लिख के तेरे सीने मे उतार du !!
तब जाके तुझे पता लगेगा कि !!
जब कोई याद करता है तो !!
कितनी तकलीफ HOti है !!
जनाजा मेरा उठ रहा था !!
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में !!
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी !!
और कितनी देर है दफनाने में !!
ढाई अक्षर की बात कहने में !!
कितनी तकलीफ उठा रखी है !!
तूने आँखों में छिपा रखी है !!
मैंने होंठो पे दबा रखी है !!
सुन पगली जीतनी तकलीफ देनी है तुझे दे !!
मै तो खुद रोकर भी तुझे हसाऊँगा !!
तकलीफ इस जिगर में बदन में थकान है !!
ये जिन्दगी नही है गमों की दुकान है !!
हम रहते थे जो खुश !!
उसने हमे उदास कर दिखाया है !!
हम जानते ना थे क्या होता है दर्द !!
उस बेवफा ने तकलीफ से वाकिफ कराया है !!
तकलीफ की सुरंगो से !!
जब जिन्दगी गुजरती है !!
सबसे पहले अपनो के !!
हाथ और साथ छुट जाते है !!
Takleef shayari
मेरी फितरत में नहीं !!
अपना गम बयां करना !!
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ !!
तो महसूस कर तकलीफ मेरी !!
कुछ लड़कियों की तकलीफ को !!
लोग क्या समझेंगे !!
उनका तो आधी रात को भी !!
गोलगप्पे खाने का मन करता है !!
जिंदगी गुजर ही जाती है !!
तकलीफें कितनी भी हो !!
मौत भी रोकी नहीं जाती !!
तरकीबें कितनी भी हो !!
तुम्हें हमारी तकलीफों से वाकिफ कराएँगे !!
वक़्त बदलने दो हम भी तुम्हें तड़पाएँगे !!
तुम तड़पते रहोगे हमें पाने के लिए !!
हम किसी और के हो जाएंगे !!
मौत तो बेवजह बदनाम है !!
तकलीफ तो ज़िन्दगी देती है !!
जिसको हमने जान माना !!
उसकी यादें ही जान लेती है !!
काश कोई मेरे लिए गम सहे !!
काश कोई मेरी वजह से जिंदा रहे !!
काश कोई हो ऐसा जो ज़िन्दगी में !!
हमारी तकलीफ को अपनी कहे !!
ज़िन्दगी हमारी और हिस्सा आप हो !!
तकलीफ हमारी और हमदर्द आप हो !!
समझ नहीं आता हम आपके हे या आप हमारे !!
जैसे मेरी हर मुश्किलों के हल हे आपके सवारे !!
कीमत बता तू मुझे !!
सजा-ए-मोहब्बत से रिहाई की !!
बहुत तकलीफ होती है !!
तेरी यादों की सलाखों में !!
जाती हुई मय्यत देख के भी !!
वल्लाह तुम उठ कर आ न सके !!
दो चार क़दम तो दुश्मन भी !!
तकलीफ़ गवारा करते हैं !!
तकलीफ वो जो तड़पा दे !!
टीचर वो जो सजा दे !!
मोहब्बत वो जो वफ़ा दे !!
दुश्मन वो जो मरवा दे !!
और अपना वो !!
जो दिवाली की सफाई करवा दे !!
चेहरे अजनबी हो भी जायें !!
तो कोई बात नहीं लेकिन !!
रवैये अजनबी हो जाये !!
तो ज़िन्दगी भर बड़ी तकलीफ देते हैं !!
दुनिया उन्हीं की खैरियत पूछती है !!
जो पहले से ही खुश हों !!
जो तकलीफ में होते हैं !!
उनके तो नंबर तक खो जाते है !!
हाथ तो उनके भी ज़ख्मी हुए होंगे !!
इस पत्थर दिल को तोड़ वो कहाँ खुश रहे होंगे !!
जब तोड़ा होगा हमारा दिल बेरहमी से !!
तकलीफ से उनके आँसू भी बहे होंगे !!
ज़िन्दगी में सिर्फ दर्द और गम पाया है !!
जो हमारा था हमने वो गवाया है !!
दूसरों को खुशी देने के लिए !!
खुद को तकलीफ से वाकिफ कराया है !!
कदर करलो उनकी जो तुमसे !!
बिना मतलब की चाहत करते है !!
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम !!
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है !!
Zindagi takleef shayari
हमारे दिल में हर रोज़ एक सवाल आता है !!
वो सवाल हमें तकलीफ से तड़पाता है !!
के जो भी वफ़ा करता है इश्क़ में !!
वो अक्सर अकेला क्यों रह जाता है !!
तुम मुझे दर्द देकर अगर खुश हो तो !!
मैं तेरी खुशी में खुश हो जाऊंगा !!
मुझे जितनी तकलीफ देनी है दे लो !!
मैं तेरा दिया हर एक गम सहता जाऊंगा !!
मेरी फितरत मेँ नही !!
अपना ग़म बयां करना !!
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ !!
तो महसूस कर तकलीफ मेरी !!
निगाहों से कत्ल कर दे !!
ना हो तकलीफ दोनों को !!
तुझे खंजर उठाने की !!
मुझे गरदन झुकाने की !!
ज़िन्दगी में जितना बडा सपना देखोगे !!
उतनी ही बडी तकलीफें होगी !!
और जितनी बडी तकलीफें होगी उतनी !!
बडी कामयाबी होगी !!
तकलीफ ये नहीं की !!
किस्मत ने मुझे धोखा दिया !!
तकलीफ तो ये है मेरा !!
यकीन तुम पे था किस्मत पे नहीं !!
दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है !!
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है !!
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो !!
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है !!
ए मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर !!
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर !!
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ !!
ए हवा तू भी उसे छुवा ना कर !!
शाम सूरज को ढलना सिखाती है !!
शमा परवाने को जलना सिखाती है !!
गिरने वाले को होती तो है तकलीफ !!
पर ठोकर इंसान को चलना सिखाती है !!
जनाजा मेरा उठ रहा था !!
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में !!
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी !!
और कितनी देर है दफनाने में !!
किसी को तकलीफ़ देकर मुझसे !!
अपनी ख़ुशी की दुआ मत करना लेकिन !!
अगर किसी को एक पल की भी ख़ुशी देते हो !!
तो अपनी तकलीफ़ की फ़िक्र मत करना !!
सारी रात तकलीफ देता है !!
बस यही एक सवाल साहब !!
के वफ़ा करने वाले अक्सर !!
तनहा क्यों रह जाते है !!
तुम्हारा रूठ जाना हमें तड़पाता है !!
तेरा गैरों से बात करना दिल जलाता है !!
हमें देख कर तेरा अनदेखा कर देना !!
दिल को दर्द और तकलीफ दे जाता है !!
बहुत से लोगों को छोड़ मै तेरे पास आया था !!
तुम्हें अपना समझा तुमने मुझे ठुकराया था !!
तुमसे हम आस करते थे ख़ुशियों की मगर !!
तू हमारी ज़िंदगी में तकलीफ लेकर आया था !!
उसने हमें बहुत आज़माया है !!
इश्क़ में दर्द सहने के काबिल बनाया है !!
जिससे हम पाना चाहते थे खुशियाँ !!
उससे तकलीफों का भंडार पाया है !!
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Taklif status
तकलीफ होती है हमें जब तू !!
किसी और से नज़रें मिलाता है !!
तकलीफ होती है जब हमें बेगाना !!
और गैरों को तू अपना बताता है !!
देख के इनहे तुम्हे तकलीफ न हो कही !!
अपना हर ज़ख़्म तुमसे छुपाते है !!
तड़प न उठो मेरा महसूस कर काफी !!
हम खामखा ही मुस्कुरा लेते हे !!
डूबता सूरज ढलता दिन !!
क्यूँ इस कदर कचौटता हैं यह मुझे !!
शायद तकलीफ करता हैं बयाँ !!
फिर बिता एक दिन तेरे बिना !!
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम !!
गलती हुई क्योकि इंसान थे हम !!
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं !!
कभी उसी शख्स की जान थे हम !!
जिन्दगी में दो लोग बहुत तकलीफ देते है !!
एक वो जिससे प्यार न हो और उसके साथ रहना पड़े !!
दूसरा वो जिससे हद से ज्यादा प्यार हो !!
और उसके बिना रहना पड़े !!
किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नहीं !!
बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नहीं !!
मैं अपने गम में रहती हूँ नबाबों की तरह !!
परायी ख़ुशी के पास जाना मेरी आदत नहीं !!
इतनी तकलीफ नहीं होती वक्त के !!
बदल जाने से !!
जितनी किसी अपने के बदल जाने !!
से तकलीफ होती हे !!
क़त्ल कर दो निगाहो से ताकि हम दोनों !!
को तकलीफ न हो !!
मुझे सर झुकाने की और तुम्हे !!
खंजर उठाने की !!
जीने में क्या मजा अगर संघर्ष और !!
तकलीफ न हो तो !!
बड़े बड़े तूफान थम जाते हे अगर !!
आग लगी हो सीने में !!
हमसफ़र नहीं होते तस्वीर में !!
साथ दिखने वाले !!
तकलीफ में साथ देने वाले हमसफ़र !!
होते हे !!
अपना गम बया करना मेरी !!
फितरत में नहीं !!
अगर तेरी वजूद का हिस्सा हु तो !!
महसूस कर तकलीफ मेरी !!
जिंदगी का वो लम्हा हमे बहोत !!
तकलीफ देता हे !!
जब हम चाह कर भी किसी के हो !!
नहीं सकते !!
किसी को हम मजाक में भी !!
तकलीफ देने से डरते हे !!
और न जाने लोग कैसे सोच समझकर !!
दिलो से खेल जाते हे !!
कोई बात बही तकलीफ देने वाले को !!
भूल जाओ तो !!
किन्तु तकलीफ में साथ देनेवाले को !!
कभी मत भूलना !!
न कर बेशक मोहब्बत मगर बात तो कर !!
तेरा यु खामोश रहना ही बड़ी तकलीफ देता हे !!
Taklif quotes
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम !!
गलती हुई क्योकि इंसान थे हम !!
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं !!
कभी उसी शख्स की जान थे हम !!
दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होतीहै !!
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होतीहै !!
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो !!
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है !!
किसी को तकलीफ देना !!
मेरी आदत नहीं !!
बिन बुलाया मेहमान बनना !!
मेरी आदत नहीं !!
मैं अपने गम में रहती हूँ !!
नबाबों की तरह !!
परायी ख़ुशी के पास जाना !!
मेरी आदत नहीं !!
जिन्दगी में दो लोग बहुत तकलीफ देते है !!
एक वो जिससे प्यार न हो और उसके साथ रहना पड़े !!
दूसरा वो जिससे हद से ज्यादा प्यार हो !!
और उसके बिना रहना पड़े !!
एक इंसान ऐसा होता हे जिंदगी में !!
जो कितना भी तक़लीफ दे हमे !!
मगर सुकून उसी के पास ही !!
मिलता हे हमे !!
इंसान का दिल दुखता हे हर तकलीफ से !!
लेकिन हर तकलीफ से इंसान !!
सीखता भी बहोत हे !!
सीने में बहोत दर्द छुपाकर !!
तकलीफ होती हे जीने में !!